@ नई दिल्ली
जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि ताकुरो ताकेयूची ने कृषि भवन, नई दिल्ली में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से शिष्टाचार भेंट की।
डॉ. चतुर्वेदी ने ताकेयूची को भारत में जेआईसीए के मुख्य प्रतिनिधि के रूप में उनकी हाल ही में हुई नियुक्ति पर बधाई दी तथा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में भारत और जेआईसीए के बीच मजबूत सहयोग के लिए आशा व्यक्त की।
डॉ. चतुर्वेदी ने भारत के कृषि विकास को आगे बढ़ाने में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में वर्तमान में जेआईसीए-सहायता प्राप्त तीन परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने अन्य राज्यों में आगामी सहयोगात्मक परियोजनाओं की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।
डॉ. चतुर्वेदी ने भारत को वैश्विक खाद्य टोकरी (ग्लोबल फूड बास्केट) के रूप में स्थापित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण के लिए तीन प्रमुख प्राथमिकताओं पर जोर दिया जिनमें वैश्विक बाजारों तक पहुंच के लिए निर्यात-उन्मुख मूल्य-वर्धित बागवानी उत्पादों का विस्तार करना, इंटरनेट और आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस के माध्यम से कृषि को प्रोत्साहित करना और मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकसित करना शामिल है। डॉ. चतुर्वेदी ने रेखांकित किया कि ये मुख्य क्षेत्र एक लचीले, प्रतिस्पर्धी और आधुनिक कृषि क्षेत्र के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।
ताकेयूची ने टिकाऊ और जलवायु-लचीली कृषि को बढ़ावा देने, उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण का समर्थन करने और नियंत्रित वातावरणीय कृषि और नई कृषि प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग को आगे बढ़ाने के लिए जेआईसीए की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने तकनीकी सहयोग, नीतियों का आदान-प्रादन करने, ड्रोन और एआई जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के एकीकरण पर सहयोग करने में विशेष रुचि व्यक्त की।
बैठक में भारतीय और जापानी विश्वविद्यालयों के बीच छात्रों के आदान-प्रदान के साथ-साथ परियोजना से जुड़े राज्यों में कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए क्षमता निर्माण, अनुसंधान और शैक्षिक सहयोग को बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में एनआरएम और बागवानी के संयुक्त सचिवों के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी शामिल हुए।