@ जयपुर राजस्थान
सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के तृतीय दिन शुक्रवार को ‘युवाओं के लिए अभिप्रेरणा संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. कान्त ने इस कार्यक्रम में युवाओं को आगे बढ़ने और देश को विकसित राष्ट्र बनाने में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

युवा मामले एवं खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ इस पूरे कार्यक्रम के दौरान उपस्थित रहे। उन्होंने युवाओं के बीच बैठकर कार्यक्रम का श्रवण किया। कर्नल राठौड़ को अपने बीच पाकर युवा उत्साहित नजर आए। कर्नल राठौड़ ने कहा कि युवा महोत्सव में विशेषज्ञों के संवाद कार्यक्रम युवाओं के लिए लाभप्रद साबित होंगे और इससे उन्हें अपना जीवन बेहतर बनाने में सहायता मिलेगी।
युवा मामले एवं खेल मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं पर विशेष रूप से फोकस कर रही है। वर्तमान में युवाओं के समक्ष कई तरह की चुनौतियां हैं। इसके दृष्टिगत युनाइटेड नेशंस की सहायता से जयपुर संभाग में एक काउंसलिंग सेंटर खोला जाएगा। यहां युवाओं की समुचित काउंसलिंग हो सकेगी, जिससे से उन्हें सही दिशा मिलेगी और उन्हें तनाव से उबरने में मदद मिलेगी।
इससे पूर्व ‘युवाओं के लिए अभिप्रेरणा संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. कान्त ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की शक्ति उसके युवाओं में निहित होती है। उन्होंने कहा कि युवा शब्द का सम्बन्ध आयु से नहीं बल्कि मनोस्थिति से होता है। हमारा विश्वास जितना दृढ़ होगा, हम उतने ही युवा बने रहेंगे। युवा न तो कभी हारता है और न ही कभी थकता है। डॉ. कान्त ने कहा कि युवाओं को रोजगार प्राप्त करने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनना होगा।
डॉ. कान्त ने कहा कि भारत का युवा जब खड़ा होता है तो कोई भी शक्ति उसके समक्ष नहीं टिक सकती। उन्होंने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। भारत में वह क्षमता है कि इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। देश आर्थिक, विज्ञान और कृषि जैसे क्षेत्रों में तरक्की कर रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में आज भारत अग्रणी देशों में शुमार है।
डॉ. कान्त ने विभिन्न प्रसंगों से माध्यम से युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें भारत को अन्य देशों जैसा नहीं बल्कि भारत जैसा ही बनाना होगा। भारत वह देश है, जहां मनुष्यों को मानवता सिखाई जाती है। हमारी कल्पना महाशक्ति बनने की नहीं बल्कि विश्व गुरू बनने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 के विकसित भारत की हमारी कल्पना है कि हम हर क्षेत्र में दाता की भूमिका में हों।
प्रारम्भ में डॉ. कान्त ने स्वामी विवेकानन्द जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया। राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद् के सचिव राजेन्द्र सिंह एवं राजस्थान यूथ बोर्ड के सदस्य सचिव कैलाश पहाड़िया सहित अन्य विशिष्टजन एवं बड़ी संख्या में युवा इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
पांच दिवसीय राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के तृतीय दिन शुक्रवार को विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया। इनमें एकल नृत्य प्रतियोगिता के साथ ही लुप्तप्राय कलाओं यथा रंगोली, मांडणा, कठपुतली आदि पर आधारित प्रतियोगिता आकर्षण का केन्द्र रही। युवा कृति प्रतियोगिता के तहत प्रतिभागियों ने हस्तकला का प्रदर्शन किया। वहीं, कृषि नवाचारों से सम्बन्धित प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। विजेताओं को 12 जनवरी को पुरस्कृत किया जाएगा।
युवा महोत्सव के तहत शनिवार सुबह 11 बजे युवाओं के लिए अभिप्रेरणा संवाद कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने में अहम योगदान देने वाले मोटिवेशनल स्पीकर शंकरानंद युवाओं को सम्बोधित करेंगे। इसके बाद एकल गायन, वाद्य यंत्र, रंगोली, मांडणा, कठपुतली कला आदि से सम्बन्धित प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। शाम 6.30 बजे भव्य सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।
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