आदिवासी समुदायों का सशक्तिकरण: सतत विकास की ओर अग्रसर एक यात्रा

@ बेंगलुरु कर्नाटक

जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से,आदिवासी समुदायों के विकास हेतु आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संपूर्ण भारत में एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत की गयी है। इन नवोन्मेषी पहलों और महत्त्वपूर्ण साझेदारियों के माध्यम से, कृषि के क्षेत्र में विकासवादी पद्धतियों को प्रोत्साहन प्रदान करने, स्वदेशी ज्ञान को संरक्षित करने और आदिवासी आबादी के बीच आर्थिक सशक्तिकरण के महत्तव के प्रति जागरूकता का प्रसार करने जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

Empowering Tribal Communities: A Journey of Sustainable Development

इस साझेदारी के अंतर्गत प्रारंभ की गयी कुछ प्रमुख पहलों में से एक है 2020 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुरू की गई सतत विकास परियोजना। इस परियोजना का उद्देश्य 10,000 किसानों को कृषि हेतु प्राकृतिक तकनीकों का प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि पारंपरिक पद्धतियों के माध्यम से उत्पादकता में वृद्धि की जा सके।

इस प्रशिक्षण के माध्यम से किसानों को न केवल आवश्यक कौशल प्रदान किए जाते हैं, बल्कि रासायनिक सामग्री के उपयोग पर उनकी निर्भरता को कम करके पर्यावरणीय स्थिरता को भी प्रोत्साहित किया जाता है।

इस पहल का मुख्य आकर्षण आदिवासी समुदायों की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करना है। नवीन आय-उत्पादक कार्यक्रम जैसे कि देसी बीजों का उपयोग करके बीज रैकी का उत्पादन, आदि के माध्यम से महिलाओं को सार्थक आर्थिक अवसर प्रदान किए जाते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों द्वारा न केवल लोगों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में सहयोग प्रदान किया जाता है, बल्कि सम्मिलित विकास को भी बढ़ावा मिलता है।

विश्व स्तर पर आध्यात्मिक गुरु और मानवतावादी के रूप में प्रशंसित, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, आर्ट ऑफ लिविंग ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की भावनात्मक, शारीरिक और आर्थिक भलाई को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारों, निजी क्षेत्र, बहुपक्षीय संगठनों और नागरिक समाज के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से, ये पहल निरंतर विकसित हो रही हैं, जिससे लाभार्थियों के लिए अधिक जवाबदेही और ठोस लाभ सुनिश्चित हो रहे हैं।

यह समग्र दृष्टिकोण न केवल तात्कालिक सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों हेतु समाधान प्रदान करता है, बल्कि पूरे भारत में आदिवासी समुदायों के बीच दीर्घकालिक स्थिरता और समृद्धि की नींव भी रखता है।

आर्ट ऑफ लिविंग एक वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन है जो शांति, कल्याण और मानवीय सहायता के लिए समर्पित है, इसकी स्थापना प्रसिद्ध मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु, श्री श्री रवि शंकर द्वारा की गई थी। समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध, आर्ट ऑफ लिविंग विभिन्न पहलों को अपना सहयोग प्रदान करता है, जिनमें जल संरक्षण, स्थायी कृषि, वनरोपण, निःशुल्क शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, एकीकृत ग्राम विकास, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन आदि शामिल हैं। इन बहुमुखी प्रयासों के माध्यम से, आर्ट ऑफ लिविंग सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से सकारात्मक प्रभाव पैदा करने का प्रयास करता है, जिससे सभी के लिए एक अधिक स्थायी और सामंजस्यपूर्ण भविष्य का निर्माण हो सके।

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