@ नई दिल्ली :
हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाने वाली दवाइयों के बारे में जानकारी होना हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीयूष त्रिवेदी ने बताया कि कुछ दवाइयों का लंबे समय तक सेवन या उनका गलत तरीके से इस्तेमाल हृदय स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है। उन्होंने बताया कि इन दवाइयों का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
NSAIDs (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs):दर्द, सूजन और बुखार कम करने के लिए इस्तेमाल होने वाली ये दवाइयां, जैसे Ibuprofen और Naproxen, अस्थायी राहत देती हैं, लेकिन लंबे समय तक इनके उपयोग से रक्तचाप बढ़ सकता है और रक्त के थक्के बनने का खतरा हो सकता है।
Corticosteroids:सूजन कम करने के लिए दी जाने वाली Prednisone जैसी दवाइयां शरीर में अतिरिक्त सोडियम और पानी जमा कर सकती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ने और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है।
Decongestants: सर्दी और एलर्जी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली Pseudoephedrine जैसी दवाइयां दिल की धड़कन तेज कर सकती हैं और रक्तचाप को बढ़ा सकती हैं, जो हृदय रोगियों के लिए खतरनाक है।
Thyroid Medications:Levothyroxine जैसी थायरॉयड की दवाइयां हार्ट रेट और रक्तचाप को प्रभावित कर सकती हैं। इन्हें थायरॉयड के स्तर की नियमित निगरानी के साथ लेना चाहिए।
डायबिटीज की दवाइयां: कुछ दवाइयां, जैसे Thiazolidinediones (Pioglitazone) और Sulfonylureas, शरीर में पानी जमा कर सकती हैं और दिल पर दबाव डाल सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
Antidepressants:Tricyclic Antidepressants रक्तचाप बढ़ा सकते हैं और दिल की धड़कन तेज कर सकते हैं, जिससे हृदय रोग और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
Antipsychotic Medications:मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दी जाने वाली कुछ दवाइयां रक्तचाप में वृद्धि और हृदय समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।
क्या करें: इन दवाइयों का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह से करें। नियमित रूप से अपने हृदय स्वास्थ्य की जांच कराएं।स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जिसमें संतुलित आहार और नियमित व्यायाम शामिल हो।अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर ध्यान दें।
डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि आयुर्वेद और प्राकृतिक उपचारों से हृदय रोगों का जोखिम कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सही जीवनशैली और सतर्कता से हृदय रोगों को रोका जा सकता है।