भगवंत सिंह मान ने शनिवार को मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को चेतावनी दी

@ चंडीगढ़ पंजाब

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि वह पवित्र शहर अमृतसर को ‘हिरासत या निर्वासन’ केंद्र में बदलने से बचें, क्योंकि वह निर्वासित लोगों को इस पवित्र भूमि पर बार-बार विमान भेज रहा है।

रात को उतरने वाले निर्वासित लोगों को प्राप्त करने की व्यवस्था का पूर्वानुमान लगाने के लिए श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री ने भारत सरकार को याद दिलाया कि इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है कि जिसने भी इस भूमि पर बुरी नज़र डालने की कोशिश की है, वह कभी बच नहीं पाया।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पंजाब और पंजाबियों को बदनाम करने के मकसद से इस पवित्र भूमि पर बार-बार निर्वासितों के विमान उतारकर गंदी हरकतें कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मोदी सरकार की इस कुकृत्य ने समूचे पंजाब और खास तौर पर सिख समुदाय की मानसिकता को चोट पहुंचाई है।

मुख्यमंत्री ने भाजपा और मोदी को याद दिलाया कि जिस पवित्र भूमि का इस्तेमाल वे पंजाबियों की छवि खराब करने के लिए कर रहे हैं, उसमें श्री हरमंदिर साहिब, भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल, दुर्गियाना मंदिर और जलियांवाला बाग जैसे कई पवित्र स्थान हैं, जहां देश की आजादी के लिए सैकड़ों निर्दोष देशभक्तों ने अपनी जान कुर्बान की थी। उन्होंने कहा कि पंजाब को बदनाम करना एक पाप है, जिसके लिए पंजाबी भगवा पार्टी और खास तौर पर मोदी की मंडली को कभी माफ नहीं कर सकते। भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या ईसाई समुदाय के पवित्र शहर वेटिकन सिटी में कोई ऐसी शरारत कर सकता है। उन्होंने कहा कि यदि नहीं तो फिर यहां निर्वासित लोगों को लाने वाले विमानों को बार-बार अमृतसर में उतारकर पंजाबियों की भावनाओं को क्यों ठेस पहुंचाई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर देशवासियों के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मौजूदा सरकार के तहत देश एक प्रभावी विदेश नीति से वंचित है, जिसके कारण निर्वासित लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री अपने हालिया दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति को गले लगा रहे थे और उसी समय जंजीरों में जकड़े भारतीयों को शर्मनाक तरीके से उनके वतन वापस भेजा जा रहा था।

मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के दौरान उनके सामने यह मुद्दा उठाने से किसने रोका। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वयंभू वैश्विक नेता मोदी जी को कम से कम भारतीयों को वापस लाने के लिए देश से विमान भेजने की पेशकश करनी चाहिए थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि हर भारतीय को आश्चर्य हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पूरी बैठक के दौरान मोदी इस मुद्दे पर चुप रहे।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि दूसरी ओर जब राज्य सरकार यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की मांग करती है तो कई तुच्छ कारणों का हवाला देकर मांग को खारिज कर दिया जाता है। इस बीच, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ बहुत सख्त है, जिनके कारण ये निर्दोष भारतीय अवैध रूप से अमेरिका गए थे और अब उन्हें निर्वासित किया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम भारतीयों को ठगने वाले ऐसे ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि अन्य लोग भी इससे बचें। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने वाले निर्वासितों के ठहरने और भोजन के लिए सभी जरूरी प्रबंध कर लिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया है कि सभी निर्वासित हवाई अड्डे पर उतरने के बाद सुरक्षित अपने घर पहुंचें। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार निर्वासितों को उनके पुनर्वास के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करने के लिए बाध्य है, क्योंकि राज्य में उनकी विशेषज्ञता है। उन्होंने कहा कि इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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