@ भोपाल मध्यप्रदेश
नगरीय निकाय एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अध्यक्षता में नगर पालिक निगमों के कार्यों की समीक्षा मंत्रालय में हुईं। मंत्री विजयवर्गीय ने निर्देशित किया कि सभी नगर निगम सौलर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग किया करें। नगरीय निकाय सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं, इससे बिजली की बचत होगीं।
उन्होंने बताया कि बजट का बड़ा हिस्सा बिजली बिल में जाता है। सौर ऊर्जा से बिजली बिल कम कर राशि को विकास कार्यों में लगा सकते हैं। प्रधानमंत्री सूर्य लक्ष्मी योजना से नगरीय निकाय, निजी भवन मालिकों को घरों पर सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित करें।
विजयवर्गीय ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि समस्याओं के निराकरण के लिए लगातार कार्य करना चाहते हैं, यह प्रसन्नता कि बात हैं। जनभागीदारी को भी अधिकांश योजनाओं में भी बढ़ावा देने पर भी सभी महापौरगण विचार कर सकते हैं। शहर के प्रतिष्ठित नागरिकों की सूची बनाएं, जिसमें इंजीनियर, आर्किटेक्ट, प्रोफेशनल्स, कलाकार आदि सभी प्रकार के नागरिक शामिल हों। शहर के विकास में सभी को साथ लेकर चलें। हमें पूरी टीम वर्क के साथ काम करना चाहिए। निकायों के पास बहुत अधिकार हैं, इनका उपयोग शहर हित में करना चाहिये।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि आप शहरी सरकार है, अपनी शक्तियां पहचान कर कार्य करें परंतु निर्णय लोकहित में होने चाहिए। नगर निगम क्षेत्रांतर्गत अनाधिकृत कालोनियों पर सख्ती से रोक लगाई जावें। सरकार निगमों की हरसभंव मदद करेगी परंतु निगमों को भी अपने टैक्स कलेक्शन को बढ़ाना होगा। विजयवर्गीय ने कहा कि अपनी आय बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय अवश्य किये जाऐं। शहरी के नागरिकों को भी टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित करें। न्यूनतम दर से कम राशि के टेण्डर आने पर कमेटी बनाकर जांच हो ताकि गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सकें। एक-एक योजना पर विचार कर कार्ययोजना बनाएं और प्रोजेक्ट को फायदे में चलाएं।
राज्य मंत्री सु प्रतिमा बागरी ने कहा कि निकायों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये सभी ने सुझाव दिये है। सबके सहयोग से प्रदेश के सभी निकायों को सुंदर एवं स्वच्छ बनाते हुए विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगें। पर्यावरण, अपशिष्ट प्रबंधन, सौर संयंत्र, जल संग्रहण, नदियों की स्वच्छता इत्यादि पर और बेहतर कार्य करना सुनिश्चित किया जायें। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु वास्तव ने सौर ऊर्जा पर प्रेंजेंटेशन दिया। उन्होंने इसे वर्तमान समय की आवश्यकता बताया। इससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता में मदद मिल सकेगी।
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मण्डलोई ने शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने शहरीकरण की आवश्यकता पर अपना प्रेंजेंटेशन दिया। शहरी जनसंख्या वर्तमान परिदृश्य में निरंतर बढ़ती जा रही हैं, प्रदेश में 2047 तक 50 प्रतिशत शहरीकरण होने की संभावना हैं। प्रदेश में निरंतर शहरीकरण हो रहा हैं। ग्रामीणों के शहरों में आने पर रोजगार, भोजन, आवास, यातायात, जैसी व्यवस्थाओं के लिए तैयारी करनी होगीं। सड़क, बिजली, पानी, जल-मल निकासी पर भी कार्य करना होगा।
प्रमुख सचिव पर्यावरण, पशुपालन एवं डेयरी गुलशन बामरा ने कहा कि जल, भूमि प्रदूषण से संबंधित नियमों का पालन करें। नदियों में प्रदूषण कम करने और प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करने के कानूनी प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करायें। मध्यप्रदेश वैटलैण्डस संरंक्षण एवं प्रबंधन, पशु जन्म नियंत्रण कानून को लेकर कार्य किये जायें और शहरों को रैबिज फ्री सिटी बनायें। गौ-शालाओं का संचालन, आवारा पशुओं पर नियंत्रण को लेकर भी निकायों को स्वयं-सेवी संगठनों के साथ मिलकर कार्य करना चाहिए।
बैठक में विगत 5 वर्षों में नगर पालिक निगम को स्वयं की आय में वृद्धि तथा वर्तमान वर्ष के बजट, पेयजल आपूर्ति के संचालन/संधारण में व्यय तथा आय, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वर्तमान पेयजल आपूर्ति (स्त्रोत, वितरण, गुणवत्ता, मात्रा तथा नागरिकों की संतुष्टि), अमृत 1.0 तथा 2.0 की अद्यतन स्थिति, स्वच्छ भारत मिशन 1.0 तथा 2.0 की अद्यतन स्थिति, कायाकल्प योजना में स्वीकृति तथा प्रगति, पौध-रोपण अभियान लक्ष्य तथा प्रगति, प्रधानमंत्री आवास योजना-अद्यतन स्थिति, प्रगति, बसों के संचालन एवं संख्या, सवारी, प्रचलित कॉन्ट्रेक्ट, भविष्य की योजना, वित्तीय स्थिति एवं ई-बस संचालन की तैयारी, निकायों की स्वयं की आय बढ़ाने संबंधी विषय एवं सुझाव, अनाधिकृत कॉलोनी में अधोसरंचना निर्माण तथा भवन अनुज्ञा की अद्यतन स्थिति आदि विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुईं।
आयुक्त नगरीय विकास एवं आवास भरत यादव ने आभार माना। बैठक में प्रदेश के नगरीय निकायों के महापौर, आयुक्त नगर निगम, सीईओ स्मार्ट सिटी एवं नगरीय प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।