@ नई दिल्ली
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली के एनएएससी कॉम्प्लेक्स स्थित डॉ. सी. सुब्रमण्यम ऑडिटोरियम में 96वें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस 2024 का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी एवं राम नाथ ठाकुर, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्रालय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक हिमांशु पाठक भी उपस्थित रहे।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 96वें स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ पौधरोपण किया ।
केंद्रीय मंत्रियों व राज्य मंत्रियों ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 96वें स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया ।
इस अवसर पर फसलों की 25 किस्में जारी की और कुछ उत्पाद किसानों को समर्पित किये। पशु विज्ञान व मत्स्य विज्ञान के लिए वैक्सीन किट जारी की, साथ ही, फसलों के वेस्ट से बने विभिन्न उत्पाद भी जारी किये गये। इस अवसर पर वैज्ञानिकों को भी समानित किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कई प्रकाशन का विमोचन भी किया गया।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि हमारे देश में सीमांत किसान हैं। छोटी जोत के किसान के लिए मॉडल फॉर्म बनाने की ज़रूरत है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मा है और किसान उसकी रीढ़ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।
किसान एवं खेती प्रधानमंत्री जी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कृषि विविधिकरण कर देंगे तो किसानों की खेती में आय बढ़ाना संभव है। आज हम इसी संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। चौहान ने वैज्ञानिकों से कहा कि हम 4 साल के लक्ष्य निर्धारित करें और 4 साल के बाद हम कहें कि हमने यह लक्ष्य पूरे किये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो संकल्प लिया है कि भारत को 2047 तक विकसित बनायेंगे इसमें कृषि और कृषि संबंधित क्षेत्र ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा निभायेंगे। पशुपालन, मछलीपालन, गेंहूं उत्पादन, दलहन, तिलहन में उत्पादन बढ़ाना हो इसके लिए काम करना है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सारे वैज्ञानिक साल में एक महीना खेत में जाकर किसानों को सिखायें। सभी कृषि विश्वविद्यालय कैसे किसानों के लिए काम करें। कृषि विश्वविद्यालय, वैज्ञानिक और खेत एक साथ जुड़ने चाहिए। उत्पादन बढ़ाना ज़रूरी है लेकिन इस पर भी ध्यान देना ज़रूरी है कि मानव शरीर पर उसका क्या प्रभाव होगा। प्राकृतिक खेती पर भी अनुसंधान कीजिए।
केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने कहा कि आईसीएआर कितना कुछ कर रहा हैं वह लेबोट्ररी तक ही नहीं बल्कि खेत खलिहान तक है वो सब आज देखने को मिला है। हर क्षेत्र में आईसीएआर का काम दिख रहा है। नेनो यूरिया को तैयार कर किसानों की आय दुगनी करने में मदद करेगा। आईसीएआर कई तरह की खेती के विकल्प लेकर आया है जिससे किसानों का फायदा होगा। बघेल ने कहा कि अगर वर्गीकृत वीर्य को लेकर काम किया जाये तो 90 प्रतिशत बछिया पैदा होंगी ।
हमें प्रगति करनी है बहुत ज़रूरी है लेकिन हमें यह भी चिंता करने की आवश्यकता है कि मानव के लिए कोई परेशानी ना हो। आज डिजिटल क्रांति पर जोर देने की आवश्यकता है। देश में तिलहन और उत्पादन बढ़ा है इसके बावजूद भी और उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता है। पानी की कमी है, उत्पादकता को बढ़ाना है इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। किसानों में जनजागरण अभियान चलाकर कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) को शामिल करने की भी आवश्यकता है।
केंद्रीय मत्स्य पालन राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि भारत दुनिया में मछलियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। डॉ. हिमांशु पाठक ने कहा कि आईसीएआर ने प्रौद्योगिकी उपज के उपयोग से भारत को वैश्विक कृषि-निर्यातक बनने में मदद की है।