@ पटना बिहार
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर संदेश देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभा के 92वीं अधिवेशन में 18 दिसंबर 1992 को अल्पसंख्यकों के अधिकारों की घोषणा स्वीकृति प्रदान की गयी थी। तद्नानुसार राष्ट्रीय, प्रजातीय (नस्ली) धार्मिक तथा भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए 9 अनुच्छेदों वाले विभिन्न प्रावधान किये गये हैं। इसलिए 18 दिसंबर को राष्ट्रसंघ द्वारा पूरी दुनिया में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। अल्पसंख्यकों के कल्याण एवं विकास के लिए अल्पसंख्यक संस्थानों को आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाया गया है।
राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास के लिए दर्जनों योजनाएं चलाई जा रही है। इस पुनीत अवसर पर हम पुनः अपने इस दृढ़ निश्चय को दोहराते हुए अल्पसंख्यक समुदाय सहित समस्त राज्यवासियों को यह विश्वास दिलाते हैं कि हमारी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय सहित राज्यवासियों के निरंतर विकास एवं कल्याण के लिए सामाजिक न्याय के सिद्धांत पर वचनबद्ध है और इस दिशा में तत्पर है।
राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अभी बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है।
बिहार पुलिस महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए निर्धारित 35% आरक्षित सीटों पर रिक्तियों को जल्द पूर्ण करें। बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिए विभिन्न श्रेणियों में 2,29,139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं। 1,06,436 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलाएं शिकायत लेकर आती हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अलग से व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद से हमलोगों ने सभी क्षेत्रों में विकास का कार्य किया है। महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाने के लिए भी कई कार्य किये गये हैं। महिला शिक्षित भी हुई हैं और स्वावलंबी भी बनी हैं जिससे समाज और परिवार में सकारात्मक बदलाव आया है।
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक हुई। उन्होंने कहा कि मांग के अनुसार उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। किसान बंधुओं को चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस संबंध में प्रगतिशील किसानों से भी फीडबैक लिया गया है।
किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति एंव जिलास्तरीय समीक्षा समिति की बैठक हुई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये।
बांका के जिलाधिकारी अंशुल कुमार की अध्यक्षता में राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने ऑनलाइन एल.पी.सी. ऑनलाइन ई मापी, सरकारी भूमि का पोर्टल पर एंट्री, जमाबंदी ओवरव्यू, लगाने वसूली सेरात से संबंधित लंबित मामलों को शीघ्र ही गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने के निर्देश दिये।
नवादा के जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपील की सुनवाई की। उन्होंने प्राप्त कुल 03 मामलों पर सुनवाई कर अग्रेतर कार्रवाई हेतु संबंधित पदाधिकारियों को जांच कर प्रतिवेदन शीघ्र देने के निर्देश दिये।
सुपौल के जिलाधिकारी कौशल कुमार की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में शशि शेखरम्, जिला परिवहन पदाधिकारी, सुपौल, एवं अन्य पदाधिकारीगण मौजूद रहे।
बक्सर के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में धान अधिप्राप्ति की समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने खाद्यान्न वितरण एवं उठाव को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये।
सहरसा के जिलाधिकारी वैभव चौधरी की अध्यक्षता में जिला स्थापना समिति की बैठक हुई। उन्होंने संविदा से संबंधित कुल 08 मामलों / प्रोन्नति से संबंधित कुल 03 मामलों एवं एसीपी से सम्बंधित कुल 29 मामलों पर विचार किया गया।