@ नई दिल्ली :
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन आरोपों को खारिज कर दिया है कि एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक संघवाद के सिद्धांतों को कमजोर करता है। नई दिल्ली में टीवी चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होना कोई नई बात नहीं है। श्री शाह ने कहा कि भारत में एक देश एक चुनाव के तहत तीन चुनाव सम्पन्न हुए हैं।
उन्होंने कहा कि 1952 में सभी चुनाव एक साथ हुए थे।उन्होंने कहा, 1957 में, हालांकि चुनाव अलग-अलग तारीखों के लिए निर्धारित थे, इस दौरान आठ राज्यों की विधानसभाएं भंग कर दी गईं, जिससे एक साथ चुनाव संभव हो सके। श्री शाह ने कहा, इसके बाद भी, तीसरा चुनाव बड़े पैमाने पर एक राष्ट्र, एक चुनाव दृष्टिकोण का पालन करते हुए आयोजित किया गया था।
एक राष्ट्र एक चुनाव को राष्ट्रपति शैली का मॉडल बताये जाने और इससे भारतीय जनता पार्टी को लाभ मिलने के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है।गृह मंत्री ने दावों को खारिज कर दिया और कहा कि यह बिल्कुल गलत है। श्री शाह ने बताया कि कैसे 2014 और 2019 में ओडिशा में एक साथ हुए विधानसभा और आम चुनाव ने राज्य में भाजपा की सफलता की गारंटी सुनिश्चित नहीं की।