@ नई दिल्ली :
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘37th Intelligence Bureau Centenary Endowment Lecture’ दिया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो के निदेशक, आसूचना ब्यूरो के कई पूर्व निदेशक, केन्द्रीय पुलिस बलों और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक, आसूचना ब्यूरो और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले 5 साल में देश में कई प्रकार के खतरों से निर्णायक लड़ाई लड़कर वर्चस्व स्थापित किया है। 5 साल पहले तक हमारे देश के सामने दशकों से चले आ रहे तीन नासूर-पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद और कश्मीर देश की शांति, कानून-व्यवस्था, सुरक्षा और भविष्य को चैलेंज दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सख्त नीतियों और कठोर निर्णयों के कारण हमारी आने वाली पीढ़ी को इन तीनों खतरों की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने इन खतरों पर लगभग निर्णायक विजय प्राप्त कर ली है। शाह ने कहा कि इन तीनों क्षेत्रों में हिंसक घटनाओं में 70% और मृत्यु में लगभग 86% की कमी दर्ज हुई है।
अमित शाह ने कहा कि सूचना ब्यूरो की कार्यपद्धति, सतर्कता, सक्रियता, निर्णायक भूमिका निभाना और यश लेने के समय किसी और को आगे करने की त्याग और समर्पण की एक परंपरा ने आज देश को सुरक्षित रखा हुआ है। पिछले 10 साल में आसूचना ब्यूरो की तत्परता, तीक्षणा और परिणाम लाने की क्षमता में काफी सुधार हुआ है। आसूचना ब्यूरो ने अपनी निष्ठा, साहस, त्याग और समर्पण की परंपरा को न केवल बरकरार रखा है बल्कि इसे आगे भी बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक चुनौतियों के सामने कठिन परिस्थितियों में विगत 5 साल में आसूचना ब्यूरो ने देश को सुरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि किसी भी इंटेलिजेंस एजेंसी का इकोसिस्टम देश की सुरक्षा के आधार के साथ-साथ देश के भविष्य और विकास की मूल ज़रूरत भी होता है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश एक सशक्त इंटेलिजेंस इकोसिस्टम के बिना आगे नहीं बढ़ सकता क्योंकि इसके बिना देश की संप्रभुता और आर्थिक विकास संभव नहीं है।
अमित शाह ने कहा कि आज के ज़माने में संप्रभुता के दायरे सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं हैं। अगर हम इनोवेशन, तकनीक, अर्थव्यवस्था, संसाधनों, शोध और अनुसंधान की प्रक्रिया को संप्रभुता की व्याख्या में शामिल नहीं करते हैं, तो हम देश को सुरक्षित नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इन सभी क्षेत्रों की सुरक्षा में अगर थोड़ी सी भी चूक होती है तो हमारी संप्रभुता आहत होगी। इसलिए इसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। शाह ने कहा कि सुरक्षा अब सीमा और नागरिकों की सुरक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि सुरक्षा की व्याख्या में हमें आज कुछ नए बिंदु भी जोड़ने पड़ेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) और साइबर स्पेस जैसे क्षेत्रों में हो रहे तेज़ परिवर्तनों के प्रति सजगता बढ़ानी पड़ेगी। आज सिर्फ भौतिक नुकसान करने वाले देशविरोधी तत्वों से सजग रहने से ही हमारा काम पूरा नहीं होता और हमें आज के परिदृश्य में सजगता के मायने बदलने पड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि इंफॉर्मेशन और डाटा, विकास के बहुत बड़े टूल हैं, इन्हे सुरक्षित रखने के लिए हमारी परंपरागत पद्धतियों के साथ-साथ Mode, Method और Mechanism आदि में आमूलचूल परिवर्तन करना पड़ेगा। शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में इसके लिए आसूचना ब्यूरो को तैयार और टेक्नोलॉजी से लैस करने की रिस्पॉन्सिबिलिटी युवा अफसरों पर होगी।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के विज़न के अनुरूप 2047 तक एक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के लिए इन सभी संभावित खतरों को विजुलाइज करना पड़ेगा और देश को इनसे सुरक्षित करने का पूरा रोड मैप भी तैयार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास और देश में शांति व स्थिरता तभी संभव है जब हम नई विस्तृत व्याख्या के अनुसार अपने काम को एक नया आकार दें, नई तैयारी करें और सजग हो जाएं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 10 साल में आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद, नारकोटिक्स और अराजक तत्वों के खिलाफ बहुत बड़ी सफलताएं प्राप्त हुई हैं। केंद्र सरकार ने 2014 से Whole of Government Approach के साथ आतंकवादनिरोधी क्षमताओं में वृद्धि की है और इनमें मजबूती भी आई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एजेंसियों के सशक्तिकरण और उनकी शक्ति के विस्तार के लिए कई काम किए हैं और राज्यों तथा एजेंसियों के समन्वय पर भी बहुत फोकस किया गया है। एजेंसियों को कानून की ताकत मुहैया कराकर अनेक कानूनों में बदलाव कर एजेंसियों के हाथ मजबूत करने का भी काम किया गया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विगत 10 वर्षों में भारत रीजनल लीडर से ग्लोबल लीडर बनने की यात्रा पूरी कर चुका है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में आउटसाइडर समझा जाने वाला भारत अब खुद न केवल महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन करता है, बल्कि कूटनीति, आर्थिक और सुरक्षा के क्षेत्र की दशा और दिशा निर्धारित करने की शक्ति भी भारत ने प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि इसे बरकरार रखना हमारा जिम्मेदारी है।
अमित शाह ने कहा कि misinformation से अलगाववाद को भड़काना, सांप्रदायिक दंगे, सोशल मीडिया के जरिए नारको ट्रेड, साइबर्स स्पाई और क्रिप्टो करेंसी के मामले भी एक अलग प्रकार का चैलेंज बनकर आज हमारे सामने खड़े हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के लिए भी हमें अपनी एजेंसियों को परंपरागत तरीकों से बाहर निकाल कर नए तरीके से तैयार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमें Out of the Box जाकर इनसे लड़ने के रास्ते ढूंढने पड़ेंगे, क्योंकि जब चुनौतियां बदलती हैं तो हमें उपाय भी बदलने पड़ेंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आसूचना ब्यूरो को विकसित भारत की संकल्पना को साकार करना है तो कटिंग एज इंटेलिजेंस एजेंसी बनने के लिए खुद को तैयार करना होगा। इसके लिए युवा अफसरों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी सुरक्षा एजेंसी की सफलता का आधार जनशक्ति और अपने कर्मियों को प्रशिक्षण देने की क्षमता होता है। उन्होंने कहा कि हमें दुष्प्रचार के खिलाफ भी एक मजबूत इकोसिस्टम बनाना होगा। गृह मंत्री ने कहा कि दुष्प्रचार फैलाने के प्रयासों को हमें जीरो तक ले जाने के लिए हमारे पास रणनीति और टेक्नोलॉजी के साथ ही तत्परता भी होनी चाहिए।