श्री शिव नवग्रह मन्दिर धाम, चाँदनी चौक, नई दिल्ली भाग : ४००
आपने पिछले भाग में पढ़ा होगा भारत के धार्मिक स्थल : श्री नानकपुरा गुरुद्वारा, मोती बाग़ साहिब, नई दिल्ली। यदि आपसे उक्त लेख छूट गया या रह गया हो तो आप कृपया करके प्रजा टूडे की वेब साईट पर जाकर www.prajatoday.com धर्मसाहित्य पृष्ठ पढ़ सकते हैं! आज हम प्रजाटूडे समाचारपत्र के अति-विशिष्ट पाठकों के लिए लाए हैं:
श्री शिव नवग्रह मन्दिर धाम, चाँदनी चौक, नई दिल्ली भाग : ४००
दिल्ली के प्रसिद्ध शिव मन्दिर:
भगवान शिव परम-ब्रह्म के भौतिक रूप हैं, जिन्हें महादेव, शिवशँकर और भोलेनाथ के रूप में भी जाना जाता है। हिन्दू त्रिदेव तीन भगवान में से एक रूप हैं शिव, वह ब्रह्मांड में विनाश और बहाली के लिए जिम्मेदार हैं। उनकी पत्नी गौरजां माता पार्वती शक्ति माता नव दुर्गा देवी के रूप मे पूजी जाती हैं। सावन के सोमवार, सोलह सोमवार और शिवतेरस श्री शिव मन्दिरों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन हैं।
नई दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद के प्रमुख भगवान शिव मन्दिर वज़ प्रकार हैं :
श्री दादा देव मन्दिर में श्री दादा देव मन्दिर पालम, शाहबाद, बागडोला, नसीरपुर, बिंदापुर, डाबड़ी, असालतपुर, उंटाला, मटियाला, बापरोला, पूठकला और नांगलराई गाँवों का ग्राम देव हैं दादा देव जो पालम गाँव में स्थित हैं।
दूधेश्वर महादेव यह अति प्राचीन, पुराणों मे वर्णित, त्रेता युग से ही स्थापित हिरण्यगर्भ सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ महादेव के स्वरूप को धारण किए यह मन्दिर श्री दूधेश्वरनाथ मन्दिर के नाम से प्रषिद्ध हैं।
नीली छतरी मन्दिर गाज़ियाबाद में महाभारत काल से स्थापित भगवान शिव का प्राचीन मन्दिर, प्राचीन नीली छतरी मन्दिर पांडवों कालीन, यह मन्दिर जन साधारण में नीली छतरी मन्दिर नाम से प्रसिद्ध है।
गुफा वाला मन्दिर, प्रीत विहार, नई दिल्ली। Tपूर्वी दिल्ली के विशाल एवं रमणीय आध्यात्मिक शिव मंदिर मे माँ वैष्णो की गुफा भक्तों को बहुत भाती है।
श्री कैलाशपति मन्दिर, हौज़ ख़ास नई दिल्ली में २० टन बजन का विशाल, दिल्ली का सबसे बड़ा शिवलिंग श्री कैलाशपति मन्दिर के प्रथम पूज्य हैं। इतनी विशाल शिवलिंग को रखने के लिए मन्दिर मे विशेष आधारशिला रखी गई है।
चक्करपुर शिव मन्दिर, गुरुग्राम हरियाणा में, प्राचीन शिव मन्दिर, चक्करपुर गाँव का प्राचीनतम मंदिर होने के साथ-साथ यहाँ के निवासियों का ग्राम देवता मन्दिर भी है।
गौरी शंकर मन्दिर, चाँदनी चौक। श्री गौरी शंकर मंदिर, भगवान शिव और माँ आदिशक्ति को समर्पित, एक ८०० वर्ष पुराना लिंगम है जो भूरे रंग के फल्लस पत्थर से बना है।
प्राचीन श्री शिव शक्ति मन्दिर, ग़ाज़ियाबाद। भगवान शिव एवं माँ आदिशक्ति को समर्पित वैशाली का सबसे पुराना गौरी-शंकर मंदिर प्राचीन श्री शिव शक्ति मंदिर के नाम से जाना जाता है।
