@ भोपाल मध्यप्रदेश :
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत की संकल्पना में स्वस्थ भारत को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं में निरंतर विस्तार कर रही है। उन्नत चिकित्सा सेवाओं को प्रदेश के हर कोने में पहुंचाने के लिये अधोसंरचना विकास के साथ पर्याप्त चिकित्सकीय और सहायक चिकित्सकीय मैनपॉवर की व्यवस्था की जा रही है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्वास्थ्य कर्मियों और जनता से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि जैसे हमने कोविड महामारी में एकजुट होकर हर व्यक्ति तक जाँच और उपचार सुनिश्चित किया, वैसे ही इन 100 दिनों में हमें टीबी की व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग, जाँच, उपचार और जन-जागरूकता को सुनिश्चित करना है। होटल पलाश रेजीडेंसी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय 100 दिवसीय निक्षय भारत शिविर अभियान कार्यक्रम उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने वर्चुअली संबोधित किया। अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा नर्मदापुरम से वीडियो कांफ्रेंसिंग से किया गया।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्वास्थ्य कर्मियों से आह्वान किया कि पूर्ण समर्पण से अभियान को सफल बनाने के लिए अपना योगदान दें। उन्होंने आमजन से स्वास्थ्य कर्मियों को सहयोग प्रदान करने की अपील की है ताकि समाज का सशक्त और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने निक्षय मित्रों की अभियान में सक्रिय सहभागिता के लिये सराहना की और अधिक से अधिक समासेवियों नागरिकों से टीबी मुक्त भारत अभियान में सहभागिता की अपील की। उन्होंने कहा कि टीबी के इलाज के लिए निःशुल्क दवा की व्यवस्था है, परंतु दवा की पूरी खुराक और पौष्टिक आहार का सेवन सुनिश्चित करने के लिए समाज की सहभागिता ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि देश को प्रदेश को टीबी से मुक्त बनाने के लिए हम सभी को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी।
राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा कि देश को टीबी से मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये जन भागीदारी और स्वास्थ्य कर्मियों की सक्रिय सहभागिता आवश्यक है। कार्यक्रम में विधायक भगवान दास सबनानी, महापौर भोपाल मालती राय, अध्यक्ष नगरपालिक निगम भोपाल किशन सूर्यवंशी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना सहित निक्षय मित्र, विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। उपस्थित जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों, निक्षय मित्रों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों और आमजनों ने टीबी मुक्त भारत के लिए अपनी भूमिका के निर्वहन की शपथ ली। कार्यक्रम में निक्षय मित्रों का सम्मान किया गया।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत देशभर में टीबी उन्मूलन के प्रयासों को तेज करने के लिए 100 दिवसीय नि-क्षय शिविर अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान 7 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक चलेगा। देश के 347 जिलों में टीबी के अत्यधिक मामलों वाले क्षेत्रों को चयनित किया गया है, जिनमें मध्य प्रदेश के 23 जिले भी शामिल हैं। राज्य के 23 उच्च-प्राथमिकता ) वाले जिलों (नरसिंहपुर, दतिया, सिंगरोली, डिन्डौरी, खण्डवा, कटनी, अनूपपुर, अलीराजपुर, जबलपुर, नीमच, रतलाम, मंदसौर, छतरपुर, उज्जैन, सीधी, श्योपुर, बैतूल, छिन्दवाड़ा, विदिशा, दमोह, मंडला, सीहोर एवं सिवनी) में उच्च जोखिम वाले मरीजों की स्क्रीनिंग, जांच, और उचित उपचार प्रदान किया जायेगा।
अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी की पहचान, रोकथाम और उपचार को गति देना है। इसके तहत, टीबी घटनादर में 80% की कमी (2015 के आधार पर), मृत्यु दर में 90% की गिरावट और टीबी रोगियों के चिकित्सा व्यय को शून्य करना लक्ष्य है। अभियान में प्रदेश 11,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में नि-क्षय शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में उच्च जोखिम समूहों, जैसे मधुमेह, एचआईवी/एड्स, कुपोषण, और तंबाकू उपयोगकर्ताओं की स्क्रीनिंग कर उन्नत तकनीकों से परीक्षण किया जाएगा। साथ ही, टीबी रोगियों के संपर्क में आए व्यक्तियों को टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी प्रदान की जाएगी।
साथ ही जन-जागरूकता के लिए सामुदायिक, धार्मिक, शैक्षणिक और सरकारी संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। टीबी विजेताओं, नि-क्षय मित्रों और ग्राम पंचायतों को भी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। अभियान में संभावित टीबी परीक्षण दर को 1700 से 3,000 प्रति लाख जनसंख्या तक बढ़ाने, एमडीआर टीबी उपचार में उन्नत तकनीकों की हिस्सेदारी 70% तक बढ़ाने, और टीबी मुक्त पंचायतों की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य है।