@ नई दिल्ली
जी-20 श्रम एवं रोजगार मंत्रियों ने 26 जुलाई 2024 को ब्राजील के फोर्टालेजा में श्रम एवं रोजगार मंत्रिस्तरीय घोषणा को मंजूरी दी है। ब्राजील की अध्यक्षता में 25-26 जुलाई को दो दिवसीय श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक (एलईएमएम) के समापन के बाद अंतिम पाठ को मंजूरी दी गई।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने किया। जी-20 के पिछले और अगले मेजबान भारत और दक्षिण अफ्रीका के साथ ब्राजील भी इस ट्रोइका (त्रि-सदस्य) के सदस्य थे। श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक से पहले 23-24 जुलाई को 5वीं रोजगार कार्य समूह की बैठक हुई जिसमें अंतिम पाठ पर चर्चा की गई।
दो दिवसीय श्रम और रोजगार मंत्रियों ने श्रम और रोजगार ट्रैक के प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर अपने विचार प्रस्तुत किये जैसे न्यायसंगत बदलाव; गुणवत्तापूर्ण नौकरियों का सृजन और सम्मानजनक कार्यों को बढ़ावा देना सामाजिक समावेश सुनिश्चित करना और गरीबी एवं भूख को खत्म करना; लैंगिक समानता और कार्य की दुनिया में विविधता को बढ़ावा देना और सभी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साधन के रूप में प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना।
घोषणा में सरकारों द्वारा सक्रिय समावेशन नीतियों को विकसित करने और उनका समर्थन करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है जिसका उद्देश्य मजबूत स्थायी संतुलित और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देना हो। इसमें माना गया है कि औपचारिक नौकरियों का सृजन करना और सम्मानजनक कार्यों को बढ़ावा देना न्यायसंगत और समानता-आधारित आय वितरण हासिल करने के सबसे प्रभावी सामाजिक उपकरण हैं। घोषणापत्र में सम्मानजनक कार्यों का सृजन करने और बढ़ावा देने तथा प्रभावी श्रम बाजार नीतियों को लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है जैसे कौशल विकास प्रशिक्षण और आजीवन सीखने और नौकरी मिलान तक पहुँच अर्थव्यवस्था की कौशल आवश्यकताओं और माँगों के साथ संरेखण तथा सामाजिक भागीदारों से परामर्श। यह सरकारों से नौकरियों को औपचारिक बनाने प्लेटफ़ॉर्म कार्य के लिए उचित रूप से प्रतिक्रिया देने पर्याप्त स्तर के पारिश्रमिक को बढ़ावा देने पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा तक पहुँच प्रदान करने तथा सामाजिक संवाद और सामूहिक सौदेबाजी को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत उपाय करने का भी आग्रह करता है।
श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में न्यायसंगत बदलाव सत्र के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में करंदलाजे ने हरित विकल्पों की ओर न्यायसंगत और निष्पक्ष बदलाव सुनिश्चित करने के लिए कौशल और पुनर्कौशल की आवश्यकता पर जोर दिया। करंदलाजे ने कहा न्यायसंगत बदलाव के अंतर्गत विभिन्न आयाम हैं जिसमें कार्बन-गहन उद्योगों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने से प्रभावित हुए श्रमिकों और समुदायों की सुरक्षा शामिल है। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा पुनः प्रशिक्षण कार्यक्रमों और स्थायी उद्योगों में निवेश के एक मजबूत फ्रेमवर्क की आवश्यकता है। हालांकि अगर सावधानी से प्रबंधित नहीं किया गया तो हरित विकल्पों की ओर बदलाव से बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो सकती हैं और आर्थिक अस्थिरता हो सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा ऊर्जा दक्षता जल सतत कृषि स्वास्थ्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र स्थायी निवास-स्थान हरित भारत और जलवायु परिवर्तन के लिए रणनीतिक ज्ञान जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में राष्ट्रीय मिशन गठित किये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हरित नौकरियों के लिए क्षेत्र आधारित कौशल परिषद (सेक्टर स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स एसएससीजीजे) संबंधित क्षेत्रों में कुशल कार्यबल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सामाजिक समावेश सुनिश्चित करने और गरीबी और भूख को खत्म करने के लिए गुणवत्तापूर्ण नौकरियों के सृजन और सम्मानजनक काम को बढ़ावा देने पर सत्र के दौरान करंदलाजे ने बताया कि भारत ने 2017-18 से 2021-22 तक 80 मिलियन से ज़्यादा रोज़गार के अवसर पैदा किए हैं जो औसतन हर साल 20 मिलियन से ज़्यादा हैं और युवा बेरोजगारी दर 2017-18 के 17.8% से घटकर 2022-23 में 10% रह गई है। इस प्रकार श्रम बल में युवाओं की भागीदारी बढ़ी है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की एक राष्ट्र एक राशन कार्ड पहल प्रवासी श्रमिकों को देश भर में खाद्यान्न तक पहुँच प्रदान करती है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना जो दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है। यह योजना 550 मिलियन से ज्यादा नागरिकों को कवर करती है जो स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाती है।
कार्य की दुनिया में लैंगिक समानता और विविधता को बढ़ावा पर हस्तक्षेप के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने मजबूत विधायी उपायों के माध्यम से कार्यस्थल पर लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने हेतु सख्त प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करता है। इसके अलावा समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 में समान कार्य या समान प्रकृति के कार्य करने वाले पुरुषों और महिलाओं के लिए समान वेतन का प्रावधान किया गया है। एक अन्य महत्वपूर्ण कदम के तहत महिला कर्मचारियों के लिए सवेतन मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है जो सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों पर लागू होता है।
प्रत्येक के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साधन के रूप में प्रौद्योगिकियों के उपयोग विषय पर सत्र के दौरान करंदलाजे ने कहा कि भारत ने उद्यमिता और रोजगार के नए रास्ते खोलने के लिए डिजिटल इंडिया मिशन के माध्यम से डिजिटल प्लेटफार्मों का लाभ उठाया है। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया “भारत सरकार ने 2021 में ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया था जिसका उद्देश्य निर्माण श्रमिकों गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों स्ट्रीट वेंडर्स घरेलू कामगारों प्रवासी श्रमिकों सहित असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाना था जिसे विशिष्ट पहचान संख्या यानी आधार से जोड़ा गया था। अब तक अनौपचारिक क्षेत्र के 298 मिलियन से अधिक श्रमिकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
बैठक के दौरान केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट हौंगबो से मुलाकात की।उन्होंने ब्राजील के फोर्टालेजा में जी20 श्रम एवं रोजगार मंत्रियों की बैठक के दौरान जापान के स्वास्थ्य श्रम एवं कल्याण राज्य मंत्री मियाजाकी मासाहिसा से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत से जापान तक अर्ध-कुशल एवं कुशल श्रमिकों के आवागमन को और बढ़ाने की आवश्यकता सहित आपसी हितों के क्षेत्रों पर चर्चा की।