आदिवासियों पर अवैध रूप से धर्मातरण को रोकना अत्यन्त अनिवार्य : हरिचरण साण्डिल

@ सिद्धार्थ पाण्डेय /चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम ) झारखंड

राष्ट्रीय सदस्य, जनजाति आयोग भारत सरकार, नई दिल्ली आशा लाकड़ा को सह संयोजक जनजाति सूरक्षा मंच पश्चिम सिंहभूम के हरिचरण साण्डिल ने पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा जिला में आदिवासियों पर अवैध रूप से धर्मातरण चलने के संबंध में स्मार पत्र लिखित रूप से सुपुर्द कर आदिवासियों की रक्षा की गुहार लगाई है।

पत्र मे जिक्र किया गया है कि पश्चिम सिंहभूम चाईबासा जिला में हो, मुण्डा, उराँव, भूमिज आदि जन जाति निवास करते हैं इन जनजाति समाज की अर्थिक,शैक्षिणक एवं समाजिक जीवन की स्थिति दयनीय है। अधिकांश जंगल एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनजातियों को ईसाई धर्मलंबियों द्वारा धर्मातरण किया जा रहा है। झारखण्ड में धर्म स्वतंत्र कानुन 2017 का घोर उल्लंघन किया जा रहा है।

जिला में बिना ग्राम सभा और उपायुक्त के अनुमति बैगर अवैध रूप से जनजातियों को धर्मातरण किया जा रहा है, जो उनकी संस्कृति और रूदीवादी परांपरा को नष्ट किया जा रहा है। कई गाँव में सी.एन.टी. एक्ट का उल्लंघन करते हुए बिना ग्राम सभा के ही चर्च बनने लगा है। साथ ही जिला क्षेत्र में जनजाति समाज के युवक और युवतियों रोजगार के अभाव में पलायन करने पर मजबूर है।

उक्त वर्णित तथ्यों के आधार पर जनजाति सूरक्षा मंच पश्चिम सिंहभूम के हरिचरण साण्डिल ने जनजाति क्षेत्र में अवैध धर्मतरण और पलायन को रोकने की अपील कर जिला प्रशासन को ध्यानाकृष्ट किया है।

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