@ चबुआ असम :
केन्द्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने दाखा देवी रासीवसिया कॉलेज चबुआ के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लिया और स्वर्ण जयंती स्मारक भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि डीडीआर कॉलेज चबुआ में आगामी निर्माण वैश्विक मानकों के अनुरूप होगा जो किसी भी शैक्षणिक संस्थान की सफलता के लिए बुनियादी ढांचे की तैयारी की आवश्यकता को रेखांकित करेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए सोनोवाल ने चबुआ के सुदूर भौगोलिक एवं सापेक्षिक पिछड़ेपन के संदर्भ में इस क्षेत्र के समाज में इस कॉलेज के योगदान के प्रयासों और महत्व की सराहना की। उन्होंने कहा चबुआ स्वाभाविक रूप से मेरी व्यक्तिगत पहचान से जुड़ा हुआ है।
इसका विकास मेरी ख़ुशी है और गर्व की ऐसी अनुभूति यहां उपस्थित हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा मैं इस संस्थान के पचास वर्षों के गौरवशाली अस्तित्व में आने वाली चुनौतियों एवं समस्याओं से पूरी तरह अवगत हूं। चुनौतियों के सागर में ही कोई व्यक्ति समस्याओं का समाधान ढूंढ सकता है।”
मंत्री ने इस संबंध में स्पष्ट दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया और कहा दृष्टिकोण की स्पष्टता अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए यह अहम है कि हम दृष्टिकोण का एक खाका विकसित करें कि हम अब से पचास साल बाद डीडीआर चबुआ के कहां होने की कल्पना करेंगे। उन्होंने देश की प्रगति के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के स्पष्ट दृष्टिकोण से प्रेरणा ली और बताया कि कैसे इसने देश को 2014 में 11वें स्थान से ऊपर उठकर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी वर्तमान हैसियत बनाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि दृष्टिकोण की इस स्पष्टता ने अब तक वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग पड़े 54 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बैंक खाते रखना संभव बनाया है और ऐसी योजनाएं 2047 तक देश को दुनिया का सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रेरित करेंगी।
कॉलेज के भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा विद्यार्थी अभिभावक और संकाय किसी भी शैक्षणिक संस्थान के तीन स्तंभ होते हैं। इन तीनों का यह कर्तव्य है कि वे एक साथ आएं और एक ऐसी रणनीति बनाएं जिससे डीडीआर कॉलेज चबुआ से निकलने वाली मानव पूंजी मानवता के वास्तविक उत्थान में सार्थक योगदान दे सके।
बाद में दिन में मंत्री ने अनटाइड फंड योजना और एमपीएलएडीएस फंड के तहत खरजन टी एस्टेट में चार विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में भाग लिया जो चबुआ एलएसी के अंतर्गत बिंधाकोटा बालिजन खरजन और पानीटोला क्षेत्रों के निवासियों को लाभान्वित करने के लिए निर्धारित हैं। चाय बागान के श्रमिक समुदाय के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों पर जोर देते हुए उन्होंने वर्षों से मिले प्यार आशीर्वाद और समर्थन की सराहना की जिसके कारण उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री एक सांसद और अब केन्द्रीय मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर मिला।
चाय बागान की पृष्ठभूमि के पांच मेधावी विद्यार्थियों जिन्होंने सरकारी नौकरियां हासिल की हैं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहाउन्होंने रिश्वतखोरी जिसके लिए 60 से अधिक वर्षों का कांग्रेस शासन कुख्यात था का रास्ता अपनाए बिना कड़ी मेहनत और लगन के माध्यम से अपनी नौकरियां पाई हैं। यह 2016 से राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा किए गए कार्यों के माध्यम से संभव हुआ है। ब्रह्मपुत्र और बराक घाटियों में चाय बागान अंततः पक्के घरों एवं बिजली तथा रसोई गैस के साथ-साथ शौचालय के प्रावधान के साथ विकास की राह पर अग्रसर हैं।