डालियों का दगड़िया संस्था ने जाखणीधार विकासखण्ड जिला के परियोजना क्षेत्र के 15 गांवों में महिला दिवस का आयोजन किया 

@ देहरादून उत्तराखंड :-

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च 2.25 के अवसर पर डालियों का दगड़िया (डी.के.डी.) संस्था, नगर गढ़वाल द्वारा जाखणीधार विकासखण्ड, टिहरी गढ़वाल जिला के परियोजना क्षेत्र के 15 गांवों में इस वर्ष महिला दिवस मनाने के लिए निर्धारित थीम “एक्सीलरेट एक्शन“ जिसका अर्थ है कि “तेजी से कार्य करना“ पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर 15 गांवों से कुल 75. महिला किसानों ने प्रतिभाग किया। प्रत्येक गांवों में उपस्थित सी.बाी.सी.आर.सी. के अध्यक्ष व सचिव द्वारा सभी महिलाओं को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाऐं दी।

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रत्येक गांव के यूथ फैसिलिटेटर के द्वारा थीम (विषय) ’’एक्सीलरेट एक्शन“ के अन्तर्गत महिलाओं के सशक्तिकरण एवं महिला हितों की बात का समर्थन करते हुए अधिक मेहनत, कार्यवाही में तेजी तथा लैंगिक समानता का व्यवहार करने की आवश्यकता को संबल करने पर जोर दिया गया।

इस अवसर पर परियोजना निदेशक डा. मोहन सिंह पंवार, डालियों का दगड़िया द्वारा विश्वभर में महिलाओं के सशक्तिकरण, उनके सम्मान, सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन में महिलाओं द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियों और लिंग समानता पर बल देने के लिए सरकार तथा समाज के साक्षा प्रयासों की सराहना की गई। उन्होने बताया कि आज के युग में प्रत्येक महिला को शिक्षित होना बहुत जरूरी है जिससे वह अपने बच्चों और परिवारजनों को सही मार्ग निर्देशन देकर उनके स्वयं के विकास तथा समाज के विकास की गति में सार्थक बन सकंेगे। उन्होनें यह भी कहा कि महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए उनको बचपन से सही मार्ग निर्देशन की आवश्यकता होती जिससे वह अपने जीवन में गलत और सही का निर्णय लेने में सक्षम हो सकेगें।

आशाराम ममगांई, नोडल ऑफिसर, डालियों का दगड़िया द्वारा बताया गया कि रूस में .8 मार्च 1917 को महिलाओं ने अपने हक के लिए हड़ताल की थी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने इसी दिन को ध्यान में रखते हुए वर्ष 1975 में आधिकारिक तौर पर प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाये जाने की मान्यता दी गई।

उन्होने यह भी कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस समाज में महिलाओं की भूमिका को सशक्त्त बनाने और उनके खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के उद्देश्य के साथ मनाया जाता है। उन्होने कहा कि ’यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ अर्थात जहां पर नारी का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है, इसलि हम सभी को हमारे जीवन में नारी का सम्मान जरूर करना चाहिए।

अनिता उनियाल, परियोजना एसोसिऐट, डालियों का दगड़िया द्वारा उत्तराखण्ड की महिलाओं द्वारा स्वयं से किए गए अगणनीय कार्यों में जिसमें गौरा देवी जिन्होने चिपको आन्दोलन में मुख्य भूमिका निभा कर अपने रैणी गांव के पर्यावरण और जंगल की रक्षा करके पूरे विश्व में नाम कमाया, उत्तराखण्ड की रानी लक्ष्मीबाई के नाम से जानी जाने वाली तीलू रौतेली, एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला उत्तरकाशी की बछेद्री पाल तथा तथा पौड़ी गढ़वाल के थैलीसेण की दीपा नौटियाल जिन्होने शराबबंदी पर कार्य करके टिंचरी माई के नाम से मशहूर हुई के उदाहरणों को प्रस्तुत किया गया। उन्होने महिला अधिकारों के बारें में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। उन्होने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आज भी महिलाएंे अपने अधिकारों से अनभिज्ञ है। भारत संविधान में महिलाओं के लिए बनाए गए 1. अधिकारों में समान पारिश्रमिक, स्वयं का सम्मान, घरेलू हिंसा से बचाव, महिलाओं की निजता या एकान्तता, हिंसा या दुव्यवहार पर उनके मान सम्मान के लिए उनकी पहचान को गोपनीय रखना, कार्यस्थल पर यौन शोषण न होना आदि को समझाया गया।

किरन रावत, फील्ड फैसिलिटेटर, डालियों का दगड़िया द्वारा नारी सम्मान पर कविताऐं व नारों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण का संदेश दिया गया। उन्होने कहा कि महिलाओं को आज के समय अपने विकास के लिए सजग व जागरूक होना बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि आज के डिजिटल युग ने महिलाओं को हर क्षेत्र जिसमें शिक्षा, रोजगार और नेतृत्व, रणनीतियों और अपने आस-पास के परिवेश को पहचानने की ओर केन्द्रित किया है। उन्होने कहा कि यह भी कटु सत्य है कि आज भी महिलाऐं लैंगिक समानता तथा भेदभाव का सामना कर रही है। आज भी महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए बहुत अधिक कार्य व जागरूकता की आवश्यकता है।

इस अवसर पर डालियों का दगड़िया संस्था द्वारा परियोजना क्षेत्र में महिलाओं द्वारा किए गए उत्कृष्ठ कार्यो के लिए उनको शॉल भेट कर सम्मानित किया गया। सभी महिलाओं द्वारा हर्षाेल्लास के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संगीत, कीर्तन भजन और अपने गांव के विकास में किए गए योगदानों को प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के अवसर पर पिंकी पंवार, ममता रावत, कृष्णा रावत, मीना पंवार, रवीना रावत, काजल बरियाल, विजयपाल रावत, दिनेश लाल, सांवली चौहान, सौणी देवी, विशला देवी, रूसना देवी, प्रमिला पैन्यूली, सविता मन्द्रवाल, विखा, ममता देवी, ममता भद्री, रजनी देवी, अनिता भट्ट, प्राची, रजनी देवी तथा 15 ग्रामों के प्रधान उपस्थित रहे।

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