शनि मन्दिर विकास नगर, शिवा एन्क्लेव, हस्तसाल, दिल्ली भाग : ३८४,पण्डित ज्ञानेश्वर हँस “देव” की क़लम से

Share News

शनि मन्दिर, सोम बाज़ार, विकास नगर, शिवा एन्क्लेव, हस्तसाल, दिल्ली भाग : ३८४

आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा भारत के धार्मिकस्थल : नारियल वाली अम्बे माता मन्दिर, राजेन्द्र नगर, इन्दौर, मध्यप्रदेश। यदि आपसे उक्त लेख छूट गया या रह गया हो तो आप कृपया करके प्रजा टूडे की वेब साईट पर जाकर www.prajatoday.com धर्मसाहित्य पृष्ठ पढ़ सकते हैं! आज हम प्रजाटूडे समाचारपत्र के अति-विशिष्ट पाठकों के लिए लाए हैं:

शनि मन्दिर, सोम बाज़ार, विकास नगर, शिवा एन्क्लेव, हस्तसाल, दिल्ली भाग : ३८४

सात फ़ुट लम्बी जटाएँ हैं जिनकी चर्चा भारत की राजधानी दिल्ली में ही नहीँ, महानगर मुम्बई और कोलकाता में भी जिनके नाम का डंका बजता है जो बाबा मङ्गल राम के नाम से सुविख्यात हैं। जिनके दर्शन करने हरियाणा पँजाब हिमाचल प्रदेश एवँ उत्तर प्रदेश के रहवासी अपने दुःखड़े अपना दर्द बाबा के समक्ष बयान करते हैं और बाबा समाधान दे देते हैं।

बाबा मङ्गल राम जी का दूरभाषित साक्षात्कार:

मेरा नाम बाबा मङ्गल राम है और मैं २५ साल से शनि बाबा जी के चरणों में उनकी सेवा कर रहा हूँ। मैं २५ साल से अन्न नहीं खाता। जो व्रत वाले लोग खाते हैं मैं वही खाता हूँ। मैं शनी शिगनापुर भी गया था, बाबा जी जो बताते हैं वही मैं कहता हूँ। हमें जो भी काम बाबा जी सपने में बताते हैं हम वह काम कर लेते हैं। हज़ारों की तादाद में इस मन्दिर में लोग आते हैं उनकी कोई भी परेशानी यदि होती है और यहाँ पर मात्था टेकते हैं और उनकी परेशानी वहीँ ख़त्म हो जाती है। यह बाबा जी की कृपा है और उसी शनि मन्दिर में ही, बाला जी का दरबार भी है। शनि मन्दिर में ही, प्रेतराज सरकार भी हैं।

माता रानी का दरबार भी है और शनि मन्दिर में ही, भोले भण्डारी का दरबार भी है। आगे हनुमान जी मध्य काली माता और पीछे भैरव बाबा का भी दरबार है और भी यहाँ पर कई सिद्ध भी विराजमान हैं जैसे कि बाबा वीर गुलाटी और यहाँ जहाँगीर बाबा भी हैं। जोधपुर में हज़ारा धाम मैं १००८ भारती जी महाराज हैं। हम उनके दर्शन करने गए थे, वहाँ पर जो आशीर्वाद मिला, हमने यही माँगा था कि उनसे “हे प्रभु हम को ऐसा आशीर्वाद दे दो जो कि लोगों के काम आए तो हमने वहाँ से आकर आशीर्वाद दिया और जो वहाँ पर जाकर आशीर्वाद मिलता है। वह हम यहाँ लोगों को दे देते हैं। लोगों का कल्याण हो जाता है। इसी कारण धीरे-धीरे करके मन्दिर प्रसिद्ध हो गया।

यह मन्दिर बहुत प्राचीन है और इस मन्दिर में शनि देव महाराज धरती से १० फुट नीचे विराजमान है। ज़मीन में १० फुट नीचे उतर कर कुएँ जैसा बना है। जिसमें बाबा जी विराजमान है और उसमें तकरीबन छोटी सी लाइट जलती है और हमेशा अँधेरा रहता है। जो लोग इस मन्दिर में बाबा जी के दर्शन करने आते हैं उनके सारे काम सफ़ल हो जाते हैं, यही इस शनि मन्दिर की महिमा है।

