भारंगम 2025: सहायक कार्यक्रम खंड के तहत के.के. रैना और इला अरुण की मास्टरक्लास

@ नई दिल्ली :

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के भारत रंग महोत्सव 2025 के दसवें दिन एक अंतरराष्ट्रीय नाटक और भारत के विभिन्न हिस्सों से चार नाटकों का मंचन किया गया। इसके अलावा, फ़िल्म स्क्रीनिंग, नुक्कड़ नाटक, खुला मंच प्रदर्शन, लोक बैंड और एक टॉक शो भी दिन के कार्यक्रम का हिस्सा रहे।

थिएटर हाउस (पश्चिम बंगाल) ने श्रीराम सेंटर में विलियम शेक्सपियर के कालजयी नाटक ‘हैमलेट’ का मंचन किया। निर्देशन एलेसांद्रो अनिल ने किया। इस प्रस्तुति में हैमलेट की कहानी को नए सिरे से प्रस्तुत किया गया है, जिसमें हैमलेट स्वयं क्लॉडियस को उखाड़ फेंकने के लिए एक नाटकीय योजना बनाता है।

नाटक वास्तविकता और कल्पना के बीच की रेखाओं को धुंधला करता है क्योंकि हैमलेट अपने आंतरिक संघर्षों को उजागर करते हुए पात्रों को अपनी कहानी के सांचे में ढालता है। जैसे-जैसे घटनाएं उसके नियंत्रण से बाहर होती जाती हैं, वह उस सत्य से जूझता है जो आधुनिक समय में पहचान और भाग्य के संघर्ष को दर्शाता है।

जिरसोंग थिएटर (असम) ने रवींद्रनाथ ठाकुर की रचना ‘ईटी मृणालिनी’ का मंचन किया। यह नाटक मृणालिनी की कहानी को दर्शाता है, जो एक सीमित और दमनकारी विवाह में बंधी हुई है, लेकिन अपनी कविता लिखने की जुनून को जीने की आकांक्षा रखती है। बिंदु के आगमन और उसके प्रगतिशील भाई शरत के समर्थन से, मृणालिनी आत्म-खोज की यात्रा पर निकलती है।नवप्राप्त साहस के साथ, वह समाज के स्थापित नियमों को चुनौती देती है और सत्य व स्वतंत्रता की खोज करती है। इस नाटक का रूपांतरण और निर्देशन रबिजिता गोगोई ने किया, और इसका मंचन लिटिल थिएटर ग्रुप ऑडिटोरियम में किया गया।

  • जर्मनी के ‘ब्राखलैंड-फैलो लैंड’ नाटक का मंचन अभिमंच में हुआ ।
  • थिएटर हाउस ने एसआरसी में ‘हैमलेट’ प्रस्तुत किया।
  • जिरसोंग थिएटर ने एलटीजी में ‘ईटी मृणालिनी’ का मंचन किया।
  • संगाई आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ने लोकरंगमखंड के तहत ओपन एयर में ‘अरोंबा वारी’ का प्रदर्शन किया।
  • सुरनई TFAF ने कमानी सभागार में ‘अजातशत्रु’ का मंचन किया।
  • अद्वितीय के दसवे दिन नुक्कड़ नाटक, खुला मंच, फ़िल्म स्क्रीनिंग और लोक बैंड का आयोजन।
  • सहायक कार्यक्रम खंड के तहत के.के. रैना और इला अरुण की मास्टरक्लास।

लोकरंगम’खंड के तहत, हुडको  के सहयोग से ‘अरोंबा वारी’ का मंचन किया गया। यह नाटक पैखोम्बा की कहानी को दर्शाता है, जिसे अपने हमशक्ल नोंगजुम्बा द्वारा किए गए अपराध के लिए गलत तरीके से फांसी दे दी जाती है।

जब सच्चाई सामने आती है, तो नोंगजुम्बा को जेल भेज दिया जाता है, लेकिन उसे पैखोम्बा के रूप में रहने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि वह उसके परिवार का भरण-पोषण कर सके। यह छिपा हुआ छल न्याय और नैतिकता को लेकर गहरे प्रश्न खड़े करता है। नाटक को मणिपकसना हाओरोंगबम ने लिखा, मणि युमनम ने रूपांतरित किया और इबोयाइमा खुमान ने निर्देशित किया। इसका मंचन संगाई आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (मणिपुर) द्वारा ओपन एयर में किया गया।

