@ जम्मू और कश्मीर
पंचायती राज मंत्रालय भारतीय प्रबंधन संस्थान, जम्मू के सहयोग से 9 से 13 सितंबर, 2024 तक एक परिवर्तनकारी 5 दिवसीय आवासीय प्रबंधन विकास कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, और जम्मू एवं कश्मीर से जिला पंचायतों/ब्लॉक पंचायत समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, ग्राम पंचायतों के प्रमुख और विभिन्न पंचायत अधिकारियों सहित पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि और पदाधिकारी इस आगामी प्रबंधन विकास कार्यक्रम में भाग लेंगे।
इस प्रबंधन विकास कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के नेतृत्व, प्रबंधन और शासन कौशल को बढ़ाना है। इस पांच दिवसीय गहन कार्यक्रम में नेतृत्व, प्रबंधन एवं नैतिकता, संसाधन जुटाना और उनका एकीकरण, ग्रामीण नवाचार, परियोजनाओं का प्रभावी प्रबंधन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाएगा। प्रतिभागियों को विशेषज्ञों के सत्रों, केस स्टडी और संवाददात्मक चर्चाओं से लाभ होगा, जो उन्हें अपने समुदायों का अधिक प्रभावी ढंग से नेतृत्व करने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस स्वयं के स्रोत राजस्व को बढ़ाने पर है, जो वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने और पंचायतों को “सक्षम” बनाने के लिए आवश्यक है। अपनी वित्तीय आत्मनिर्भरता को मजबूत करके पंचायतें स्थानीय जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकती हैं और ग्रामीण विकास को आगे बढ़ा सकती हैं।
उम्मीद है कि यह कार्यक्रम भारत में स्थानीय शासन की प्रभावशीलता और दक्षता में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा और ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के लिए त्वरित विकास और बेहतर जीवन स्तर की सुविधा प्रदान करेगा। यह पहल स्थानीय शासन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर बेहतर सेवा वितरण के लिए पंचायतों को सशक्त बनाने में पंचायती राज मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस साल की शुरुआत में जनवरी 2024 में शुरू की गई नेतृत्व/प्रबंधन विकास कार्यक्रम की पहल पंचायती राज मंत्रालय का एक रणनीतिक प्रयास है। इसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और अधिकारियों के नेतृत्व और प्रबंधन कौशल को बढ़ाना है। इस कार्यक्रम को प्रतिभागियों के साथ-साथ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और प्रबंधन संस्थानों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जमीनी स्तर पर प्रभावी शासन को बढ़ावा देना और सार्वजनिक सेवा वितरण की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।