निमाती-कमलाबाड़ी चैनल के बीच फेरी सेवा फिर से शुरू

@ गुवाहाटी असम

भारत सरकार के पत्‍तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत अंतर्देशीय जलमार्गों की नोडल एजेंसी, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने निमाती-कमलाबाड़ी चैनल में नौका सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए गाद निकालने का काम सफलतापूर्वक शुरू किया।

IWAI के विशेषज्ञों के नेतृत्व में टीम, चैनल के मुहाने से सफलतापूर्वक बड़ी मात्रा में गाद हटाने के लिए टग बोट खुदीराम बोस के साथ सीएसडी अलकनंदा का उपयोग कर रही है, जिससे सुरक्षित मार्ग और नौका सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए चैनल के मुहाने पर 2 मीटर लीस्‍ट एश्‍योर्ड ड्राफ्ट (एलएडी) को पुनः प्राप्त करने की अनुमति मिली है। एलएडी के 0.50 मीटर से कम हो जाने के बाद इस खंड में नौका सेवा बंद हो गई थी।

केन्‍द्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवालने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, IWAI और असम सरकार द्वारा गाद ड्रेजिंग ऑपरेशन सहित त्वरित प्रयासों ने एनडब्ल्यू 2 (ब्रह्मपुत्र) पर मजुली और जोरहाट के बीच नौका सेवाओं की बहाली सुनिश्चित की है। डबल इंजन सरकार नागरिकों के कल्याण के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित कर रही है।

नौका सेवा 20 अक्टूबर से बाधित या रुकी हुई हैं। असम सरकार ने चैनल खोलने, नौका सेवा फिर से शुरू करने के लिए गाद वाले चैनल में ड्रेजिंग और फेयरवे के विकास के अन्य साधनों के आवेदन का अनुरोध किया। जहाज मजुली के लिए निमाती-अफलामुख मार्ग का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें 2.5 मीटर से अधिक एलएडी है।

हांलाकि नौकाओं की भारी आवाजाही को ध्‍यान में रखते हुए एक रूट पर्याप्‍त नहीं है और निमाती-कमलाबाड़ी चैनल का हमेशा चालू रहना जरूरी है। IWAI टीम द्वारा सर्वेक्षण के बाद, कार्य योजना तैयार की गई जिसे असम के परिवहन मंत्री केशव महंत की 23 अक्टूबर को चैनल की स्थिति का आकलन करने के लिए की गई यात्रा के दौरान उनके समक्ष प्रस्तुत किया गया।

परिणामस्वरूप, ड्रेजिंग यूनिट – सीएसडी अलकनंदा, पाइपलाइन, एंकर पोंटून और एक टग (वर्क बोट) खुदीराम बोस – को डिब्रूगढ़ से ले जाया गया। चैनल की तेजी से सफाई के लिए जेट ड्रेजिंग और पाइपलाइन ड्रेजिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया जबकि ब्रांच चैनल को अवरोध बनाने के लिए बैंडलिंग का इस्तेमाल किया गया है।

चुनौतियों के बारे में IWAI के निदेशक (आई/सी), प्रबीन बोरा ने कहा, यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था क्योंकि एलएडी काफी कम हो गया था जिससे नावों के लिए नौकायन असुरक्षित हो गया था। असम सरकार के आईडब्‍ल्‍यूटी विभाग के अधिकारियों के साथ, हमने एक कार्य योजना बनाई और बोगीबील में चल रहे काम से ड्रेजिंग यूनिट को यहाँ ले आए। अगले चार दिन तक (25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक), हमारी टीम ने चैनल के मुहाने को साफ करने के लिए चौबीसों घंटे काम किया। चैनल में ड्रेजिंग की जाने वाली न्यूनतम लंबाई लगभग 2 किलोमीटर है और हमने एक मोटा अनुमान लगाया कि हज़ारों क्यूबिक मीटर गाद निकाली जानी है।

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