@ सिद्धार्थ पाण्डेय /चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम ) झारखंड
सेल बीएसएल डीएवी चिरिया माईंस मनोहरपुर के प्राचार्य एस के झा ने साक्षात्कार में बताया कि महात्मा गांधी ऐसी शख्सियत जिनके बारे में सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में पढ़ाया जाता है।
सम्मान में जिनके नाम के आगे महात्मा लगाया जाता है और प्यार से लोग जिन्हें बापू (राष्ट्रपिता) बुलाते हैं। उस व्यक्ति ने ऐसे कौन से काम किए थे, कि वो हमेशा के लिए अमर हो गए। जिनके जन्मदिन 2 अक्टूबर के मौके पर राष्ट्रीय अवकाश होता है। गांधी जी सत्य, अहिंसा और सादा जीवन जीने में विश्वास करते थे। उनका मानना था कि किसी भी समस्या को हल करने के लिए हिंसा का सहारा लेना गलत है। अपनी इसी विचारधार के साथ उन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई भी लड़ी।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सविनय अवज्ञा आंदोलन, स्वदेशी आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, दांडी यात्रा जैसे अहिंसात्मक आंदोलन चलाए। गांधी जी का दांडी मार्च (नमक आंदोलन) तो पूरी दुनिया के कई देशों के लिए अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ सत्याग्रह की मिसाल बना। जिसने बड़ी से बड़ी सत्ता को झुकने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने बच्चों को सत्य एवं अंहिसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे उनके बताए सभी मार्ग को अनुकरणीय बताया ।