@ देहरादून उत्तराखंड :-
स्वास्थ्य की दिशा में समाज सेवा करने तथा जागरूकता फैलाने वाले एवं जाने माने वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. केपी जोशी ने कहा है कि आज के दौर में फास्ट फूड एवं रासायनिक खाद्य पदार्थ युवा पीढ़ी के लिए बेहद ही खतरनाक साबित होते जा रहे हैं । ऐसे में इस प्रकार के खाद्य पदार्थों से न सिर्फ बचना होगा, बल्कि प्रतिदिन नियमित रूप में योग तथा अपने रोजमर्रा के खान-पान को बेहद ही संतुलित एवं स्वास्थ्यवर्धक बनाना होगा ।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. के पी जोशी ने कहा कि आज के परिवेश में हमारा खानपान काफी असंतुलित तथा असमय वाला हो गया है, जिसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है ।
उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी ऐसे ही खान-पान का शिकार निरंतर होती जा रही है, जिससे कि हृदय संबंधी बीमारियां,ब्लड शुगर, एसिडिटी, थायराइड, मोटापा, प्लेटलेट्स कम होना, थकान हो जाना, सर में दर्द रहना आदि के अलावा मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने से आंखों की रोशनी निरंतर कम होना आज आम सा हो गया है ।
उन्होंने यह भी कहा कि खेतों में जितनी भी फल एवं सब्जियां, गेहूं, दालें एवं अन्य अनाज की पैदावार होती हैं उनमें अधिकतर यूरिया अथवा रासायनिक केमिकल्स का इस्तेमाल होने से खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करने से अथवा खाने से अनेक बीमारियां उत्पन्न होकर शरीर की ताकत अथवा इम्यूनिटी को कमजोर बना रही है । डॉ. जोशी ने कहा कि ऐसी बीमारियों से बचने के लिए नियमित योग करना जहान स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, वही सभी को अपने स्वास्थ्य वर्धक खान-पान को भी अपनी प्रतिदिन की दिनचर्या बनाना होगा तथा फास्ट फूड जैसे खानपान से बचना होगा ।
डॉ जोशी का कहना है कि उत्तराखंड राज्य में फास्ट फूड के खानपान की संस्कृति तेजी से बढ़ती जा रही है, जिससे हम सभी को बचना होगा । उन्होंने यह भी कहा कि यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे और इसके लिए हमें अपना खान-पान स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस्तेमाल करना होगा । डॉ केपी जोशी ने भारत सरकार के उस कदम की सराहना की है, जिस दिशा में केंद्र सरकार ने मोटे अनाज के खान-पान पर विशेष जोर दिया है ।
डॉ जोशी ने कहा कि मोटे अनाज न सिर्फ हमारे शरीर को स्वास्थ्य वर्धक बनाते हैं, वहीं हमारी उम्र को भी शक्तिशाली दिशा में आगे बढ़ाते हैं । इसलिए यह आवश्यक है कि हम सभी को अपने खान-पान में मोटे अनाज का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए । उन्होंने कहा कि पहाड़ों में मोटे अनाज की पैदावार होना हम सभी के लिए सौभाग्यशाली है, ऐसे मोटे अनाज को अपने खान-पान में नियमित इस्तेमाल करने से हमारा स्वास्थ्य बहुत ही बेहतर बन सकेगा ।
डॉ जोशी ने कहा कि वह राज्य के कई पहाड़ी क्षेत्रों का भ्रमण कर चुके हैं । जहां पर उन्होंने देखा कि उत्तराखंड राज्य के कई गांव ऐसे हैं जहां के रहने वाले लोग मोटे अनाज को ही अपने नियमित खान-पान अथवा भोजन में प्रयोग करते आ रहे हैं । यही कारण है कि उनका स्वास्थ्य बहुत अच्छा और शरीर पूरी तरह से स्वास्थ्यवर्धक बना हुआ चला आ रहा है ।
kqp4jn