सीकर स्थित खाटूश्याम जी में तीन दिवसीय सुभाष पालेकर कृषि कार्यशाला आयोजित

@ सीकर राजस्था

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने किसानों का आह्वान किया है कि वे प्राकृतिक खेती की ओर लौटें। उन्होंने रसायन रहित खेती के साथ न्यूनतम लागत, अधिक उपज, उच्च गुणवत्ता और स्वच्छ पर्यावरण के लिए प्राकृतिक खेती को अपनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने “गांव का पैसा गांव में और शहर का पैसा शहर में” के लिए किसानों को कार्य करते देश की समृद्धि में योगदान का आह्वान किया।
बागडे शनिवार को खाटूश्याम जी में बजाज फाउंडेशन के जमनालाल कनीराम ट्रस्ट द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सुभाष पालेकर कृषि कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे। इसमें देश के 13 राज्यों के किसान भाग ले रहे हैं।
राज्यपाल ने जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए गांव का पानी, गांव में ही रुके, ऐसे प्रयास किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भूमि अन्नपूर्णा है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बचाने के लिए प्राकृतिक खेती ही देश की सबसे बड़ी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यूरिया, डीएपी और कीटनाशकों के बढ़ते अधिक उपयोग से गंभीर बीमारियों में वृद्धि हुई है। मिट्टी के मित्र किटाणु और सूक्ष्म जीवों की संख्या में नगण्य रह गई है। इन उर्वरकों के कारण आज कैंसर जैसे असाध्य रोग के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन सबसे बचने के लिए किसान प्राकृतिक खेती को अपनाए।

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