मङ्गल महादेव बिरला कानन एरोसिटी नई दिल्ली में मङ्गल महादेव बिड़ला कानन का उद्घाटन वर्ष १९९४ की महा शिवरात्रि के अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा एवँ श्री सरल बसंत बिड़ला की उपस्थिति में किया गया।
शिव साईं मन्दिर, नोएडा, उत्तरप्रदेश। शिव साईं मन्दिर की स्थापना सन् १९७० में श्री कालीचरण जी द्वारा की गई थी। मन्दिर मे नवग्रह धाम एवं यज्ञशाला के दर्शन किए जा सकते हैं।
शिव शक्ति मन्दिर, वसुंधरा ग़ाज़ियाबाद, उत्तरप्रदेश में भगवान शिवशँकर माता आदिशक्ति एवँ मकर संक्राती को समर्पित श्री शिव शक्ति संक्रांति मंदिर, वसुंधरा का सबसे बड़ा शिव-शक्ति मन्दिर है।
श्री शिव बालकनाथ मन्दिर, मयूर विहार, नई दिल्ली। श्री बाबा बालक नाथ सिद्धपीठ से प्रारंभ होकर, भगवान शिव के मंदिर मे परवर्तित इस मन्दिर को भक्त श्री शिव बालकनाथ मन्दिर के नाम से जानते हैं।
श्री शिव मन्दिर, ग़ाज़ियाबाद, उत्तरप्रदेश में शक्ति खंड, इंद्रापुरम के भक्तों की मदद से, पंडित श्री कुलदीप शर्मा ने हिंडन नहर के किनारे श्री शिव मंदिर को स्थापित करने और मंदिर को बनाए रखने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया।
श्री शिव मन्दिर, ग्रेटर नोएडा में, आज से लगभग ३०० वर्ष पहिले, ग्राम बिरौंडी चक्रसैनपुर के एक अग्रवाल परिवार द्वारा स्थापित यह मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है। मन्दिर को साधारण बोल-चाल की भाषा में प्रायः श्री महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
श्री अमरनाथ मन्दिर, मयूर विहार में, दिल्ली की सँजय झील के किनारे बसे मयूर विहार फेज़ २ में भगवान शिव के अमरनाथ स्वरूप को समर्पित श्री अमरनाथ मंदिर, आस-पास के कश्मीर-वासियों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।
श्री मनन धाम मन्दिर, ग़ज़िआबाद, उत्तरप्रदेश में श्री मननधाम परमपूजनीय श्री वैष्णो देवा माँ जी की प्रेरणा से शास्त्रअनुसार अती उतम वास्तुकला से बना मन्दिर है जिसे शंख वाला मन्दिर के नाम से ख्याति प्राप्त है।
श्री सिद्धेश्वर महादेव मन्दिर, ग़ज़िआबाद, उत्तरप्रदेश में, श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना उज्जैन के सिद्धेश्वर महादेव की प्रेरणा से, कवि नगर गाज़ियाबाद में स्थित है।
श्री शिव दुर्गा मन्दिर, पँजाबी बाग़ दिल्ली में श्री शिव दुर्गा मन्दिर १९९८३ से भगवान शिव-शक्ति मन्दिर है। अब यह मन्दिर पंजाबी बाग का विकलांगता सक्षम मन्दिर है।
प्राचीन शिव मन्दिर नोएडा,उत्तरप्रदेश में, प्राचीन शिव मन्दिर, गौतम बुद्ध नगर के सबसे पुराने मन्दिरों में से एक है। प्रारँंभ में श्री बाबा बालनाथ जी द्वारा शुरू किया गया और उनकी समाधि मंदिर के बाद उनकी समाधि स्थल पर जीर्णोद्धार किया गया। से सटे नए सात शिखर मंदिर भी प्रक्रियाधीन है।