बाबा मङ्गल राम को लेने आए यमदूत :

एक बार बाबा मङ्गल राम जी के साथ एक हादसा हुआ था, वो सालासर चले गए थे फिर दर्शन करके और उसके बाद वह द्वारकाधीश चले गए। महाकाल चले गए। ॐकारेश्वर नागेश्वर त्र्यम्बकेश्वर यहाँ सब जगह घूम कर महाकाल के दर्शन करके, यहां आए, उन्हेँ एकदम कुछ ऐसा झटका लगा था की बस वोह बाथरूम के अँदर गिर गए। उसके बाद तक़रीबन २ घण्टे तक उन्हें पता नहीं क्या हुआ फिर दो घण्टे बाद वहाँ से उठे। कुछ लोग वहाँ पर आ गए और बाबाजी वीडियो भी बहुत प्रसिद्ध हुआ यूट्यूब पर।
हम को भगवान ने एकदम से चेतावनी दे दी, यमदूत आ गए और बाबा मङ्गल राम जी लेकर जाने लगे और उन्हें लेकर जाएंगे और वहाँ १ घण्टे तक वार्तालाप करें उन्हेँ नहीं पता था, उन्हेँ बच्चों ने बाद में बताया कि तुम्हारे साथ ऐसा ऐसा हुआ है परन्तु वह बोले “जिसके साथ शनि देव महाराज हैं और महाकाल का हाथ है उनको लेकर नहीं जा सकते।” फिर वह छोड़ कर चले गए और उसी समय उनकी निद्रा भी खुल गई और उनके अन्दर चेतना पुनः आ गई, नहीं तो वह मूर्छित हो गए थे। यह सब प्रभु की इच्छा है उन्हें नहीं मालूम है सच में।

बाबा मङ्गल राम जी ने अपनी विद्या का कभी ग़लत इस्तेमाल नहीं किया और ना ही कभी भी किसी ग़रीब को सताया। यहाँ सब जगह से लोग आते हैं दूर-दूर से मुंबई से कोलकाता से छोटे-मोटे शहर से पानीपत से। बाबा जी आगे फ़ोन पर बताते हैं कि अगर आप मेरे आमने-सामने होते तो आप की शक्ति मेरे अँदर आ जाती। बाबा मङ्गल राम जी पहले गवर्मेन्ट ऑफ इण्डिया में नौकरी करते थे। बाबाजी के के बाल सात फ़िट के हैं। बाबाजी बताते हैं कि शनि देव महाराज बाबा सत्य के देव स्वरूप हैं।

शनि देव को कैसे प्रसन्नचित्त करें? :

यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान जी की पूजा में सिन्दूर रखा जाता है और आरती के लिए दीप जलाने के लिए काले तिल के तेल का इस्तेमाल करते हैं। पूजा में नीले फूल चढ़ाना भी अति शुभ माना जाता है।

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार को करें ये उपाय, बदल जाएगी किस्मत:

शनि देव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा बनी रहती है।

शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से वे जल्दी ही प्रसन्न होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में होता है, उन्हें जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में भक्त शनि देव को प्रसन्न करने हेतु और उनका आशीर्वाद लेने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार, शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने से वे जल्दी ही प्रसन्न होते हैं।

जानें कुछ विशेष उपायों के बारे में:

शनि देव को प्रसन्नचित्त करने के उपाय, हनुमानजी की पूजा। यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा करें। हनुमानजी की पूजा में सिन्दूर रखा जाता है और आरती के लिए दीप जलाने के लिए काले तिल के तेल का इस्तेमाल करते हैं। पूजा में नीले फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।

शनि यन्त्र स्थापित करें :

