@ नई दिल्ली
भारतीय सेना, सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज के सहयोग से, अपने प्रमुख कार्यक्रम चाणक्य रक्षा वार्ता–2024 के दूसरे संस्करण का आयोजन करने जा रही है, जिसका विषय है राष्ट्र निर्माण में प्रेरक: व्यापक सुरक्षा के माध्यम से विकास को बढ़ावा देना यह बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम 24 और 25 अक्टूबर 2024 को नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया जाएगा।
नई दिल्ली में आयोजित कर्टेन रेज़र कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भारतीय सेना के 2047 तक एक सशक्त, सुरक्षित और समृद्ध भारत के विजन पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और राष्ट्र निर्माण में भारतीय सेना के योगदान पर भी चर्चा की।
सेना प्रमुख ने फायरसाइड चैट में सुरक्षा के स्तंभ: 2047 तक विकसित भारत की दिशा में भारत के पथ को सशक्त बनाना विषय पर अपने विचार साझा किए। इस बातचीत ने भारतीय सशस्त्र बलों की भूमिका को एक सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत के विकास पथ में चर्चा के लिए एक संवादात्मक मंच प्रदान किया। सेना प्रमुख ने भारतीय सेना और सुरक्षा ढांचे की मजबूती, जिसमें रक्षा तत्परता से लेकर आंतरिक स्थिरता तक के पहलुओं को शामिल किया, के महत्त्व पर जोर दिया, जो आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है।
इस वार्ता में उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार, उद्योग और नागरिक समाज के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया गया। सुरक्षा को राष्ट्रीय विकास का एक बुनियादी स्तंभ मानते हुए, इस चर्चा ने 2047 तक एक समृद्ध और सुरक्षित भारत की दृष्टि को रेखांकित किया। इसमें उन सक्रिय रणनीतियों को प्रोत्साहित किया गया जो सुरक्षा को समाजिक उन्नति और सतत विकास के व्यापक लक्ष्यों के साथ संरेखित करती हैं।
फायरसाइड चैट के बाद एक पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने की। इस चर्चा का शीर्षक था सुरक्षित राष्ट्र और समृद्ध भविष्य: राष्ट्रीय सुरक्षा को विकास और प्रगति के साथ जोड़ना। इस सत्र में उन रणनीतियों पर चर्चा की गई जो एक सुरक्षित वातावरण का निर्माण करती हैं, जो नवाचार को बढ़ावा देती हैं और विकास को प्रोत्साहित करती हैं। सुरक्षा को 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा का एक बुनियादी स्तंभ मानते हुए, इस संवाद ने रक्षा पहलों को राष्ट्रीय समृद्धि और सामाजिक प्रगति के साथ संरेखित करने के महत्त्व पर जोर दिया।
इस चर्चा में अरुणाचल प्रदेश के विधायक ओकेन तायेंग, सीईआरटी-इन के निदेशक एसएस शर्मा, प्रसिद्ध रणनीतिकार लेफ्टिनेंट जनरल पीआर शंकर (सेवानिवृत्त), और भारतीय सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण का एक शानदार उदाहरण लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ) माधुरी कानिटकर (सेवानिवृत्त) शामिल थे। चर्चा के दौरान प्रतिभागियों ने सीमा क्षेत्र विकास, युवाओं, खेल और महिला सशक्तिकरण के राष्ट्र निर्माण में योगदान जैसे विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।
कर्टेन रेज़र कार्यक्रम ने मुख्य कार्यक्रम की एक झलक प्रदर्शित की और सुरक्षा के बहुआयामी पहलुओं, इसके राष्ट्रीय विकास पर प्रभाव और ‘विकसित भारत’ की दृष्टि को साकार करने में भारतीय सेना की भूमिका पर प्रकाश डाला। दूसरा चाणक्य रक्षा वार्ता गहन चर्चा को प्रोत्साहित करेगा, रणनीतिक साझेदारियों को बढ़ावा देगा और राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास को सुदृढ़ करने के लिए व्यावहारिक सुझावों के निर्माण में योगदान देगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नेताओं, नीति निर्माताओं और विषय विशेषज्ञों को अपने अनुभव साझा करने और विकास के माध्यम से सुरक्षा पर चर्चा में योगदान देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।