संवाददाता : देहरादून उत्तराखंड
उत्तराखंड एक झलक में, उत्तराखंड की प्रमुख खबरें…
आगामी चैत्र पूर्णिमा शाही स्नान पर्व को शांतिपूर्वक और साधु–संतों की सीमित संख्या के साथ संपन्न कराने को लेकर आज मेला प्रशासन और विभिन्न अखाड़ों के बीच सर्व सम्मति बनी। यह हरिद्वार कुंभ मेला 2021 का अंतिम शाही स्नान है। इस संबंध में मेलाधिकारी दीपक रावत और आई मेला सजंय गुंज्याल ने आज तमाम अखाड़ों के पदाधिकारियों महंत दुर्गादास , महंत महेश्वर दास , महंत अद्वेतानंद , कोठारी दामोदरदास , व्यास मुनि , निर्मल से देवेंद्र शास्त्री , कोठारी जसविंदर सिंह , नया उदासीन से सचिव जगतार मुनि से विचार-विमर्श किया।
इसके बाद अखाड़ों के पदाधिकारियों ने मेला अधिकारी को आश्वस्त किया गया कि आगामी चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान के दौरान उत्तराखंड सरकार की गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। शाही जुलूस में अखाड़ों के साधु-संत सीमित संख्या में स्नान के लिए आयेंगे, वाहन भी सीमित संख्या में प्रयोग किये जायेंगे और शाही स्नान के दौरान आम जनों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा स्नान के लिए जो समय सारिणी मेला पुलिस-प्रशासन तय करेगा उसका पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को कैंट स्थित छावनी परिषद जनरल अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने छावनी परिषद की सीईओ तनु जैन को अस्पताल में कोविड-19 के दृष्टिगत आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून डॉ आशीष वास्तव को भी इस संबंध में आवश्यक सहयोग प्रदान करने को कहा। छावनी परिषद की सीईओ तनु जैन ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के अंदर इस अस्पताल परिसर में 130 बेड की व्यवस्था कोविड-19 के दृष्टिगत कर दी जाएगी।
पल्टन बाजार में लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहे हैंै। यहां एक तो सड़क खुदी हुई है, दूसरे बारिश के कारण कीचड़ के चलते बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है।स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत पल्टन बाजार में डक्ट डालने का काम चल रहा है। जिसकी वजह से सड़क को जगह-जगह पर खोदा गया है। यहां इतने गहरे गड्ढे किए गये हैं कि अगर कोई गलती से इन गड्ढोंमें गिर गया तो वह अस्पताल ही पहुंचेगा। वहीं आज बारिश के कारण बाजार में सड़क का हाल और भी खराब है। पल्टन बाजार में घुसते ही थोड़ी दूरी पर सड़क खोदी हुई है।
एक तो बाजार में इन दिनों सड़क पर बीच में पार्किंग बना दी गई है। उस पर दुकानदारों द्वारा अपनी गाड़ियां भी दुकानों के आगे पार्क की जा रही हैं। जिसके चलते तीन तरफ गाड़ी पार्क होने के कारण बाजार में चलने लायक जगह ही नहीं बची है उस पर दुपहिया वाहन निकलने लगे तो जाम लगना तो आम बात रही लेकिन यहां से गुजर रहे लोगों को खुद को बचाना मुश्किल हो जाता शुक्रउस पर आजार को बारिश के कारण इन सड़कों से गुजरना भी जोखिम भरा हो गया।घोसी गली की ओर मुड़ने से ठीक पहले सड़क पर मात्र एक व्यक्ति के चलने की जगह बची है वहां से लोग अपने दुपहिया वाहन लेकर निकल रहे हैं।
अगर इस बारिश के कारण हुए कीचड़ में पैर फिसला या गाड़ी फिसल गई तो वाहन चालक हो या पैदल चलने वाला वह सीधी गड्ढे में ही गिरेगा। सड़क में एक तरफ गहरा खुदा गड्ढा है तो दूसरी तरफ बिजली का पोल और दुकान के आगे खड़ी गाड़ी। आखिर इतनी सी जगह से गाड़ी निकालने के लिए भी जगह क्यों छोड़ी गई है। जबकि दूसरी तरफ बल्ली लगा कर रास्ता ही बंद कर दिया गया है।इस तरह से परियोजना द्वारा जानबूझ कर लोगों की जान को खतरे में डाला जा रहा है। अब बड़ा सवाल यह है कि यदि यहां पर कोई अनहोनी हो जाती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
ते से फैल रही कोविड़ महामारी अब उत्तराखण्ड में भी खतरनाक रूप लेने लगी है। कारण है कि आम जनमानस कोविड़ नियमों का पालन करने में अभी भी लापरवाही बरत रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स, ऋषिकेश की ओर से इस मामले में महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं, साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लापरवाह लोगों को सचेत किया है कि समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने यदि नियमों के पालन में गंभीरता नहीं बरती तो स्थिति भयावह हो सकती है।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने कोविड महामारी की दूसरी लहर को पहली लहर की अपेक्षा ज्यादा खतरनाक बताया है। उन्होंने बताया कि लापरवाही बरत रहे लोगों में इसके प्रति भय भी कम देखने को मिल रहा है। जबकि पिछले साल की स्थिति से हम सभी को इस महामारी के संक्रमण से सबक ले लेना चाहिए था। लोगों द्वारा लापरवाही बरते जाने के कारण ही अब यह खतरनाक गति से फैलने लगी है। उन्होंने आगाह किया कि यदि वन को सुरक्षित रखना है तो हम सभी को गंभीरता से कोविड़ गाइडलाइन्स व इससे जुड़े तमाम नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।