@ नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तथा केन्द्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग क्षेत्र में कई बड़े सुधार किए गए हैं, जैसे बेहतर पहुंच एवं सेवा उत्कृष्टता का क्रियान्वयन, दिवाला एवं दिवालियापन संहिता का अधिनियमन, मजबूत ढांचागत शासन तैयार करना, राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड की स्थापना, पीएसबी का विलय आदि।
केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठकों में पीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ कई मौजूदा एवं उभरते मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। सुधारों एवं नियमित निगरानी ने कई चुनौतियों का समाधान किया है। इसके परिणामस्वरूप ऋण अनुशासन, संकटग्रस्त परिसंपत्तियों की पहचान एवं समाधान, उत्तरदायी ऋण, बेहतर शासन, वित्तीय समावेशन पहल, प्रौद्योगिकी अपनाने आदि के लिए उन्नत प्रणालियां एवं प्रक्रियाएं स्थापित की गई हैं। इन उपायों से बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय स्थिति में सुदृढ़ता बनी हुई है, जो पीएसबी के प्रदर्शन में इस प्रकार परिलक्षित होती है:
- कुल कारोबार 236.04 लाख करोड़ रुपये (सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि) रहा।
- वैश्विक ऋण और जमा पोर्टफोलियो में साल-दर-साल आधार पर 12.9 प्रतिशत और 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह क्रमशः 102.29 लाख करोड़ रुपये और 133.75 लाख करोड़ रुपये रहा।
- वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के लिए परिचालन और शुद्ध लाभ 1,50,023 करोड़ रुपये (सालाना आधार पर 14.4 प्रतिशत की वृद्धि) और 85,520 करोड़ रुपये (सालाना आधार पर 25.6 प्रतिशत की वृद्धि) रहा।
- सितंबर 2024 तक सकल और शुद्ध एनपीए 3.12 प्रतिशत और 0.63 प्रतिशत रहा (सालाना आधार पर सकल और शुद्ध एनपीए में क्रमशः 108 बीपीएस और 34 बीपीएस की गिरावट आई)।
- सितंबर 2024 को पूंजी से आरडब्ल्यूए संपत्ति अनुपात 11.5 प्रतिशत की नियामक आवश्यकता के मुकाबले 15.43 प्रतिशत रहा।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एआई/क्लाउड/ब्लॉकचेन आदि जैसी नई तकनीकें अपनाने, मौजूदा डिजिटल बुनियादी ढांचे को उन्नत करने, साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक प्रणालियां/नियंत्रण स्थापित करने और सर्वोत्तम ग्राहक सेवाएं प्रदान करने के लिए कई कदम उठाने में भी महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई है।