@ नई दिल्ली
पोस्ट ग्रेजुएट इन्सॉल्वेंसी प्रोग्राम (PGIP), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ने आज मानेसर में देश भर से दिवालिया मामलों से जुड़ पेशेवरों, कानूनी विशेषज्ञों तथा एआरसी के विशेषज्ञों को एक साथ मंच पर लाकर सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
उद्घाटन समारोह में अनुज जैन, पल्लव मोहापात्रा, हरि हर मिश्रा और आईआईसीए में दिवालियापन एवं शोधन अक्षमता केंद्र के प्रमुख डॉ. के.एल. ढींगरा सहित उद्योग जगत के प्रतिष्ठित पेशेवर उपस्थित थे। डॉ. ढींगरा ने नियामक आईबीबीआई द्वारा PGIP के अस्तित्व के पीछे के मकसद के बारे में जानकारी दी।
कॉन्क्लेव में अनुज जैन और पल्लव मोहापात्रा सहित प्रमुख हस्तियों के मुख्य भाषण शामिल थे, जिनमें “रियल एस्टेट परियोजनाओं में दिवालियेपन का समाधान” विषय पर चर्चा हुई। मुख्य भाषण, प्रमुख रूप से रियल एस्टेट में दिवालियेपन के विकास और रियल एस्टेट क्षेत्र में संकटग्रस्त संपत्तियों के सफल समाधान देने में आईबीसी की भूमिका पर केंद्रित था। मोहापात्रा ने दिवाला मामलों से जुड़े पेशेवरों के सामने आने वाली चुनौतियों और क्षेत्र-विशिष्ट दिवाला समाधान के लिए ज़रुरी कौशल पर भी प्रकाश डाला।
पैनलिस्टों में इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल संस्थाओं, लॉ फर्मों, एआरसी और शिक्षाविद शामिल थे, जहां प्रमुख क्षेत्र विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।PGIP कॉन्क्लेव 2025 ने पेशेवरों के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करने और दिवाला क्षेत्र में बदलावों से अवगत रहने के लिए एक अहम मंच के रूप में कार्य किया।