रेंजर परमानंद रजक को झिंकपानी एवं चक्रधरपुर का अतिरिक्त प्रभार मिला

@ सिद्धार्थ पाण्डेय /चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम ) झारखंड  :-

गुवा रेंज कार्यालय के वन क्षेत्र पदाधिकारी परमानन्द रजक को गुवा वन क्षेत्र के अतिरिक्त झिंकपानी एवं चक्रधरपुर वन क्षेत्र का पदाधिकारी सह रेंजर के रूप में पदोन्नति प्रदान की गई है। अब वे गुवा के अतिरिक्त अन्य दो वन क्षेत्रों का प्रभार का भी संचालन करेंगे।

साक्षात्कर में रेंजर परमानंद रजक ने बताया कि गुवा वन क्षेत्र के साथ-साथ झिंकपानी एवं चक्रधरपुर वन क्षेत्र के विकास एवं रक्षा का कार्य पूरे तत्परता पूर्वक करेंगे । उनका एक ही धयेय है वन क्षेत्र की रक्षा की जाए एवं वन में रहने वाले प्राणियों के ऊपर किसी भी तरह का अत्याचार नहीं हो । पदाधिकारी रेंजर परमानंद रजक ने कहा कि पौधारोपण के लिए सदैव अग्रसर रहें ।वृक्ष ही हरियाली व जीवन प्रदान करने वाला है ।

वृक्ष मानव जीवन के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए अत्यंत अनिवार्य है ।उन्होंने कहा कि वनों के बहुमूल्य पदार्थों के साथ-साथ खनन किए जाने वाले क्षेत्र की देख रेख करना उनका मौलिक दायित्व एवं जिम्मेदारी है जिसे वे पूरे ईमानदारी पूर्वक निभाएंगे । उन्होंने आगे बताया कि एशिया प्रसिद्ध सारंडा जंगल में अभी से पड़ रही भीषण गर्मी एवं नदी, प्राकृतिक झरने आदि सूखने लगे हैं ।

सारंडा की लाईफ लाईन कही जाने वाली कारो (उद्गम स्थल कोईड़ा, ओड़िसा), कोयना नदी (उद्गम स्थल भनगाँव, सारंडा) एवं सरोखा उर्फ सोना नदी (उद्गम स्थल सुकरी माईन्स की तलहटी, सारंडा) नदी वर्तमान में नाला व पथरीली रास्ते का रूप धारण करती जा रही है ।अगर इसके संरक्षण हेतु सरकारी, समाजिक व औद्योगीक घराने स्तर पर प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में सारंडा में अनेकानेक समस्या दिखेगी।

उन्होंने क्षेत्र के लोगो से अपील की है कि पौधारोपण के लिए सदैव अग्रसर रहें ।वृक्ष ही हरियाली व जीवन प्रदान करने वाला है ।वृक्ष मानव जीवन के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए अत्यंत अनिवार्य है।

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