@ मैसूरू कर्नाटक
प्रवर्तन निदेशालय ने मैसूरू शहरी विकास प्राधिकरण- एम.यू.डी.ए. से जुड़े धन शोधन मामले में तीन सौ करोड़ रुपये की एक सौ 42 अचल संपत्तियां जब्त की हैं।
इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और अन्य कई व्यक्तियों पर कथित रूप से शामिल होने का आरोप है। निदेशालय ने कहा है कि मामले में यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत की गई।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने एम.यू.डी.ए. द्वारा अधिग्रहित तीन एकड़ से अधिक भूमि के बदले में अपनी पत्नी के नाम पर पॉश इलाके में 14 स्थानों पर जमीन के रूप में मुआवजा पाने के लिए अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया।
निदेशालय ने यह भी दावा किया कि इन 14 स्थानों के अलावा एम.यू.डी.ए. ने रियल एस्टेट व्यवसायियों को मुआवजे के रूप में बड़े पैमाने पर जमीने अवैध रूप से आवंटित की।
इन व्यवसायियों ने उन्हें भारी लाभ पर बेच दिया और बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी अर्जित की। इसमें यह भी कहा गया है कि इस प्रकार अर्जित लाभ को वैध स्रोतों से अर्जित दिखाया गया है।