श्री नीलकंठ शिव मन्दिर, नोएडा, उत्तरप्रदेश मेंवप्राचीन श्री नीलकंठ शिव मन्दिर बिशनपुरा गाँव के ग्राम देवता हैं। अतः मन्दिर उतना ही पुराना है जितना कि बिशनपुरा गाँव का इतिहास। यहाँ भगवान शिव के नीलकंठ स्वरूप के पूजा की जाती है।
श्री वेदनाथ महादेव मन्दिर, दिल्ली में, श्री 1008 स्वामी महेशानंद गिरी जी महाराज द्वारा स्थापित श्री वेदनाथ महादेव मंदिर अन्य चार मन्दिरो के साथ सन् १९८६ से अशोक विहार में शोभायमान है।
प्राचीन श्री शिव हनुमान मन्दिर दिल्ली में प्राचीन श्री शिव हनुमान हसनपुर डिपो नई दिल्ली के सरकारी कर्मचारी द्वारा स्थापित है।
श्री शिव मन्दिर, नई दिल्ली में श्री शिव मन्दिर नेहरू प्लेस में श्री भैरव मन्दिर के सामने स्थित है। महा शिवरात्रि मन्दिर का सबसे प्रमुख त्यौहार है।
श्री शिव मन्दिर, ग़ज़िआबाद, उत्तरप्रदेश में श्री शनि धाम और साईं दरबार के साथ वैशाली सेक्टर 2 के सबसे व्यस्त बाजार क्षेत्र में भगवान शिव को समर्पित, वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास जगन्नाथ मंदिर के साथ एक ही दीवार साझा करें।
शिव एवं शनि मन्दिर, नई दिल्ली भगवान शिव और श्री शनि महाराज को समर्पित महाराज श्री सवाई राम सिंह द्वारा १८७७ में स्थापित, दो मन्दिरों का समूह भगवान शिव मन्दिर श्री गणेश मंदिर के साथ, दोनों मन्दिर एक ही दीवार साझा करते हैं और परस्पर जुड़े हुए हैं।
शिव शँकर मन्दिर चाँदनी चौक का शिव मन्दिर श्री शिव नवग्रह मन्दिर धाम, भगवान शिव की उपस्थिति के साथ नवग्रह को समर्पित है। मन्दिर का एक मुख्य भाग शनि धाम के रूप मे श्री शनि महाराज जी को समर्पित है।
चाँदनी चौक शिव मन्दिर –
चाँदनी चौक शिव मन्दिर निकट मैट्रो स्टेशन चाँदनी चौक नई दिल्ली
मुख्य आकर्षण –
नवग्रह को समर्पित दिल्ली का सबसे पुराना प्रसिद्ध मन्दिर।
मुख्य आकर्षण यहाँ स्थित शनि धाम तथा सूर्य भगवान की मूर्ति।
श्री शिव नवग्रह मन्दिर धाम, भगवान शिव की उपस्थिति के साथ नवग्रह को समर्पित है। मन्दिर का एक मुख्य भाग शनि धाम के रूप मे श्री शनि महाराज जी को समर्पित है। नौ-ग्रहों मे सर्व श्रेष्ठ सूर्य देव को मुख्य द्वार के शीर्ष पर उनके सात सफेद अश्वों के साथ स्थापित किया गया है। श्री सँकटमोचन हनुमान मन्दिर एवँ माता शक्ति के मन्दिर भी इस परिसर से जुड़े हैं।
नवग्रह में नव का अर्थ नौ अँक से है तथा ग्रह का अर्थ खगोलीय ग्रह अर्थात खगोलीय पिंड से है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह नौ-ग्रह निम्न प्रकार हैं:
नवग्रह: सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु
नवग्रह पूजा का प्रसिद्ध मन्त्र :
ब्रह्मामुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशिभूमिसुतोबुधश्च गुरुश्चशुक्र: शनि राहुकेतवा सर्वेग्रहा शाँति करा भवन्तु। सर्वेग्रहा मङ्गलदा भवन्तु।।
