@ नई दिल्ली
भारतीय नौसेना और इतालवी नौसेना ने 01 से 06 अक्टूबर तक ऐतिहासिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास किया, जिसमें दोनों नौसेनाओं के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप्स द्वारा पहला अभ्यास किया गया।
बंदरगाह चरण में विषय वस्तु विशेषज्ञों के आदान-प्रदान और अन्य प्रमुख व्यावसायिक बातचीत के साथ-साथ प्री-सेल प्लानिंग कॉन्फ्रेंस भी हुई, जिसमें भारतीय वायु सेना की भागीदारी भी शामिल थी।
05 और 06 अक्टूबर को समुद्री चरण का नेतृत्व दो वाहक आईएनएस विक्रमादित्य और आईटीएस कैवूर के साथ-साथ आईएनएस विशाखापत्तनम और आईटीएस अल्पिनो ने किया।
दोनों सीएसजी ने अपने अभिन्न लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों के साथ संयुक्त बड़े बल जुड़ाव, हवाई युद्ध मिशन, हेलो ऑपरेशन और खोज और बचाव मिशनों के लिए गहन अभियान चलाए, साथ ही हथियारों की फायरिंग और संयुक्त युद्धाभ्यास का समन्वय किया, ताकि संयुक्त संचालन और कमांड और नियंत्रण क्षमताओं को रेखांकित किया जा सके और अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाया जा सके।
इस ऐतिहासिक अभ्यास का एक प्रमुख पहलू भारतीय वायुसेना की भागीदारी थी, जिसमें इतालवी सीएसजी विमानों के साथ बड़े सैन्य अभियानों और लड़ाकू मिशनों सहित युद्धाभ्यास किया गया।
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