@ नई दिल्ली
भारतीय पुलिस सेवा के 76 आरआर (2023 बैच) के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भेंट की।
राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि विभिन्न अखिल भारतीय सेवाओं में से भारतीय पुलिस सेवा का अपना एक अलग महत्व है। कानून और व्यवस्था न केवल शासन की आधारशिला है, बल्कि यह आधुनिक राष्ट्र का आधार भी है।
सरल शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं कि कई स्थलों और कई स्थितियों में वे साथी नागरिकों के लिए राष्ट्र का चेहरा और राष्ट्र की प्रशासनिक मशीनरी के साथ उनका संपर्क होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों को छूने का लक्ष्य रखता है, ऐसे में IPS अधिकारियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। आर्थिक विकास और सामाजिक विकास तभी संभव है जब कानून का शासन स्थापित हो। कानून और व्यवस्था बनाए रखने, न्याय सुनिश्चित करने और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के बिना प्रगति एक अर्थहीन शब्द बन जाती है।
राष्ट्रपति ने हाल के वर्षों में महिला IPS अधिकारियों की संख्या में तेजी से हुई वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी बढ़ती संख्या पुलिसिंग के समग्र चरित्र और पुलिस-समुदाय संबंधों को बेहतर बना सकती है और यह राष्ट्र के लिए भी लाभप्रद सिद्ध होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना, अपराध की रोकथाम और पता लगाना तथा पुलिसिंग के अन्य पहलुओं को प्रौद्योगिकी में प्रगति से लाभ मिला है।
हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि अपराधियों और आतंकवादियों ने भी प्रौद्योगिकी का सहारा लिया है। जब दुनिया भर में साइबर अपराध और साइबर युद्ध बढ़ रहे हैं, तो IPS अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे तकनीक के जानकार होने के साथ-साथ अपराधियों से एक कदम आगे भी रहें।
राष्ट्रपति ने कहा कि IPS अधिकारियों को सौंपी गई बड़ी जिम्मेदारियां कभी-कभी बेहद तनावपूर्ण हो सकती हैं। इसलिए, उन्हें कभी भी अपने मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। राष्ट्रपति ने उन्हें योग, प्राणायाम और विश्राम तकनीकों को अपनी दिनचर्या का अंग बनाने का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने उन्हें यह भी याद रखने की सलाह दी कि ‘IPS’ में ‘एस’ का मतलब सेवा है। राष्ट्रपति ने कहा कि उनका सबसे बड़ा धैय राष्ट्र और उसके नागरिकों की सेवा करना है।