@ मुंबई महाराष्ट्र :-
नौवें गोला-बारूद सह टारपीडो सह मिसाइल जहाज, एलएसएएम 23 (यार्ड 133) का अधिष्ठापन समारोह 12 मार्च, 2025 को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित किया गया। कमोडोर मनीष विग, जीएम (क्यूए), एनडी इस समारोह के मुख्य अतिथि थे।
ग्यारह एसीटीसीएम बजरों के निर्माण और सौंपे जाने का अनुबंध 05 मार्च, 2021 को एमएसएमई शिपयार्ड मेसर्स सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे के साथ संपन्न हुआ था।
आठ एसीटीसीएम पोत पहले ही सौंपे जा चुके हैं और शिपयार्ड को भारतीय नौसेना के लिए चार सलेज बार्ज नौकाओं के निर्माण एवं अंतरण हेतु भी एक अनुबंध दिया गया है, जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
शिपयार्ड ने एक भारतीय जहाज डिजाइनिंग फर्म के सहयोग से इन छोटे जहाजों को स्वदेशी रूप से डिजाइन किया है। इसके बाद इनकी समुद्री योग्यता सुनिश्चित करने के लिए विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला में सफलतापूर्वक मॉडल परीक्षण किया गया है। इन बजरों का निर्माण भारतीय नौवहन रजिस्टर के प्रासंगिक नौसेना नियमों और विनियमों के अनुसार किया गया है। ये छोटे सहायक पोत भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
इन बजरों के शामिल होने से भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को और बल मिलेगा, क्योंकि इससे भीतरी व बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों तक सामग्री/गोला-बारूद के परिवहन, चढ़ने तथा उतरने में सुविधा होगी।