उत्तर प्रदेश सरकार का इको टूरिज्म और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम

@ लख़नऊ उत्तरप्रदेश :-

उत्तर प्रदेश सरकार ने इको टूरिज्म और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से दुधवा टाइगर रिजर्व तक रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने वाली पर्यटक ट्रेन में विस्टाडोम कोच का संचालन शुरू कर दिया गया है।

पर्यटन विभाग के निदेशक प्रखर मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के वन क्षेत्रों को ‘वन डेस्टिनेशन, थ्री फॉरेस्ट’ के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट और किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य को एकीकृत करते हुए पर्यटकों के लिए सुलभ और रोमांचक अनुभव देने के लिए विस्टाडोम कोच का संचालन किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा प्रदेश बन गया है, जहां पर्यटकों के लिए जंगल सफारी का रोमांचक अनुभव उपलब्ध कराने के लिए विस्टाडोम कोच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह सेवा पर्यटकों के लिए 12 महीने उपलब्ध रहेगी। यह सेवा वर्तमान में शनिवार और रविवार ही पर्यटकों को उपलब्ध कराई जा रही है, आने वाले दिनों में यह सेवा सभी दिन उपलब्ध होगी। इससे जहां एक ओर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं, रोजगार भी उपलब्ध होंगे।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म विकास बोर्ड ने यह पहल पर्यटकों को वर्ष भर नेचर ट्रेल और जंगल सफारी का अद्वितीय अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से की है। यह सुविधा पहले चरण में प्रत्येक शनिवार और रविवार को उपलब्ध कराई जा रही है। इस सेवा के सकारात्मक परिणामों के पश्चात इसे पूरे सप्ताह के लिए विस्तारित करने की योजना है।

विस्टाडोम कोच के माध्यम से पर्यटक 107 किलोमीटर लंबे जंगल के भीतर सफर करते हुए प्राकृतिक दृश्यावली, जैव विविधता और वन्यजीवों का नजदीक से अनुभव ले सकेंगे। यह सफर 4.25 घंटे का है। ट्रेन सेवा काफी किफायती भी है। इस सेवा के लिए पर्यटकों से केवल 275 रुपए प्रति पर्यटक शुल्क लिया जा रहा है। यह शुल्क कतर्नियाघाट से दुधवा नेशनल पार्क तक का है।

प्रखर मिश्रा ने बताया बोर्ड द्वारा पर्यटकों को राजधानी लखनऊ से कतर्नियाघाट तक ले जाने का पैकेज तैयार किया जा रहा है। इस पैकेज में विभाग की ओर से प्रति पर्यटक सब्सिडी भी दी जाएगी, जिस पर विचार किया जा रहा है।पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा ने बताया कि 107 किलोमीटर लंबी जैव विविधता से भरपूर यात्रा का अनुभव देने वाली ट्रेन का नाम बिछिया टू मैलानी टूरिस्ट पैसेंजर ट्रेन (नंबर- 52259) रखा गया है, जो बिछिया स्टेशन (बहराइच) से सुबह 11:45 बजे चलकर विभिन्न स्टेशनों से गुजरते हुए दोपहर 4:10 बजे मैलानी स्टेशन (लखीमपुर खीरी) पहुंचती है। वापसी ट्रेन मैलानी टू बिछिया टूरिस्ट पैसेंजर ट्रेन (नंबर- 52260) सुबह 6:05 बजे मैलानी से रवाना होकर 10:30 बजे बिछिया पहुंचती है। यह ट्रेन नौ स्टेशन क्रमश: बिछिया, मंझरा पुरब, खैराटिया बांध रोड, तिकुनिया, बेलरायन, दुधवा, पलिया कलां, भीरा खीरी से होते हुए मैलानी स्टेशन पर पहुंचती है।

विस्टाडोम कोच सेवा न केवल वनों और अभयारण्यों से गुजरती है, बल्कि वेटलैंड, ग्रासलैंड, फार्मलैंड और वुडलैंड जैसे प्राकृतिक परिदृश्यों को भी करीब से देखने का अवसर प्रदान करती है। यह सुविधा पर्यटकों को मानसून सीजन में भी आकर्षित करेगी। इस पहल से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। यह सेवा होमस्टे मालिकों, रिसॉर्ट ऑपरेटर्स और ट्रैवल एजेंट्स की भागीदारी से स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगी।

उत्तर प्रदेश की दूरदर्शिता और उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म बोर्ड के समन्वित प्रयासों से विस्टाडोम कोच सेवा प्रदेश में ईको टूरिज्म के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है। यह न केवल पर्यटकों को रोमांचक यात्रा का अनुभव दे रही है, बल्कि ‘हरित उत्तर प्रदेश’ के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

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