संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड
उत्तराखंड एक झलक में, उत्तराखंड की प्रमुख खबरें…
मुख्यमंत्री की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी वह अपने आवास में आईसोलेट होकर सरकारी कामकाज निपटा रहे हैं। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में हैं और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में 109वें अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यहां अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारा 80 प्रतिशत अन्नदाता गांवों में निवास करता है। उन्हीं के कारण हमारी पहचान है। हमारे किसान जिस क्षेत्र में भी जो काम कर रहें हैं वे मन लगाकर काम करें और देश की उन्नति में अपना योगदान दें। आत्मनिर्भरता की राहें स्वतः ही बनती जाएंगी। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री चाहते हैं कि किसान को उसकी फसल का सही दाम मिले और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो। कहा कि जिस प्रकार कोविड-19 के दौरान लोगों ने खेती को बढ़ावा दिया है वह भविष्य के लिए अच्छे संकेत हैं। जड़ी-बूटी के मामले में उत्तराखंड राज्य पूरी तरह से समृद्ध है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों पर फोकस करने को भी राज्यपाल महोदया ने जरूरी बताया। इस मौके पर उन्होंने प्रदर्शनी में लगे विभिन्न स्टालों का भी निरीक्षण किया।
प्रदेश के सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, खादी ग्रामोद्योग एवं लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम विभाग मंत्री गणेश जोशी द्वारा मसूरी विधान सभा क्षेत्र में केन्द्र पोषित, राज्य सैक्टर, जल जीवन मिशन तथा बाहय सहायतित पेयजल निगम तथा जल संस्थान की विभिन्न निर्माणाधीन तथा प्रस्तावित पेयजल योजनाओं की विभागीय अधिकारियों के साथ विधान सभा कक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की। मंत्री द्वारा विभागीय अधिकारियों से निर्माणाधीन तथा प्रस्तावित विभिन्न पेयजल तथा सीवरेज योजनाओं की वर्तमान समय में हुई प्रगति का विवरण प्राप्त करते हुए तेजी से सभी योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होने निर्देश दिये कि जिन योजनाओं का कार्य अन्तिम चरण में है उनके लोकार्पण की तिथि निश्चित की जाय, जिस योजना मद में पैसा उपलब्ध है उस पर कार्य तत्काल प्राराम्भ किया जाय तथा ऐसी योजनाएॅ जो प्रस्तावित है अथवा विभिन्न स्तर पर स्वीकृति हेतु लम्बित है अथवा जिनमें अभी तक पैसा उपलब्ध नही हो पाया उन योजनाओं की स्वीकृति तथा वित्तीय धनराशि प्राप्त करने के लिए सम्बन्धित पक्षों से तेजी से पहल की जाय तथा स्वीकृति अथवा वित्तीय आपूर्ति उपलब्ध होते हुए योजनाओं पर कार्य प्राराम्भ किया जाय।
मंत्री ने इस दौरान कार्यदायी सस्थाओं पेयजल निगम एवं जल संस्थान को अलग-अलग योजनाओं के कार्यो को पूरा करने के लिए समयसीमा निर्धारित करते हुए कहा कि योजनाओं की गुणवत्ता तथा प्रगति बढाने के लिए कार्यो की लगातार मानिटिरिंग करने और प्रत्येक 15 दिन में प्रगति विवरण उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने पेयजल वितरण लाईन में कनेक्शन देते समय इस प्रकार से सन्तुलित तरीके से पेयजल को वितरित करने के निर्देश दिये जिससे सभी जगहो पर अथवा घरों में बराबर मात्र में पेयजल उपलब्ध हो सके साथ ही ऊचाई वाले क्षेत्रों में पेयजल वितरण में विशेष सावधानी बरती जाय। मंत्री द्वारा इस दौरान मसूरी सीवरेज योजना, मसूरी पुर्नगठन पेयजल योजना, भटटाफाॅल एम एल डी एस टी पी डिस्पोजल योजना, लण्ढौर साउथ एस टी पी क्षतिग्रस्त कार्य, टिहरी बाईपास एवं टिहरी बस स्टैण्ड मध्य क्षतिग्रस्त सीवर लाईन, संरौना बौंठा पेयजल योजना, सिमियारी पेयजल योजना, टिमली मानसिंह रेट्रोफिटिंग, सेरा एवं चामासारी पेयजल योजना, सेरकी ग्राम समूह पेयजल योजना, पोटीधार रेट्रोफिटिंग पेयजल योजना, गल्जवाडी पेयजल योजना, बुरासखण्डा पेयजल योजना कुठालगाॅव पेयजल योजना, सालावाल पेयजल योजना, गंगोल पंडितवाडी पेयजल योजना, विलासपुर काण्डली पेयजल योजना, बिष्ट गाॅव सोलर पम्पिंग पेयजल योजना, जमनीवाला पेयजल योजना, ढाकपटटी जोन, कालीदास सीवरेज पुर्नगठन योजना, गढकैण्ट टयूबवैल निर्माण-ओवर हैड टैंक निर्माण इत्यादि पेयजल तथा सीवरेज योजनाओं की समीक्षा करते हुए कार्यदायी संस्थाओं पेयजल निगम तथा जल सस्थान को जरूरी दिशा निर्देश दिये। इस अवसर पर बैठक में अपर सचिव उदयराज सिंह, महाप्रबन्धक पेयजल निगम एस. के. पन्त, अधीक्षण अभियन्ता सुभाष चन्द सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
भिक्षावृत्ति की रोकथाम एवं इसमें लगे बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किये जाने को लेकर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के निर्देश पर अभियान ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ चलाया जा रहा है। यह अभियान 1 मार्च से शुरु हुआ था, जो कि 30 अप्रैल तक चलेगा। अभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ एकीकृत ड्राइव अभियान चलाकर प्रभावी प्रवर्तन के माध्यम से बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम करना, भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करना, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा हेतु प्रेरित करना व उनके पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना है।
अभियान की थीम ’’भिक्षा नहीं, शिक्षा दें’’व एक बच्चे को शिक्षित करें है। जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में चार टीम (उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया, जिसमें से 01 टीम एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की है। शेष जनपदों में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा उक्त अभियान को चलाया जा रहा है। रेलवेज में भी एक टीम (उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया। अभियान को तीन चरणों प्रथम चरण दिनांक 01.03.2021 से दिनांक 15.03.2021, द्वितीय चरण दिनांक 16.03.2021 से दिनांक 31.03.2021, तृतीय चरण दिनांक 01.04.2021 से दिनांक 30.04.2021 चलाया जा रहा है। अभियान का प्रथम चरण दिनांक 01.03.2021 से दिनांक 15.03.2021 तक चलाया गया। अभियान के प्रथम चरण में भिक्षा मांगने व कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लगे कुल 1438 बच्चों का सत्यापन किया गया तथा सत्यापन किये गये 1438 बच्चों में से 735 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किये जाने हेतु चिन्हिकरण किया गया।