दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और कम करने के लिए जीआरएपी लागू

@ नई दिल्ली

15.10.2024 से एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा लागू संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान  के साथ, एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए ज़िम्मेदार एजेंसियों द्वारा जीआरएपी के चरण I और II के तहत व्यापक और लक्ष्य विशिष्ट कार्रवाई की जा रही है। पूरे एनसीआर में जीआरएपी का चरण-I 15.10.2024 से और चरण-II 22.10.2024 से लागू है। 15.10.2024 – 31.10.2024 की अवधि के दौरान,  क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई निवारक उपाय शुरू किए गए। इस संबंध में विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाइयों का सारांश इस प्रकार है :

एनसीआर राज्यों द्वारा लक्षित कार्रवाइयों का पालन करने और निगरानी करने के लिए आयोग में एक जीआरएपी निगरानी नियंत्रण कक्ष की स्थापना: आयोग में 15.10.2024 से एक जीआरएपी निगरानी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका नेतृत्व सदस्य करते हैं। नियंत्रण कक्ष और राज्यों के संबंधित नोडल अधिकारियों के बीच सूचना के सुचारू प्रवाह के लिए एक समर्पित व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। ये नियंत्रण कक्ष पूरे सप्ताह चालू रहता है

एनसीआर राज्यों द्वारा की गई जीआरएपी कार्रवाइयों के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) साइटों का निरीक्षण और की गई कार्रवाई: जीआरएपी कार्रवाई के अनुसार, वायु प्रदूषण नियंत्रण के उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित एजेंसियों द्वारा सी एंड डी साइटों का निरीक्षण तेज कर दिया गया है। ऐसे निरीक्षणों के आधार पर,  नियमों का पालन न करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पूरे एनसीआर में 7000 से अधिक सी एंड डी साइटों का निरीक्षण किया गया और 597 गैर-अनुपालन साइटों पर पर्यावरण मुआवजा (ईसी) लगाया गया है और 56 साइटों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।

सड़क की धूल को नियंत्रित करने के लिए मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन, वॉटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन की तैनाती: धूल प्रदूषण को उसके स्रोत से ही नियंत्रित करने के लिए, पूरे एनसीआर में एमआरएसएम, वॉटर स्प्रिंकलर और एएसजी की संख्या को बढ़ा दिया गया है। अकेले दिल्ली में प्रतिदिन औसतन 81 एमआरएसएम तैनात किए गए हैं, जबकि हरियाणा और यूपी में, सड़कों पर धूल प्रदूषण रोकने के लिए प्रतिदिन 36 एमआरएसएम तैनात किए गए। इसी तरह, पूरे एनसीआर में दैनिक आधार पर औसतन लगभग 600 वाटर स्प्रिंकलर और एएसजी भी तैनात किए गए थे

वाहन क्षेत्र में प्रवर्तन कार्रवाई: पीयूसी न रखने, प्रत्यक्ष रूप से प्रदूषण फैलाने, सी एंड डी कचरा ले जाने आदि के मामलों में पालन न करने वाले वाहनों का चालान करने के लिए गहन अभियान चलाया गया। सड़क पर चलते पाए गए अधिक उम्र वाले वाहनों को भी जब्त कर लिया गया।  इस अवधि (15.10.2024 – 31.10.2024) के दौरान पूरे एनसीआर में पीयूसी न रखने के लिए कुल लगभग 54,000 वाहनों का चालान किया गया जबकि करीब 3900 अधिक उम्र वाले वाहनों को जब्त किया गया है।

एमएसडब्ल्यू प्रबंधन उपायों को लागू करना: पूरे एनसीआर में अवैध डंपिंग साइटों के लिए गहन निरीक्षण किए गए और अवैध स्थलों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की गई। ऐसे 5300 से अधिक निरीक्षण किये गये। इसी प्रकार, जीआरएपी अवधि के दौरान एमएसडब्ल्यू जलाने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।

औद्योगिक क्षेत्रों में प्रवर्तन कार्रवाई और डीजी सेट का प्रयोग: एनसीआर राज्यों की एजेंसियों द्वारा उद्योगों और डीजी सेटों का निरीक्षण करने तथा ईसी लगाने और/या क्लोजर जारी करके गैर-अनुपालन इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रवर्तन अभियान भी शुरू किया गया है। करीब 1400 उद्योगों और 1300 डीजी सेटों का निरीक्षण किया गया और अनुपालन न करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए जिम्मेदार संबंधित एजेंसियों द्वारा मौजूदा स्थिति के अनुसार जीआरएपी अवधि के दौरान इन प्रयासों को और तेज किया जाएगा।

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