यह मन्दिर चाँदनी चौक मेट्रो स्टेशन, महात्मा गाँधी पार्क एवँ हरदयाल निगम पब्लिक लाइब्रेरी के निकट अत्यधिक व्यस्त स्थान पर स्थित है।
प्रचलित नाम: श्री शिव नवग्रह मन्दिर धाम, शनि देव मन्दिर चाँदनी चौक।
शिव आरती :
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
आदित्य-हृदय स्तोत्र:
आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ नियमित करने से अप्रत्याशित लाभ मिलता है। आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से नौकरी में पदोन्नति, धन प्राप्ति, प्रसन्नता, आत्मविश्वास के साथ-साथ समस्त कार्यों में सफलता मिलती है। हर मनोकामना सिद्ध होती है। सरल शब्दों में कहें तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र हर क्षेत्र में चमत्कारी सफलता देता है। पढ़ें संपूर्ण पाठ…
ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥1॥
दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा ॥2॥
राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ॥3॥
आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम् ॥4॥
सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम् । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम् ॥5॥
रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम् । पुजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम् ॥6॥
सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावन: । एष देवासुरगणांल्लोकान् पाति गभस्तिभि: ॥7॥
एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिव: स्कन्द: प्रजापति: । महेन्द्रो धनद: कालो यम: सोमो ह्यापां पतिः ॥8॥
पितरो वसव: साध्या अश्विनौ मरुतो मनु: । वायुर्वहिन: प्रजा प्राण ऋतुकर्ता प्रभाकर: ॥9॥
आदित्य: सविता सूर्य: खग: पूषा गभस्तिमान् । सुवर्णसदृशो भानुर्हिरण्यरेता दिवाकर: ॥10॥
हरिदश्व: सहस्त्रार्चि: सप्तसप्तिर्मरीचिमान् । तिमिरोन्मथन: शम्भुस्त्वष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान् ॥11॥
हिरण्यगर्भ: शिशिरस्तपनोऽहस्करो रवि: । अग्निगर्भोऽदिते: पुत्रः शंखः शिशिरनाशन: ॥12॥
व्योमनाथस्तमोभेदी ऋग्यजु:सामपारग: । घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवंगमः ॥13॥
आतपी मण्डली मृत्यु: पिगंल: सर्वतापन:। कविर्विश्वो महातेजा: रक्त:सर्वभवोद् भव: ॥14॥
नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावन: । तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन् नमोऽस्तु ते ॥15॥
नम: पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नम: । ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नम: ॥16॥
जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नम: । नमो नम: सहस्त्रांशो आदित्याय नमो नम: ॥17॥
नम उग्राय वीराय सारंगाय नमो नम: । नम: पद्मप्रबोधाय प्रचण्डाय नमोऽस्तु ते ॥18॥
