धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय उज्जैन से होगा संचालित : मुख्यमंत्री

@ भोपाल मध्यप्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि बाबा महाकाल की नगरी से धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय संचालित होगा। उज्जैन के गौरव में वृद्धि करने आज का दिन इतिहास का एक नया अध्याय लिखेगा। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन को एक नये शहर के गौरव देने का क्रम प्रदान किया है। हजारों वर्ष से उज्जैनी की एक अलग पहचान है। काल के प्रभाव में समय बदलता है। हर काल, हर युग, हर कल्प, हर समय और हर अवस्था में अगर इसी नगरी का अस्तित्व मिलता है, तो यह हमारी प्यारी नगरी अवंतिका है, जिसका हर युग में हर समय अपना अस्तित्व रहता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज उज्जैन में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्य विभाग के संचालनालय के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन नगरी की बड़ी विशेषता है । हर काल में अलग-अलग नाम से विख्यात रही है। जिस युग में जैसा अनुभव आता हो इसकी मान्यता उसके अनुरूप हो जाती है। इसलिए उज्जैन के अनेक नाम हैं। एक नाम अवंतिका भी जिसका कभी अंत नहीं हुआ। एक नाम अमरावती जिसका अमरता से संबद्ध है। एक नाम पदमावती है यानी भगवान विष्णु की प्रिय नगरी। कनकवती, कुसुमवती, कनकश्रंगा अलग-अलग नाम से यह जानी गई। जब यहां स्वर्ण शिखर रहे होंगे तब इसे कनकश्रंगा कहा जाता था। अब उज्जयिनी है यानी उत्कृष्ट नगरी। यहां जो जितनी साधना करता है उससे कई गुना ज्यादा देने वाली नगरी है उज्जयिनी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पहली बार उज्जैन में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इसी स्थान पर कैबिनेट का निर्णय हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी जी यहां पधारे। महाकाल लोक के लोकार्पण हुआ। सम्राट विक्रमादित्य रिसर्च सेंटर के प्रयासों से कई कार्यक्रम यहां से शुरू हुए। भारत के कई राज्यों में विक्रमादित्य महोत्सव का आयोजन किया गया। विक्रमादित्य और भर्तुहरी का महत्व सर्वज्ञात है। जब भोपाल राजधानी बनी तो हर नगर को मान मिला। उज्जैन को विक्रम विश्वविदयालय मिला। इंदौर को हाईकोर्ट, ग्वालियर को राजस्व का कार्यालय मिला और जबलपुर में हाईकोर्ट की मुख्य ब्रांच मिली।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सलकनपुर, दतिया, औरछा सहित देव स्थानों का विकास किया जायेगा। प्रदेश में अलग-अलग देव स्थलों पर 13 लोक बनाए जा रहे हैं। मंदिर से जुडी सभी व्यवस्थाओं के लिए यह कार्यालय बेहतर प्रबंधन करेगा। संचालनालय खुलने के साथ दो निर्णय लिए गए हैं। एक निर्णय भगवान राम के चरण चिन्ह पड़े हैं वहां पर तीर्थ के रूप में विकसित करेंगे। भगवान कृष्ण की जहां-जहां लीलाएं हुई हैं वहां भी देव स्थान की तरह विकसित किया जायेगा और वे पर्यटन का केंद्र बने। यही संचालनालय अपनी भूमिका निभाएगा। इसके लिये 500 करोड की राशि बजट में रखी हैं। सिंहस्थ केवल उज्जैन का ही नहीं इंदौर धार्मिक केद्रों को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका अदा करेगा। मंदिरों के सभी पुजारियों के मानदेय की व्यवस्था भी की गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में दो नए थानों की घोषणा की। बाबा महाकाल लोक परिसर में  एक थाना होगा। साथ ही इंदौर रोड़ पर अनेक कॉलोनियां बन जाने से दूसरा थाना इंदौर रोड़ पर होगा। सभी पदों के साथ इसी वर्ष से इन दोनों थानों का शुभारंभ होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने होमगार्ड सैनिक बढ़ाने की मांग को देखते हुए 400 नए होमगार्ड सैनिकों की स्वीकृति की घोषणा की। उन्होने कहा कि इससे सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालनालय के संचालक संजय गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशा के अनुरूप बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में विभाग के संचालनालय का शुभारंभ हो गया है। अब यहीं से पूरे प्रदेश के धार्मिक न्यास व मंदिरों के निर्माण का संचालन होगा।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेश नाथ, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीष मालवीय, उज्जैन नगर निगम की सभापति कलावती यादव, कलेक्टर नीरज सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए।

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