@ बिलासपुर छत्तीसगढ़ :
बिलासपुर में आबकारी विभाग ने मेन रोड पर शराब दुकान खोल दी है, जिससे सड़क पर शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है और ट्रैफिक जाम की समस्या होती है। इससे महिलाएं सहित आम लोग परेशान हो रहे हैं।
इसे लेकर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। कोर्ट ने मामले में आबकारी सचिव और बिलासपुर के निगम कमिश्नर को शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। केस की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।
दरअसल, शहर के सिरगिट्टी क्षेत्र में मेन रोड पर संचालित शराब की दुकान लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। यहां शासन के नियमों को ताक पर रखकर शराब दुकान चलाई जा रही है।
अंडर ब्रिज के पास दुकान होने के कारण शाम के समय वहां शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे वहां से आने-जाने वाले लोगों खासकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां से शराब दुकान हटाने की मांग की गई थी, लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
कई बार शराबी युवतियों और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते नजर आते हैं। इससे विवाद की स्थिति भी बनती है। शराब दुकान मंदिर व आवासीय परिसर से महज कुछ ही दूरी पर है। लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर शराब दुकान को हटाने की मांग भी की थी। लेकिन अब तक न तो शराब दुकान हटाई गई और न ही लोगों की परेशानी कम हुई।
शराब दुकान के पास ही एक घेरा बना दिया गया है। लोग यहां से शराब खरीदकर उसी घेरे में बैठकर पीते हैं। दूसरी समस्या यह है कि शराबी मुख्य सड़क पर अपनी बाइक खड़ी कर देते हैं, जिससे सड़क पर हर दिन जाम की स्थिति बनती है। ट्रैफिक समस्या पर पुलिस भी कार्रवाई नहीं करती, जिसके कारण बदमाशों का हौसला बुलंद रहता है। इस संबंध में मीडिया में प्रकाशित खबरों को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। मामले में हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आबकारी सचिव और निगम आयुक्त से शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है।