@ नई दिल्ली
दिल्ली में मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने 17 सितंबर को थाईलैंड के थाई पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा विभाग के एक प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डीटीएएम के महानिदेशक डॉ. तवीसीन विसनयुथिन और अन्य अधिकारियों ने किया।
प्रतिनिधिमंडल का स्वागत एमडीएनआईवाई के निदेशक डॉ. काशीनाथ समागंडी ने किया। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को संस्थान के विविध कार्यक्रमों और गतिविधियों की जानकारी दी । प्रस्तुति के दौरान निदेशक ने दुनिया भर के योग संस्थानों और प्रशिक्षकों के लिए वाईसीबी मान्यता के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिससे योग शिक्षा के मानकों को बढ़ाया जा सके। इस अवसर पर थाई पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा विभाग के महानिदेशक डॉ. तवीसीन विसनयुथिन ने योग के एक प्रमुख संस्थान के रूप में एमडीएनआईवाई के प्रति गहरी रुचि दिखाई।
प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए डॉ. काशीनाथ समागंडी ने संस्थान की समृद्ध विरासत के बारे में विस्तार से बताया। एमडीएनआईवाई को ‘पारंपरिक योग की भूमि’ बताते हुए उन्होंने कहा, संस्थान योग की प्राचीन प्रथाओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं। एमडीएनआईवाई शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।
प्रतिनिधिमंडल को एमडीएनआईवाई के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्देशित दौरा कराया गया। इसमें एनएबीएच-मान्यता प्राप्त योग चिकित्सा आउट-पेशेंट विभाग (ओपीडी), मल्टीमीडिया और लाइब्रेरी, विभिन्न प्रयोगशालाएं और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न विभागों के संबंधित प्रभारियों से भी बातचीत की। इसके अलावा, महानिदेशक, डीटीएएम ने टीम के सदस्यों के साथ षटक्रिया (सफाई अभ्यास) की प्रक्रियाओं से परिचय कराया।
प्रतिनिधिमंडल को एक छोटे योग ब्रेक सत्र से परिचित कराया गया, जो विशेष रूप से कामकाजी पेशेवरों के लिए विश्राम के लिए डिज़ाइन किया गया था। डॉ. तवीसिन विसनयुथिन ने टीम के साथ ‘एक पेड़, माँ के नाम’ थीम पर वृक्षारोपण में भाग लिया।
इस दौरे का उद्देश्य योग शिक्षा, चिकित्सा और अनुसंधान के क्षेत्रों में अंतर-सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना था, जिससे योग की प्राचीन परंपराओं के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति एमडीएनआईवाई की प्रतिबद्धता को और मजबूती मिले।