@ नई दिल्ली :-
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 3-5 अप्रैल तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में सक्रिय रूप से भाग लिया है।

तेल एवं गैस PSU ने नए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने, सलाह देने और धन के व्यवस्था के लिए एक मजबूत ढांचे की स्थापना की है। स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में कुल 32 PSU समर्थित स्टार्टअप भाग ले रहे हैं। ओएनजीसी के स्टार्टअप फंड में पिछले पांच वर्षों में वैल्यूएशन के मूल्यसंवर्धन में 450% की वृद्धि हुई है जिसमें स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी के तहत इसका पहला ऑयलफील्ड स्टार्टअप वैलआरएक्स 120 से अधिक देशों में अपने ऊर्जा समाधानों का विस्तार कर रहा है।
इंडियन ऑयल ने अपनी इंड्स अप पहल के तहत 42 स्टार्टअप के लिए धन की व्यवस्था की है जिससे 86 बौद्धिक संपदाओं और 635 नौकरियों का सृजन हुआ। ऑयल इंडिया कलीशे प्राइवेट लिमिटेड जैसे डीपटेक उपक्रमों का सहयोग करता है। यह तेल के कुओं के लिए जैव रासायनिक रेत प्रवाह नियंत्रण में विशेषज्ञता रखता है और कार्बोनेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तेल और गैस क्षेत्र के लिए टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन समाधान विकसित करता है।
PSU अधिकारियों की विशेषज्ञ भागीदारी से स्टार्टअप महाकुंभ 2025 का महत्व मूल्य बढ़ गया है क्योंकि इससे स्टार्टअप को दशकों के उद्योग अनुभव और रणनीतिक समझ का लाभ मिलेगा। अग्रणी PSU तेल और गैस कंपनियों के कुल 14 वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुसंधान मुद्रीकरण, ईवी नवाचार, विनिर्माण एकीकरण और गतिशीलता समाधानों पर अपनी विशेषज्ञता साझा की। ओएनजीसी के अध्यक्ष उद्घाटन सत्र का हिस्सा थे। अन्य सत्रों में विद्युतीकरण के लिए निवेश रणनीतियों, ईवी नवाचार के लिए नीतिगत प्रोत्साहन, अंतिम छोर तक ईवी गतिशीलता में तेजी आदि पर समझ शामिल थी। इस कार्यक्रम में बीपीसीएल, ओएनजीसी, ऑयल इंडिया और एचपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी वाली “प्रयोगशाला से बाजार तक – अनुसंधान का मुद्रीकरण” शीर्षक से एक गोलमेज चर्चा की भी मेजबानी की गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित अपने उद्घाटन समारोह की शानदार सफलता के बाद स्टार्टअप महाकुंभ 2025 का विषय ‘स्टार्टअप इंडिया @ 2047: भारत की कहानी का अनावरण’ रखा गया है। इस आयोजन का काफी विस्तार हुआ है इसमें 11 विषयगत क्षेत्रों के 3,000 से अधिक स्टार्टअप्स के साथ-साथ 1,000 से अधिक निवेशक और इनक्यूबेटर भाग ले रहे हैं इससे नवाचार और उद्यमिता के लिए अनुकूल माहौल तैयार हो रहा है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने लगातार नवाचार का समर्थन किया है और उनको सहयोग दिया है। यह सहयोग और समर्थन 11 से 14 फरवरी तक यशोभूमि, द्वारका, दिल्ली में आयोजित भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 के दौरान देखने को मिला। ‘अविन्या’25 – ऊर्जा स्टार्टअप चैलेंज’ ने सीओ2 कैप्चर, ईएसजी समाधान और नवीकरणीय ऊर्जा में प्रगति करने वाले स्टार्टअप की पहचान की और उन्हें पुरस्कृत किया। इसके अतिरिक्त, ‘वसुधा – तेल और गैस स्टार्टअप चैलेंज’ ने ऊपरी क्षेत्र में स्थित तेल और गैस क्षेत्र में एआई-संचालित समाधानों में अग्रणी अंतरराष्ट्रीय स्टार्टअप को मान्यता दी।
अन्य सार्वजनिक उपक्रम भी नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। EIL की इंजीएसयू पहल ने 31 स्टार्टअप को 35 करोड़ रुपये का सहयोग दिया है। यह पहल औद्योगिक एंजाइम, कम्पोस्टेबल पॉलिमर और कार्बन कैप्चर में परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराती है। एचपीसीएल के एचपी उद्गम कार्यक्रम ने 29 स्टार्टअप को शुरू करने के लिए 35 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। इसमें माराल एयरोस्पेस भी शामिल है। यह सौर ऊर्जा से चलने वाले लंबी दूरी के ड्रोन विकसित करता है। बीपीसीएल के अंकुर कार्यक्रम ने 30 स्टार्टअप को 28 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है जिससे उन्हें 132 मिलियन डॉलर जुटाने और 300 मिलियन डॉलर का संचयी मूल्यांकन प्राप्त करने में मदद मिली है। गेल की पंख पहल ऊर्जा, रसद और औद्योगिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पाइपलाइन मरम्मत, बायोगैस उत्पादन और टिकाऊ सामग्रियों के निर्माण के क्षेत्र में समाधान करने वाले स्टार्टअप का समर्थन करती है।
इन सतत प्रयासों के माध्यम से, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और इसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एक प्रौद्योगिकी आधारित और टिकाऊ ऊर्जा तंत्र को बढ़ावा दे रहे हैं तथा स्टार्टअप्स को भारत के ऊर्जा परिवर्तन और नवाचार परिदृश्य का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बना रहे हैं।
