@ नई दिल्ली
जगजीवन राम रेलवे सुरक्षा बल अकादमी, लखनऊ को सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानकों के असाधारण पालन की मान्यता में क्षमता निर्माण आयोग द्वारा प्रतिष्ठित “उत्कृष्ट/अति उत्कृष्ट” रेटिंग से सम्मानित किया गया है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि सिविल सेवा प्रशिक्षण में उत्कृष्टता की दिशा में अकादमी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 12 अगस्त, 2024 को आयोजित सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थान सम्मेलन के दौरान भारत के केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक मनोज यादव ने जगजीवन राम रेलवे सुरक्षा बल अकादमी के निदेशक और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि अकादमी को प्रदान किया गया यह सम्मान अकादमी के कर्मचारियों के अथक समर्पण और अनुकरणीय प्रयासों का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि यह अनूठी उपलब्धि सिविल सेवा प्रशिक्षण के मानकों को और ऊंचा करने के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह सम्मान केवल अकादमी के निरंतर विकास का प्रतीक है बल्कि इसे देश के छह सर्वश्रेष्ठ शीर्ष प्रशिक्षण संस्थानों में भी शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार की सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने की पहल के अनुरूप, सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानक अवसंरचना 18 जुलाई, 2022 को प्रस्तुत की गई थी। सिविल सेवा प्रशिक्षण के लिए दुनिया के पहले राष्ट्रीय स्तर के मानक के रूप में, इस अवसंरचना का लक्ष्य भारत भर के प्रशिक्षण संस्थानों में मानकों को ऊपर उठाना है।
मान्यता प्रक्रिया के लिए आठ प्रमुख स्तंभों: पाठ्यक्रम डिजाइन, संकाय विकास, प्रशिक्षण लक्ष्य, प्रशिक्षण सहायता, डिजिटलीकरण और प्रशिक्षण वितरण, सहयोग, प्रशिक्षण मूल्यांकन और संचालन तथा शासन के आधार पर एक व्यापक मूल्यांकन की आवश्यकता है। जगजीवन राम रेलवे सुरक्षा बल अकादमी ने उच्च मानकों और निरंतर सुधार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए इस कड़ी मूल्यांकन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया।
मूल्यांकन में कई चरण शामिल थे, जिसमें क्षमता निर्माण आयोग और राष्ट्रीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड की एक टीम द्वारा डेस्कटॉप मूल्यांकन और ऑन-साइट मूल्यांकन शामिल थे। इस पूरी प्रक्रिया में अकादमी के असाधारण प्रदर्शन का परिणाम यह हुआ कि इसे लगभग 149 प्रशिक्षण संस्थानों में से भारत के शीर्ष छह संस्थानों में से एक के रूप में मान्यता मिली, जिन्हें यह सम्मानित रेटिंग प्राप्त करने के लिए मूल्यांकन किया गया है।