@ मुंबई महाराष्ट्र
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 की घोषणा के अनुसार, आज मुंबई में बजट के बाद हितधारकों से बातचीत में, MSME को बिना किसी सहायक के मशीनरी या उपकरण की खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये तक के क्रेडिट की सुविधा हेतु MSME (एमसीजीएस – MSME) के लिए म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना शुरू की।
केंद्रीय मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से मुंबई में पहले ‘सचल आयकर सेवा केंद्र’ का भी उद्घाटन किया, जो 18 और 19 फरवरी,2025 को नेवी नगर कोलाबा में शुरू होगा और इसे डिजिटल सेवाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने, शिकायत निवारण के लिए सहायता प्रदान करने और कर जागरूकता को प्रोत्साहन देने के लिए तैयार किया गया है।
इसी समारोह में सीतारमण ने एसबीआई वेंचर्स लिमिटेड के स्वामी निवेश फंड से लाभ पाने वाले घर के मालिकों को औपचारिक चाबियां भी प्रदान कीं। केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त) पंकज चौधरी, सचिव (वित्त) तुहिन कांता पांडेय, सचिव (डीईए) अजय सेठ, सचिव (व्यय विभाग) डॉ. मनोज गोविल, सचिव (वित्तीय सेवाएं विभाग) एम. नागराजू, सचिव (दीपम) अरुणीश चावला, सीबीडीटी अध्यक्ष रवि अग्रवाल और सीबीआईसी के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल भी इस अवसर पर मौजूद थे।
अपने मुख्य भाषण में सीतारमण ने कहा कि सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए पूंजीगत व्यय के आवंटन में बढ़ तरी के साथ अपनी कोविड के बाद की पूंजी और संपत्ति-निर्माण रणनीति जारी रखी है। वित्त मंत्री ने बजट 2025-26 के प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित किया, जिसमें आर्थिक विकास, समझदारी भरा राजकोषीय प्रबंधन और विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के उद्देश्य से प्रमुख संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया।
पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी
कोविड के बाद से संपत्ति निर्माण में सार्वजनिक व्यय पर सरकार का जोर जारी है और इसलिए, बजट 2025 -26 में पूंजीगत व्यय पिछले बजट (वोट-ऑन-अकाउंट 2024-25) की तुलना में 10.2 प्रतिशत ज्यादा है। पूंजीगत व्यय बजट में काफी बढ़ोतरी हुई है और यह लगभग 16 लाख करोड़ रुपये हो गया है, वित्त मंत्री ने बताया।
अनुसंधान एवं विकास और एसटीईएम को प्रोत्साहन
अनुसंधान और विकास के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के साथ, विशेष रूप से एसटीईएम क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को सहयोग देने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं उन्होंने आर्थिक नींव को सुदृढ़ करने के लिए विनिर्माण, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) और सामाजिक बुनियादी ढांचे में चल रहे सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
राजकोषीय समेकन, राजकोषीय घाटे को कम करने पर फोकस
सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 4.5% से नीचे लाने के स्पष्ट रोडमैप के साथ राजकोषीय समेकन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। उधार ली गई पूंजी परिसंपत्ति निर्माण पर केंद्रित हैं, जो सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित करता है। उन्होंने आश्वासन दिया, हम वित्त वर्ष 2030-31 तक ऋण-से-जीडीपी अनुपात को 50% तक लाने की राह पर हैं। यह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा या इंफ्रास्ट्रक्चर के निवेश से समझौता किए बिना वित्तीय स्थिरता के प्रति हमारे अनुशासित दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है”।
नागरिकों को खपत, बचत और निवेश के प्रति प्रोत्साहित करना
यह बजट आर्थिक गति सुनिश्चित करते हुए खपत को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित है कर रियायतें देकर हम करदाताओं को खर्च करने, बचत करने और निवेश करने के योग्य बना रहे हैं, जिससे उन्हें वित्तीय निर्णय लेने की आजादी मिल रही है जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप है।
नया आई–टी अधिनियम
आयकर अधिनियम, 1961 को नए कानून द्वारा बदलने करने की तैयारी है, जो वर्तमान में चयन समिति के अंतर्गत समीक्षा में है। 60,000 इनपुट प्राप्त होने के साथ, यह सबसे व्यापक कर सुधार अभ्यासों में से एक है और जन-भागीदारी की भावना को प्रदर्शित करता है। नया कानून प्रावधानों को जोड़ कर, अनुच्छेदों की संख्या 800 से घटाकर 500 कर और बेहतर व्याख्या के लिए भाषा को सरल बनाकर जटिलता को कम करेगा। वित्त मंत्री ने इस महत्वपूर्ण कार्य को छः महीने के भीतर पूरा करने के लिए सीबीडीटी की सराहना करते हुए कहा, यह कराधान में सरलीकरण और पारदर्शिता की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास है। हमारा उद्देश्य प्रत्येक करदाता के लिए अनुपालन को आसान और अधिक कुशल बनाना है”।
निवेश के लिए नए क्षेत्रों – अंतरिक्ष, ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज को खोलना
अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों को निवेश के लिए खोल दिया गया है, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और तकनीकी प्रगति सुनिश्चित हुई है। ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने टिप्पणी की, डेटा सेंटर और औद्योगिक विस्तार में बढ़ोतरी के साथ, हमारे ऊर्जा क्षेत्र को इसके अनुसार ही बढ़ना चाहिए। सरकार की ओर से महत्वपूर्ण खनिजों के आयात के लिए कई देशों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के साथ MSME लोन गारंटी योजना अब महत्वपूर्ण खनिजों तक फैल गई है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय बजट में 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क की पूर्ण छूट की घोषणा की गई है। इससे अंतरिक्ष, रक्षा, दूरसंचार, उच्च तकनीक इलेक्ट्रॉनिक्स, परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा, जहां ये महत्वपूर्ण दुर्लभ भू खनिज हैं।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य
शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुख प्राथमिकताएं बनी हुई हैं, उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए छात्र लोन सहायता के लिए अधिक विश्वविद्यालयों पर विचार किया जा रहा है। बीमा क्षेत्र को आवश्यक सुरक्षा उपायों के साथ खोल दिया गया है, जिससे वित्तीय सुरक्षा बनाए रखते हुए व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। केंद्रीय बजट 2025 ने बीमा क्षेत्र की क्षेत्रीय सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% कर दिया गया है।
बेहतर कृषि उत्पादकता के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना
खाद्य सुरक्षा को संबोधित करते हुए, वित्त मंत्री ने पीएम धन धान्य कृषि योजना को शुरू करने पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य कम कृषि उत्पादन के लिए जाने जाने वाले 100 जिलों में कृषि उत्पादकता में सुधार करना है। यह कार्यक्रम 1.7 करोड़ किसानों को कृषि उत्पादकता बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करने और दीर्घकालिक और अल्पकालिक क्रेडिट सुवधा प्रदान करने में मदद करेगा। ग्रामीण भारत में खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना सर्वोपरि है, और यह पहल हमारे किसानों का उत्थान करेगी और उत्पादकता को प्रोत्साहन देगी, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, उन्होंने कहा।
हितधारकों के साथ बातचीत के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिसकी कार्यवाही यहां देखी जा सकती है।