यदि शनि के प्रकोप के कारण जीवन संकटों से घिरा हुआ है तो शनिवार के दिन शनि यन्त्र की स्थापना कर उसकी पूजा करनी चाहिए। इस यन्त्र की प्रतिदिन पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। इससे शनि देव बहुत प्रसन्नचित्त होते हैं। शनि यन्त्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर और प्रत्येक शनिश्चरवार को नीले फूल चढ़ाने से भी शनि देव की अति कृपा बनी रहती है।

शनिदेव को इस वजह से बजरँगबली ने पूंछ में लपेट लिया था, अगले शनिश्चरवार को बताएँगे ये पौराणिक कथा। :

काले चने का भोग लगाएँ :

पूजा के एक दिन पहले १.२५ किलो काले चने को तीन बर्तनों में अलग-अलग भिगो दें। अगले दिन स्नान के बाद विधि-विधान से शनि देव की पूजा में उन काले चनों को चढ़ाएँ। पूजा के बाद पहले कुछ चने काली भैंस को खिलाना चाहिए। बाकी बचा कुष्ठ रोगियों को बाँटना चाहिए। वहीँ कुछ चना घर से दूर ऐसी जगह पर रखना चाहिए। जहाँ कोई न होता हो।

काली गाय की सेवा करना

शनि देव को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है गाय की सेवा करना। काली गाय की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। गाय के सींग पर कलावा बांधना चाहिए और पूजा करनी चाहिए. इसके बाद गाय के चारों ओर घूमें और उसे चार चम्मच बूँदी खिलाएँ।

काले कुत्ते को दूध पिलाएँ :

शनिश्चरवार को यदि आप काले कुत्ते को दूध पिलाएँ तो शनि देव प्रसन्न हो जाते हैं।

श्री शनि देव महाराज की आरती :

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूर्य – पुत्र प्रभु जी, छाया महतारी॥

जय जय श्री शनि देव….

श्याम अँग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी। नीलाम्बर धार नाथ, गज की असवारी॥

जय जय श्री शनि देव….

क्रीट मुकुट शीश रजित दीपत है लिलारी। मुक्तन की माला – गले शोभित हैं बलिहारी॥

जय जय श्री शनि देव….मोदक मिष्ठान – पान चढ़त हैं सुपारी। लोहा तिल तेल उड़द, महिषी अति प्यारी॥

जय जय श्री शनि देव….

देव दनुज ऋषि मुनि, सुमिरत नर नारी। विश्वनाथ धरत – ध्यान, शरण हैं तुम्हारी॥

जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी ।।

शनिआरती पठित्व

पता :

शनि मन्दिर,C5A, सोमबाज़ार, विकास नगर, शिवा एन्क्लेव, हस्तसाल, दिल्ली पिनकोड ;110059 भारत।

हवाई मार्ग से कैसे पहुँचें :

पालम दिल्ली के इन्दिरगाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से कैब द्वारा आप १७.७ किलोमीटर का मार्ग तय करके ५४ मिन्टस में पहुँच जाओगे शनि मन्दिर।

रेल मार्ग से कैसे पहुँचें:

मेट्रो रेल द्वारा उत्तम नगर ईस्ट उतर कर किलोमीटर की यात्रा करके ई-रिक्शा द्वारा पहुँच जाओगे शनि मन्दिर।

सड़क मार्ग से कैसे पहुँचें :

यदि आप दिल्ली के ISBT से बस / बाइक या कार द्वारा रोहतक रोड़ से होते हुए २२.५ की दूरी तय करते हुए राष्ट्रीयराजमार्ग होते हुए १ घण्टा २३ मिन्ट्स में पहुँच जाओगे शनि मन्दिर।

शनि देव महाराज की जय हो। जयघोष हो।।

One thought on “शनि मन्दिर विकास नगर, शिवा एन्क्लेव, हस्तसाल, दिल्ली भाग : ३८४,पण्डित ज्ञानेश्वर हँस “देव” की क़लम से

Leave a Reply

Your email address will not be published.

LIVE OFFLINE
track image
Loading...