@ गांधीनगर गुजरात
नरेन्द्र मोदी के बतौर मुख्यमंत्री परिवर्तनकारी कार्यकाल से लेकर प्रधानमंत्री के रूप में दूरदर्शी नेतृत्व तक, गुजरात अभूतपूर्व विकास का गवाह बना है। पिछले 23 वर्षों में गुजरात ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास की लंबी छलांग लगाकर आज एक अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है। गुजरात ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
गुजरात आज रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिए पथप्रदर्शक बन गया है। राज्य ने बिजली उत्पादन की कुल 52,424 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल की है, जिसमें से 50 फीसदी यानी 25,472 मेगावाट ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से आती है। गुजरात इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंचने वाला पहला राज्य बना है, जो भारत में स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा को प्रोत्साहन देने में राज्य के प्रभावी नेतृत्व को प्रदर्शित करता है।
गुजरात में नवीकरणीय ऊर्जा : 2024 में 6512 मेगावाट की वृद्धि
मार्च 2023 के आंकड़ों पर यदि नजर डालें, तो गुजरात की बिजली उत्पादन क्षमता 45,912 मेगावाट थी, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 19,435 मेगावाट था। 2024 तक इस क्षमता में 6512 मेगावाट की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें 6036 मेगावाट नवीकरणीय स्रोतों से आ रही है। यह उल्लेखनीय वृद्धि स्वच्छ ऊर्जा के लिए गुजरात की दृढ़ प्रतिबद्धता और भारत के व्यापक सस्टेनेबिलिटी मिशन में उसके नेतृत्व को दर्शाती है।
हालांकि, यह उल्लेखनीय परिवर्तन रातोंरात नहीं हुआ है। गुजरात ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए सौर, पवन और हाइब्रिड एनर्जी परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश किया है। गुजरात वह राज्य है, जिसने नवाचार को लगातार बढ़ावा दिया है, नीति–अनुकूल वातावरण बनाया है और सार्वजनिक एवं निजी, दोनों क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित कर अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है।
मजबूत नेतृत्व और विजन के माध्यम से गुजरात में हरित क्रांति को मिला प्रोत्साहन
गुजरात में ऊर्जा क्षेत्र में हुई क्रांति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व का नतीजा है। उनके मार्गदर्शन में राज्य ने नवीकरणीय ऊर्जा को केंद्र में रखकर अपनी रणनीति तैयार की है। राज्य के नागरिकों की बिजली की मांग को पूरा करने के साथ–साथ आने वाली पीढ़ी के लिए स्वच्छ और हरित भविष्य का निर्माण भी सुनिश्चित किया गया है। राज्य सरकार ने सक्रिय नीतियां बनाकर सार्वजनिक परियोजनाओं में व्यापक रूप से निवेश को बढ़ावा दिया है। इसके साथ ही, नवीकरणीय ऊर्जा की पहलों में निजी क्षेत्र की भागीदारी के दरवाजे भी खोले हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों में 43,450 करोड़ रुपए का निवेश
गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा के लिए प्रतिबद्धता दिखाकर टिकाऊ भविष्य को सुरक्षित करना चाहता है। नवीकरणीय ऊर्जा की दीर्घकालिक क्षमता पर विचार कर राज्य ने पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों में 43,450 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जो पारंपरिक बिजली उत्पादन क्षेत्र में निवेश किए गए 28,864 करोड़ रुपए से बहुत अधिक है।
गुजरात ने नवीकरणीय ऊर्जा की आवश्यकता और फायदों को ध्यान में रखकर आने वाले वर्षों में 7130 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ने का लक्ष्य रखा है। गुजरात सौर, पवन और हाइब्रिड एनर्जी परियोजनाओं के माध्यम से पर्यावरणीय फुटप्रिंट को कम करके नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि को सुनिश्चित करेगा।
चारणका सोलर पार्क और ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट से आएगी क्रांति
आज गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन गया है, इसका कारण यह है कि राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं केवल गांवों तक ही सीमित नहीं हैं। गुजरात ने 500 मेगावाट की क्षमता वाले चारणका सोलर पार्क का निर्माण किया है, जो भारत के सबसे बड़े सोलर पार्कों में से एक है। आज यह सोलर पार्क 749 मेगावाट बिजली पैदा करता है और यहां कई छोटे–बड़े सोलर प्लांट हैं। इस पार्क ने गुजरात के ग्रिड में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ ही रोजगार का सृजन भी किया है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति दी है।
गुजरात पीपावाव के निकट भारत का पहला ऑफशोर विंड प्रोजेक्ट स्थापित करने की योजना बना रहा है, जिसकी अनुमानित क्षमता 2 गिगावाट होगी। यह परियोजना राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि करने के साथ ही लाखों टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगी, जिससे भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में गुजरात की स्थिति और भी मजबूत बन जाएगी।
गुजरात स्थापित कर रहा है वैश्विक बेंचमार्क
भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति का अग्रदूत, गुजरात स्वच्छ ऊर्जा अपनाने के मामले में वैश्विक बेंचमार्क स्थापित कर रहा है। मोढेरा सोलर विलेज, चारणका सोलर पार्क और आगामी ऑफशोर विंड फार्म जैसी नवीनतम परियोजनाओं के जरिए गुजरात यह दिखा रहा है कि कैसे दूरदर्शी नीतियां और रणनीतिक निवेश एक टिकाऊ भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा के लिए गुजरात की प्रतिबद्धता बिजली उत्पादन करने से कहीं अधिक विशेष है। ‘ग्रीन गुजरात’ के संकल्प के साथ हमारा राज्य एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहा है, जो पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार, आर्थिकरूपसेसमृद्धऔरसामाजिकरूपसेसमावेशीहो।