ब्रह्मेशानाच्युतेशाय सुरायादित्यवर्चसे । भास्वते सर्वभक्षाय रौद्राय वपुषे नम: ॥19॥
तमोघ्नाय हिमघ्नाय शत्रुघ्नायामितात्मने । कृतघ्नघ्नाय देवाय ज्योतिषां पतये नम: ॥20॥
तप्तचामीकराभाय हरये विश्वकर्मणे । नमस्तमोऽभिनिघ्नाय रुचये लोकसाक्षिणे ॥21॥
नाशयत्येष वै भूतं तमेष सृजति प्रभु: । पायत्येष तपत्येष वर्षत्येष गभस्तिभि: ॥22॥
एष सुप्तेषु जागर्ति भूतेषु परिनिष्ठित: । एष चैवाग्निहोत्रं च फलं चैवाग्निहोत्रिणाम् ॥23॥
देवाश्च क्रतवश्चैव क्रतुनां फलमेव च । यानि कृत्यानि लोकेषु सर्वेषु परमं प्रभु: ॥24॥
एनमापत्सु कृच्छ्रेषु कान्तारेषु भयेषु च । कीर्तयन् पुरुष: कश्चिन्नावसीदति राघव ॥25॥
पूजयस्वैनमेकाग्रो देवदेवं जगप्ततिम् । एतत्त्रिगुणितं जप्त्वा युद्धेषु विजयिष्यसि ॥26॥
अस्मिन् क्षणे महाबाहो रावणं त्वं जहिष्यसि । एवमुक्ता ततोऽगस्त्यो जगाम स यथागतम् ॥27॥
एतच्छ्रुत्वा महातेजा नष्टशोकोऽभवत् तदा ॥ धारयामास सुप्रीतो राघव प्रयतात्मवान् ॥28॥
आदित्यं प्रेक्ष्य जप्त्वेदं परं हर्षमवाप्तवान् । त्रिराचम्य शूचिर्भूत्वा धनुरादाय वीर्यवान् ॥29॥
रावणं प्रेक्ष्य हृष्टात्मा जयार्थं समुपागतम् । सर्वयत्नेन महता वृतस्तस्य वधेऽभवत् ॥30॥
अथ रविरवदन्निरीक्ष्य रामं मुदितमना: परमं प्रहृष्यमाण: । निशिचरपतिसंक्षयं विदित्वा सुरगणमध्यगतो वचस्त्वरेति ॥31॥
।।सम्पूर्ण ।।
जानकारी :
दर्शन समय
४:00 AM – १२:00 AM,
४:00 PM – १०:३0 PM
त्यौहार :
शिवरात्रि, हनुमान जयन्ति, शनि जयन्ति, श्रावण-सोमवार, जन्माष्टमी, राधाष्टमी, शरद-पूर्णिमा, दिवाली, गोवर्धन पूजा, तुलसी-विवाह।
पता :
श्री शिव नवग्रह मन्दिर धाम, चाँदनी चौक, निकट मैट्रो स्टेशन चाँदनी चौक, एच०सी० सेन मार्ग, निकट; भाई मतिदास चौक, नई दिल्ली, पिनकोड : 110006 भारत।
हवाई मार्ग से कैसे पहुँचे मन्दिर :
हवाई जहाज़ से जाने पर, निकटतम हवाई अड्डा पालम का इन्दिरगाँधी एयरपोर्ट है। आप कैब या कोई सार्वजनिक परिवहन ले सकते हैं जो आपको आसानी से १९ किलोमीटर की दूरी तय करके आप १ घण्टा तीन मिन्टस में, सरदार पटेल मार्ग होते हुए आप पहुँचोगे शिव नवग्रह मन्दिर धाम, चाँदनी चौक।
रेल मार्ग से कैसे पहुँचे मन्दिर :
पुरानी दिल्ली जंक्शन के निकट तथा मेट्रो ट्रेन द्वारा चाँदनी चौक रेलवे स्टेशन है। वहाँ से पैदल ही पहुँचा जा सकता है। कुछ दूरी तय करके आप पहुँचोगे शिव नवग्रह मन्दिर धाम, चाँदनी चौक।
सड़क मार्ग से कैसे पहुँचे मन्दिर :
ISBT से आने के लिए बस, अपनी कार या बाईक से आते हैं तो राष्ट्रीय राजमार्ग श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्ग व कश्मीरी गेट होते हुए आप २.२ किलोमीटर की यात्रा करके १३ मिन्टस में आप पहुँचोगे शिव नवग्रह मन्दिर धाम, चाँदनी चौक।
देवाधिदेव शिवशँकर जी की जय हो। जयघोष हो।।
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