सुरनई TFAF ने ‘अजातशत्रु’ का मंचन कमानी सभागार में किया। यह नाटक हेनरिक इब्सेन द्वारा लिखित ‘एन एनिमी ऑफ द पीपल’ पर आधारित था, जिसे प्रसिद्ध अभिनेत्री और लोक गायिका इला अरुण ने रूपांतरित किया और के.के. रैना ने निर्देशित किया। यह नाटक पर्यावरणीय आपदा, वायु और जल प्रदूषण जैसी समकालीन ज्वलंत समस्याओं पर केंद्रित था। इसके माध्यम से सामाजिक ज़िम्मेदारी की कमी और अंधाधुंध व्यावसायिक स्वार्थ के खतरों को प्रभावशाली तरीके से उजागर किया गया।

भारत रंग महोत्सव के दिल्ली अध्याय में जर्मनी के वेन्न ओर्टे श्प्रेचेन ने अभिमंच सभागार में अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय नाटक, ‘ब्राखलैंड-फैलो लैंड’ प्रस्तुत किया। यह नाटक समाजवाद से पूंजीवाद में बदलते दौर की कहानी कहता है, जिसमें एक पिता, उसकी बेटी और उनकी गोशाला के जीवन को आपस में बुना गया है। कहानी व्यक्तिगत संघर्षों, सामाजिक उथल-पुथल और सपनों के संघर्ष को दर्शाती है, जहाँ बेटी मारिना थिएटर में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करती है, जबकि पिता अपनी आजीविका के विनाश से जूझता है। ‘ब्राखलैंड-फैलो लैंड’ वेन्न ओर्टे श्प्रेचेन द्वारा लिखा गया है, सेबेस्टियन डेविड ने इसका रूपांतरण किया है और जूलिया स्ट्रेहलेर इसकी निर्देशक हैं।

सभी प्रदर्शनों के बाद, दर्शकों ने ‘मीट द डायरेक्टर’ सेगमेंट के दौरान निर्देशकों, कलाकारों और क्रू के साथ प्रोडक्शन  प्रक्रिया पर खुली चर्चा में भाग लिया।एलाइड इवेंट्स सत्र  में, प्रसिद्ध कलाकार इला अरुण और के.के. रैना ने अभिनय, कला और जीवन पर एक विशेष मास्टरक्लास प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने प्रदर्शन और कहानी कहने के क्षेत्र में अपने व्यापक अनुभवों और अंतर्दृष्टि को साझा किया।

आज एनएसडीएसयु  फिल्म क्लब द्वारा एफटीआईआई  के स्नातक छात्रों की फिल्मों की स्क्रीनिंग में सौम्यजीत घोषदस्तिदार द्वारा निर्देशित ‘द फ्लावरिंग मैन’ और रंजन उ. द्वारा निर्देशित ‘चंपारण मटन’ प्रदर्शित की गई।

नुक्कड़ नाटकों में, माता सुंदरी कॉलेज के ‘परिंदे’ ने ‘अपराध का जन्म’ प्रस्तुत किया, बुनियाद जीबी पंत डीएसईयू ने दोषपूर्ण शिक्षा व्यवस्था पर ‘एक्जाम फॉर सेल’ नाटक प्रस्तुत किया, अवेक्षा (गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय) ने गैसलाइटिंग पर ‘लाइएबिलिटी’ का मंचन किया, और लेहर (दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स) ने ‘फियर मोंगीरिंग’ प्रस्तुत किया।

एनएसडीएसयु  ने आज से टॉक सेशंस की एक श्रृंखला शुरू की; आज, प्रसिद्ध टीवी होस्ट सैयद मोहम्मद इरफान ने वरिष्ठ अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी के साथ संवाद किया। शाम को, लोक बैंड ‘महफिल’ ने आधुनिक लोक गीतों और नाट्य संगीत का संग्रह प्रस्तुत किया।

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