@ नई दिल्ली :
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 27 के प्रावधानों के तहत दी सबअर्बन टेबल टेनिस एसोसिएशन , महाराष्ट्र राज्य टेबल टेनिस एसोसिएशन, गुजरात राज्य टेबल टेनिस एसोसिएशन और भारतीय टेबल टेनिस महासंघ के विरुद्ध करार से इनकार करने और प्रभावशीलता का दुरुपयोग करने पर अधिनियम की धारा 3(4) और 4 के प्रावधानों के उल्लंघन पर 12.12.2024 को एक आदेश पारित किया।
TT फ्रेंडली सुपर लीग एसोसिएशन द्वारा प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 19(1)(ए) के तहत दायर शिकायत के आधार पर यह मामला शुरु हुआ। एसोसिएशन ने भारतीय टेबल टेनिस महासंघ और उसके सहयोगियों द्वारा प्रतिस्पर्धा-विरुद्ध व्यवहार का आरोप लगाया। शिकायतकर्ता ने TTSTA महासचिव द्वारा व्हाट्सएप नोटिस जारी करने और TTFI मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन की प्रतिबंधात्मक धाराओं के कारण टेबल टेनिस खिलाड़ियों को आयोजनों में प्रवेश से वंचित किए जाने की बात कही।
आयोग ने साक्ष्यों के आधार पर माना कि TTFI और उसके सहयोगी संगठन भारत में टेबल टेनिस लीग/इवेंट/टूर्नामेंट के आयोजन और खिलाड़ियों द्वारा टेबल टेनिस लीग/इवेंट/टूर्नामेंट की सेवा प्रावधानों में प्रभावी स्थिति रखते है। आयोग ने पाया कि TTFI और उसके सहयोगियों ने व्हाट्सएप एडवाइजरी, सार्वजनिक नोटिस जारी करने और अपने उपनियमों में कुछ प्रतिस्पर्धा-विरोधी धाराओं को शामिल करने जैसी कार्रवाइयों द्वारा टेबल टेनिस टूर्नामेंट के आयोजन को प्रतिबंधित किया और खिलाड़ियों को इनमें भाग लेने से रोकने का प्रयास किया जो अधिनियम की धारा 3(4) और 4 के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन है।
आयोग ने इस बात को भी स्वीकार किया कि मामले की जांच के दौरान भारतीय टेबल टेनिस महासंघ और उसके सहयोगी निकायों ने शिकायतें दूर करने के लिए प्रतिस्पर्धा-विरोधी संदेश वापस लेने, प्रशासनिक दस्तावेजों से प्रतिबंधात्मक खंडों को संशोधित करने या हटाने और प्रतिस्पर्धा बढ़ावा देने की सलाह जैसे सुधारात्मक उपाय किए। इसे देखते हुए प्रतिस्पर्धा आयोग ने अधिनियम की धारा 27 के तहत स्थगन-और-रोक आदेश जारी किया पर भारतीय टेबल टेनिस महासंघ और उसके सहयोगी निकायों पर कोई मौद्रिक दंड न लगाने का फैसला किया।
यह आदेश 2021 के केस संख्या 19 में पारित किया गया और इसकी एक प्रति सीसीआई की वेबसाइट www.cci.gov.in पर उपलब्ध है ।