@ नई दिल्ली
पर्यटन का विकास और संवर्धन मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकारों (एसजी)/संघ शासित प्रदेशों (यूटी) के प्रशासनों द्वारा किया जाता है। तथापि, पर्यटन मंत्रालय अपनी स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है और इसने ग्रामीण पर्यटन परिपथ सहित चिह्नित विषयगत परिपथों के तहत देश भर में 5287.90 करोड़ रुपये की 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
मंत्रालय ने स्थायी और जिम्मेदारयुक्त पर्यटन स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया रूप दिया है और सीमावर्ती क्षेत्रों की परियोजनाओं सहित 793.20 करोड़ रुपये की 34 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
इसके अतिरिक्त, पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन की एक उप-योजना ‘चुनौती आधारित गंतव्य विकास (सीबीडीडी)’ के तहत देश में 42 गंतव्यों की पहचान की है, जिसमें वाइब्रेंट विलेज श्रेणी के 5 गंतव्य शामिल हैं।
मंत्रालय ने ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने के लिए अलग से कोई योजना नहीं बनाई है, हालांकि,ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों सहित देश के विभिन्न भागों में सुविधाएं विकसित करना मौजूदा योजनाओं के तहत किए गए पहलों में शामिल है। स्वदेश दर्शन और एसडी 2.0 के तहत स्वीकृत परियोजनाओं और देश में सीबीडीडी में चिह्नित गंतव्यों के तहत स्वीकृत परियोजनाओं का ब्यौरा अनुबंध में दिया गया है।
यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य सभा में एक प्रश्न के जवाब में लिखित रूप में दी।