कुरुक्षेत्र को सांस्कृतिक धरोहर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम

@ प्रजा दत्त डबराल नई दिल्ली

हरियाणा के करनाल में करन झील बैंक्वेट में पर्यटन मंत्रालय के उत्तरी क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 4 नवंबर, 2024 को द्वितीय महाभारत सर्किट सम्मेलन और परिचयात्मक (FAM) दौरे का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन हरियाणा सरकार के धरोहर एवं पर्यटन मंत्री, डॉ. अरविंद शर्मा ने किया। सम्मेलन का उद्देश्य कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना और महाभारत महाकाव्य से जुड़े सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर), डॉ. आर.के. सुमन ने हमारे सम्पादक प्रजा दत्त डबराल से बात करते हुए बताया कि केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा करीब 77 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है, जो ब्रह्म सरोवर और अन्य क्षेत्रों के विकास में उपयोग किया गया है।

डॉ. सुमन ने बताया कि इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि इसे मथुरा और वृंदावन जैसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों की तर्ज पर आकर्षक बनाया जा सके। गीता पर विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके ज्ञान को विश्व स्तर पर फैलाना चाहिए।

जनवरी 2024 में आयोजित पहले महाभारत सर्किट सम्मेलन की सफलता के बाद, इस बार सम्मेलन में इतिहासकारों, मीडिया पेशेवरों, विद्वानों, और पर्यटन उद्योग के प्रमुख प्रतिनिधियों सहित अनेक पर्यटन हितधारकों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य महाभारत से जुड़े स्थलों को विश्वभर में लोकप्रिय बनाना है, जिसमें कुरुक्षेत्र – महाभारत की युद्धभूमि – केंद्रबिंदु के रूप में उभर रहा है।

सम्मेलन में प्रमुख व्यक्तित्वों में हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. सुनील कुमार, इस्कॉन के उपाध्यक्ष मोहन गौर्चन्द्र प्रभु, घरेलू टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन (ADTOI) के पूर्व अध्यक्ष पी.पी. खन्ना और भारतीय होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन (FHRAI) के पूर्व अध्यक्ष मनबीर चौधरी शामिल थे।

कार्यक्रम में 170 से अधिक पर्यटन पेशेवर शामिल हुए, जिनमें टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंट्स, होटल संचालक, इन्फ्लुएंसर्स, और मीडिया प्रतिनिधि भी शामिल थे।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु

सत्रों में पर्यटन अवसंरचना, आवास, और सुविधाओं पर विशेष ध्यान देते हुए स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन पर चर्चा की गई। स्थानीय समुदायों की भागीदारी, पर्यटक सुविधाओं में सुधार और सेवा प्रदाताओं के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया गया, ताकि आगंतुकों को उच्च गुणवत्ता और प्रामाणिक अनुभव प्राप्त हो सके।

परिचयात्मक दौरा (FAM Tour)

5 नवंबर, 2024 को प्रतिभागियों के लिए एक एफएएम दौरा आयोजित किया गया, जिसमें उन्हें ब्रह्म सरोवर, श्री कृष्ण संग्रहालय, साइंस म्यूजियम और पैनोरमा, संहित सरोवर, बिरला मंदिर, और इस्कॉन मंदिर जैसे आकर्षण स्थलों का भ्रमण कराया गया। प्रतिभागियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आनंद लिया, जिसमें पुराने गीतों के साथ महाभारत के प्रसंगों को लाइट और साउंड शो के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम ने टूर ऑपरेटर्स को मंत्रमुग्ध कर दिया और माहौल को तालियों की गूंज से जीवंत बना दिया।

केंद्र सरकार का प्रयास

रामायण और कृष्ण सर्किट विकसित करने के बाद, केंद्र सरकार का अगला कदम महाभारत सर्किट का निर्माण करना है। पर्यटन मंत्रालय ने इस सर्किट के विकास के लिए अब तक 200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और इसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को भी शामिल करने का प्रयास जारी है।

प्रमुख आकर्षण स्थल

कुरुक्षेत्र क्षेत्र में प्रमुख पर्यटन स्थलों में ब्रह्म सरोवर, श्री कृष्ण संग्रहालय, भीष्म कुंड, ज्योतिसर, भद्रकाली मंदिर, स्थानेश्वर महादेव मंदिर, सूफी संत शेख चिहली का मकबरा, और गुरुद्वारा नवी पातशाही साहिब शामिल हैं। महाभारत से जुड़े इन स्थलों को विशेष रूप से संरक्षित किया गया है, जिससे पर्यटक इस पवित्र स्थल की सांस्कृतिक महत्ता को समझ सकें।

हरियाणा पर्यटन विभाग के अनुसार, कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध की याद में कई धार्मिक और पवित्र स्थलों का विकास किया गया है, जो करीब 147 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं।

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