महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड ने किसानों की जमीन पर ठोका दावा

@ मुंबई महाराष्ट्र :

महाराष्ट्र के लातूर जिले में 100 से अधिक किसानों ने शनिवार को दावा किया कि वक्फ बोर्ड उनकी उस जमीन हड़पने का प्रयास कर रहा है जिस पर वे कई पीढ़ियों से खेती करते रहे हैं।

उन्होंने बताया कि यह दावा छत्रपति संभाजीनगर स्थित महाराष्ट्र राज्य वक्फ अधिकरण में दायर किया गया है और कुल 300 एकड़ जमीन रखने वाले 103 किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं।

किसानों में से एक तुकाराम कनवटे ने पीटीआई को बताया ये जमीनें पीढ़ियों से हमें विरासत में मिली हैं। ये वक्फ संपत्ति नहीं हैं। हम चाहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार हमें न्याय दे। इस मामले पर अदालत में दो सुनवाई हो चुकी हैं और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को है।

केंद्र सरकार ने इस साल 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था ताकि वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित किया जा सके और इसकी संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके। विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया है।

वक्फ का तात्पर्य इस्लामी कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित संपत्तियों से है। वक्फ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है ठहरना। वक्फ का मतलब है ट्रस्ट-जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना। इस्लाम में ये एक तरह का धर्मार्थ बंदोबस्त है। वक्फ उस जायदाद को कहते हैं जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं। ये चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है। ये दौलत वक्फ बोर्ड के तहत आती है।

वक्फ के पास काफी संपत्ति है जिसका रखरखाव ठीक से हो सके और धर्मार्थ ही काम आए इसके लिए स्थानीय से लेकर बड़े स्तर पर कई बॉडीज हैं जिन्हें वक्फ बोर्ड कहते हैं। तकरीबन हर स्टेट में सुन्नी और शिया वक्फ हैं। इनका काम उस संपत्ति की देखभाल और उसकी आय का सही इस्तेमाल है। इस संपत्ति से गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना मस्जिद या अन्य धार्मिक संस्थान को बनाए रखना शिक्षा की व्यवस्था करना और अन्य धर्म के कार्यों के लिए पैसे देने संबंधी चीजें शामिल हैं।

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