@ नई दिल्ली
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल ने बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर ‘राष्ट्रीय समय रिलीज अध्ययन 2024’ रिपोर्ट जारी कर दी है।
NTRS 2024 दरअसल एक मानकीकृत पद्धति को अपनाने वाला राष्ट्रीय स्तर का चौथा वार्षिक अध्ययन है और इसमें जनवरी 2024 के पहले सप्ताह के दौरान जमा किए गए प्रवेश बिलों यानी बिल ऑफ एंट्री (आयात के लिए) और शिपिंग बिलों (निर्यात के लिए) को कवर किया गया है जिन्हें 15 प्रमुख सीमा शुल्क केंद्रों (4 श्रेणियों में वर्गीकृत – समुद्री बंदरगाह, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो यानी आईसीडी, एकीकृत चेक पोस्ट यानी आईसीपी और एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स यानी एसीसी) के माध्यम से कार्गो की क्लीयरेंस के लिए 7 फरवरी, 2024 तक ट्रैक किया गया था।
अध्ययन में पाया गया है कि जहां तक आयात का सवाल है, अध्ययन के दायरे में लाए गए 15 बंदरगाहों में से 9 बंदरगाहों में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2024 में ‘औसत रिलीज समय’ में कमी देखी गई है। इसके अलावा, आईसीपी और एसीसी के मामले में रिलीज समय में कमी आई है – वर्ष 2023 की इसी अवधि की तुलना में वर्ष 2024 में आईसीपी के मामले में रिलीज समय में 50 प्रतिशत की व्यापक कमी आई है और एसीसी के मामले में रिलीज समय में 6 प्रतिशत की कमी आई है।
NTRS 2024 में CBIC की भुगतान-पूर्व सीमा शुल्क अनुपालन सत्यापन पहल पर भी गौर किया है जिसमें सीमा शुल्क संबंधी समस्त औपचारिकताएं पूरी कर ली जाती हैं और अंतिम क्लीयरेंस केवल संबंधित आयातक द्वारा शुल्क का भुगतान करने तक लंबित रहती है। यह पाया गया कि भुगतान कर दिए जाने के बाद शुल्क भुगतान के औसतन 3 मिनट के भीतर ही स्वचालित ‘मशीन रिलीज’ प्रक्रिया के माध्यम से सीमा शुल्क विभाग द्वारा अंतिम क्लीयरेंस प्रदान कर दी जाती है। इसके अलावा, प्रवेश बिलों, जिनमें ये सभी तीनों विशेषताएं होती हैं यथा अग्रिम प्रवेश बिल, सुगम प्रवेश बिल, और एईओ (विश्वसनीय ग्राहक कार्यक्रम) प्रवेश बिल, से पता चला है कि संबंधित बंदरगाह श्रेणी के लिए समग्र रिलीज समय की तुलना में बंदरगाहों के लिए 46%, आईसीडी के लिए 36% और एसीसी के लिए 45% का औसत रिलीज समय दर्ज किया गया जो कि काफी कम है।
जहां तक निर्यात का सवाल है, इस अध्ययन में लेट एक्सपोर्ट ऑर्डर (एलईओ) की मंजूरी के साथ पूरी होने वाली नियामकीय क्लीयरेंस (कस्टम्स रिलीज) और माल के साथ वाहन के प्रस्थान होने के साथ ही पूरी होने वाले भौतिक मंजूरी के व्यापक पहलू के बीच अंतर किया गया है। यह पाया गया है कि लेट एक्सपोर्ट ऑर्डर (एलईओ) की मंजूरी मिल जाने पर सीमा शुल्क केंद्र/बंदरगाह पर कार्गो के आगमन से लेकर नियामकीय क्लीयरेंस तक में लगने वाला समय वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में आईसीडी और एसीसी के लिए कम हो गया है। वर्ष 2024 में निर्यात कस्टम्स क्लीयरेंस नियामकीय प्रक्रिया में लगा औसत रिलीज समय समुद्री बंदरगाहों के लिए 22:49 घंटे, आईसीडी के लिए 30:20 घंटे, एसीसी के लिए 3:50 घंटे और आईसीपी के लिए 5:28 घंटे रहा।
NTRS 2024 का उद्देश्य इस वर्ष के लिए कार्गो क्लीयरेंस प्रक्रिया का एक व्यापक मात्रात्मक राष्ट्रीय-स्तरीय आकलन प्रस्तुत करना है और पिछले वर्षों की इसी अवधि के दौरान आंके गए प्रदर्शन से इसकी तुलना करना है, ताकि (क) राष्ट्रीय व्यापार सुविधा कार्य योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति और (ख) लागू की गई पहलों के प्रभाव का आकलन करने के संदर्भ में इसकी सफलता को मापा जा सके।
NTRS 2024 में नेपाल से और नेपाल के लिए ट्रांजिट कार्गो को रिलीज करने, आईसीडी गढ़ी में कार्गो रिलीज और एसीसी बेंगलुरु द्वारा संभाले गए कूरियर कार्गो को कवर करने के लिए समय रिलीज अध्ययन के दायरे का विस्तार करने का भी प्रयास किया गया है। आईसीडी गढ़ी और कूरियर टर्मिनल, एसीसी बेंगलुरु में आयात और निर्यात कार्गो की क्लीयरेंस में लगने वाले समय को NTRS 2024 में शामिल किया गया है, ताकि भविष्य में तुलना के लिए बेंचमार्क डेटा प्रदान किया जा सके।
राष्ट्रीय समय रिलीज अध्ययन 2024 के संपूर्ण निष्कर्ष CBIC की वेबसाइट (https://www.cbic.gov.in/) पर देखे जा सकते हैं।