@ हरि सिंह रावत उत्तराखंड
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के काण्डा मल्ला गाँव में वीरांगना तीलू रौतेली की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि देते हुए 19 से 21 नवंबर तक “काण्डा ग्रामोत्सव 2024” का आयोजन किया जा रहा है। तीन दिवसीय इस आयोजन में कई रोचक गतिविधियों का समावेश किया गया है, जिसमें शहीदों को नमन करने के साथ महिला और पुरुष वॉलीबॉल प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम और विशाल भंडारे का आयोजन भी शामिल है।
तीलू रौतेली का जीवन उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास का एक सुनहरा अध्याय है। गढ़वाल की इस वीरांगना को “उत्तराखंड की झांसी की रानी” के रूप में भी जाना जाता है।
तेरहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में जन्मी तीलू रौतेली ने मात्र 15 वर्ष की आयु में रणभूमि में कदम रखा और 22 वर्ष की आयु तक लगभग 40 से भी अधिक युद्धों में विजय प्राप्त की। ये युद्ध अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए थे, और तीलू ने अपने साहस से कभी हार नहीं मानी।
तीलू रौतेली की इस महान वीरता को सम्मानित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के माध्यम से कई पुरस्कारों की घोषणा की है। ये पुरस्कार समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण, महिला एवं बाल कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अंधविश्वास के खिलाफ कार्यों में विशेष योगदान के लिए दिए जाते हैं।
तीलू रौतेली का जीवन चरित्र आज के युग में महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके साहस और बलिदान ने न केवल नारी शक्ति का उदाहरण प्रस्तुत किया बल्कि यह भी संदेश दिया कि नारी अपने समाज और मातृभूमि के लिए सर्वस्व समर्पण कर सकती है।
काण्डा ग्रामोत्सव में उपस्थित जनसमूह को यह मौका मिलेगा कि वे वीरांगना तीलू रौतेली के जीवन के प्रेरणादायक प्रसंगों को जान सकें और उनके जीवन से प्रेरणा लें।