@ मुंबई महाराष्ट्र
वर्ष 2021-2022 के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश में उत्पन्न कुल नगरपालिका ठोस अपशिष्ट 1,70,339 टीपीडी था, इसमें से 1,56,449 टीपीडी एकत्र किया गया और 91,511 टीपीडी को संसाधित/उपचारित किया गया और 41,455 टीपीडी अपशिष्ट लैंडफिल में डाला गया।
बृहन्मुंबई नगर निगम के अनुसार, BMS सीमा के भीतर 6400 टीपीडी के बराबर नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पन्न होता है। इसमें से 5800 टीपीडी को बायो-रिएक्टर और कम्पोस्टिंग प्रौद्योगिकी के माध्यम से कांजुरमार्ग एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा में संसाधित किया जाता है और निपटान किया जाता है।
लगभग 600 टीपीडी का निपटान देवनार डंपिंग ग्राउंड में किया जाता है। इसके अलावा, BMS द्वारा डंपिंग ग्राउंड पर विभिन्न उपाय किए जाते हैं, जिसमें अन्य बातों के अलावा नगरपालिका ठोस अपशिष्ट को मिट्टी से ढंकना, कीट नियंत्रण के लिए नियमित रूप से फॉगिंग करना, नियमित रूप से परिवेशी वायु गुणवत्ता की निगरानी करना शामिल है, ताकि पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर नगरपालिका ठोस अपशिष्ट निपटान का न्यूनतम प्रभाव पड़े। BMS के अनुसार, वर्तमान में, डंपिंग ग्राउंड के आसपास बीमारियों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
BMS के अनुसार नगर निगम के ठोस कचरे के वैज्ञानिक निपटान और बिजली उत्पादन के लिए 600 टीपीडी क्षमता की ‘अपशिष्ट से ऊर्जा परियोजना’ शुरू की गई है। इस परियोजना को 15वें वित्त आयोग से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अनुदान के तहत धन प्राप्त हुआ है। निर्धारित समय-सीमा के अनुसार परियोजना चालू होने की तिथि अक्टूबर 2025 है। मुंबई में इस परियोजना से लगभग 7 मेगावाट बिजली पैदा होने का अनुमान है। इस परियोजना की पूंजी लागत लगभग 504 करोड़ रुपये है। यह जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।