CG शराब घोटाले में रिटायर्ड आईएएस ,आबकारी विभाग के अधिकारी और शराब के डिस्टलर्स शामिल

@ रायपुर छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की जांच करने में जुटी ईओडब्ल्यू की टीम ने आरोपियों के खिलाफ जांच में तेजी लाई है। ईओडब्ल्यू की गिरफ्त में आए पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह से पूछताछ करने के बाद अब इस घोटाले से जुड़े 67 लोगों से पूछताछ की तैयारी है।

ईओडब्ल्यू के सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में इन सभी लोगों को नोटिस जारी करके बुलाया जाएगा। इनमें रिटायर्ड आईएएस अफसरों के अलावा आबकारी विभाग के अधिकारी और शराब के डिस्टलर्स शामिल हैं।ईडी के अफसरों ने जांच के बाद जो रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को दी है। इसमें शराब सिंडिकेट किस तरह से काम करता था इसका खुलासा हुआ है। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार एफएल 10a लाइसेंस अनवर ढेबर की तीन चहेते फर्म मेसर्स नैक्सेजेन पॉवर इंजीटेक प्रा. लि.  मे. ओम साई वेबरेज प्रा. लि. और मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्रा. लि. को दिया गया।

मेसर्स नैक्सेजेन पॉवर इंजीटेक प्रा. लि. फर्म के लाइसेंस धारक संजय मिश्रा और मनीष मिश्रा थे। मेसर्स ओम साई वेबरेज प्रा. लि. के संचालक अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा थे। इसी तरह से मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्रा. लि. के संचालक आशीष सौरभ केडिया थे।तीनों फर्म के संचालक विदेशी मदिरा निर्माता कंपनियों से मदिरा लेकर राज्य सरकार को उपलब्ध कराकर 10 प्रतिशत लाभ कमाते थे। 10 प्रतिशत लाभ का 60 प्रतिशत सिंडिकेट को और 40 प्रतिशत लाइसेंस धारकों को प्राप्त होता था।

ईडी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 से वर्ष 2022-23 तक मेसर्स ओम साई बेवरेजेस को कुल 90,45,97,654 रुपए, मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को 74,80,41,515, मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटैक प्राइवेट लिमिटेड को 46,22,30, 501 रुपए का लाभ प्राप्त हुआ। इस तरह कुल 2,11,48,69,670 के लाभ में 60 प्रतिशत कमीशन सिंडिकेट को प्राप्त हुआ।सेवानिवृत्त आईएएस विवेक ढांढ तत्कालीन राज्य सरकार के करीबी थे, इसलिए उन्हें रेरा के चेयरमैन के रूप में पदस्थ किया गया था। इसके अलावा ईडी ने एपी त्रिपाठी पर तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास और तत्कालीन मंत्री कवासी लखमा पर 50-50 लाख रुपए प्रतिमाह देने का आरोप लगाया है।

अनवर,अरविंद और एपी त्रिपाठी से पूछताछ के बाद ईओडब्ल्यू के अफसरों ने तेलीबांधा इलाके में रहने वाले डिस्टलरी संचालकों को पूछताछ के लिए उठाया था। इन्हें तीनों आरोपियों के सामने बिठाकर अफसरों ने पूछताछ की थी। जिसमें ईओडब्ल्यू के अफसरों को इस सिंडिकेट से जुड़े आधा दर्जन से ज्यादा अन्य लोगों की जानकारी मिली है। जिन्हें जांच के दायरे में लाने की तैयारी अफसर कर रहे हैं।

ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने आबकारी विभाग में हुए घोटाले में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा समेत 70 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके साथ अज्ञात कांग्रेस नेता और अज्ञात आबकारी अफसर भी मामले में आरोपी हैं। ईओडब्ल्यू के सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में आरोपियों की संख्या में इजाफा होगा।

One thought on “CG शराब घोटाले में रिटायर्ड आईएएस ,आबकारी विभाग के अधिकारी और शराब के डिस्टलर्स शामिल

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